Sunday, September 15, 2024
Homeदेश-समाजमजहबी कारणों से केरल में 2300 शिक्षकों ने नहीं ली कोरोना वैक्सीन, वामपंथी सरकार...

मजहबी कारणों से केरल में 2300 शिक्षकों ने नहीं ली कोरोना वैक्सीन, वामपंथी सरकार ने दी घर पर ही रहने की ‘विशेष छूट’

केरल सरकार ने वैक्सीन ना लेने वाले शिक्षकों को छूट दी है। सरकार ने कहा कि जिन शिक्षकों ने वैक्सीन नहीं ली उन्हें पहले दो सप्ताह तक स्कूल नहीं आना चाहिए और कुछ समय के लिए ऑनलाइन कक्षाएँ जारी रखनी चाहिए।

देश भर में मुफ्त कोरोना वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि जन-जन को जल्द से जल्द वैक्सिनेट किया जाए ताकि उन्हें कोरोना से एक सुरक्षा कवच मिले। लेकिन, इन सभी प्रयासों के बीच केरल से खबर आई है कि वहाँ 2,300 शिक्षकों और 300 गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने मजहबी कारणों का हवाला देते हुए वैक्सीन लेने से इनकार कर दिया है और अजीब बात यह है कि वहाँ की राज्य सरकार ने भी उन्हें इससे छूट दे दी है।

कुछ समूह ऐसे हैं जो मजहबी कारणों और मेडिकल ग्राउंड पर वैक्सीन नहीं ले रहे। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बहाने ज्यादातर अस्थिर होते हैं और साइंस के ख़िलाफ़ हैं। दूसरी ओर, केरल सरकार ने वैक्सीन ना लेने वाले शिक्षकों को छूट दी है। सरकार ने कहा कि जिन शिक्षकों ने वैक्सीन नहीं ली उन्हें पहले दो सप्ताह तक स्कूल नहीं आना चाहिए और कुछ समय के लिए ऑनलाइन कक्षाएँ जारी रखनी चाहिए। जिसके चलते वे घर पर ही रह रहे हैं।

बता दें कि कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में एक नाम केरल का भी रह चुका है। तब भी, केरल में यह घटना ऐसे समय में आई है जब अन्य राज्यों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मजहबी समूहों ने अपने अनुयायियों को वैक्सीन लेने के लिए कहा है। बात चाहे अमेरिका, इजरायल, रूस की हो या इंडोनेशिया सऊदी अरब, मिस्र की हर जगह कोविड वैक्सीन के लिए बड़े मजहबी समूह अपील कर रहे हैं कि लोग कोरोना वैक्सीन लगवाएँ। ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को तो चिकित्सा और धार्मिक निकायों द्वारा शरिया के अनुरूप तक बताया गया है।

साभार: WHO का फेसबुक पेज

कानून और नैतिकता का उपयोग करते हुए छद्म विज्ञान के खिलाफ अभियान के अध्यक्ष डॉ यू नंदकुमार नायर ने कहा, “किसी भी धर्म/मजहब ने आधिकारिक तौर पर टीकाकरण का विरोध नहीं किया है। इसका निरीक्षण किया गया और उन जगहों पर सफाई दी गई जहाँ टीके की सामग्री पर संदेह था। इसलिए हम स्वीकार नहीं कर सकते जब लोग कहते हैं कि उनके मजहबी कारणों से वो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते। इसका मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। हर बच्चे को स्वस्थ रहने का अधिकार है। जो लोग वैक्सीन न लगवाने के बहाने खोज रहे हैं वो बच्चों के अधिकारों की इज्जत नहीं कर रहे हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कॉन्ग्रेस अर्बन नक्सल का नया रूप, तुष्टिकरण उसका लक्ष्य’: PM मोदी ने कुरूक्षेत्र में भरी हुँकार, कहा- नेहरू आरक्षण के खिलाफ थे, इंदिरा ने...

हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार पर जमकर हमला बोला।

‘हिमाचल प्रदेश में हथियार लेकर मुस्लिमों के नरसंहार को निकले हिन्दू’: जानिए उस वीडियो का सच जिसके जरिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बताया जा रहा...

गुलाम अब्दुल कादिर इलाहाबादी ने लिखा, "हिमाचल प्रदेश में शिमला में मस्जिद शहीद करने के लिए हथियार लेकर निकलना एक गंभीर और खतरनाक कदम है।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -