₹100 करोड़ रुपए की वसूली केस में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ ईडी की रिमांड याचिका पर सुनवाई करने वाले एडिशनल सेशन जज एचएस सतभाई का तबादला कर दिया गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सप्ताह उनका ट्रांसफर कर उन्हें यवतमाल भेज दिया। अजीब बात यह है कि हाल ही में जस्टिस सतभाई ने अनिल देशमुख के घर के खाने की माँग को ठुकरा दिया था। इसके बाद अब उनका ट्रांसफर हुआ है।
अनिल देशमुख ने कोर्ट में याचिका दायर कर जेल में घर का बना खाना देने की माँग की थी, जिसे खारिज करते हुए जस्टिस सतभाई ने भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। हालाँकि, कोर्ट ने 71 साल के देशमुख के स्वास्थ्य को देखते हुए जेल में उनके लिए बेड को मंजूरी अवश्य दे दी थी। जज के फैसले के बावजूद भी देशमुख घर के बने खाने की माँग पर अड़े रहे। इस पर जज ने कहा, “आप पहले जेल का खाना खाइए, अगर नहीं खाएँगे तो मामले पर मैं विचार करूँगा।”
उल्लेखनीय है कि अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई करने से पहले जस्टिस सतभाई अगस्त 2020 से जुलाई 2021 तक स्पेशल जज के तौर पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे थे।
किसी भी हाईकोर्ट के पास स्पेशल जज का ट्रांसफर करने के पॉवर नहीं होते। अगर उच्च न्यायालय किसी भी विशेष न्यायाधीश का ट्रांसफर करना चाहता है तो इसके लिए उसे पहले सर्वोच्च न्यायालय की विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने अनिल देशमुख का केस देख रहे जस्टिस सतभाई का ट्रांसफर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की इजाजत ली थी। इसके लिए उन्होंने शीर्ष अदालत को प्रशासनिक आवश्यकताओं का हावाला दिया है। कोर्ट ने 13 नवंबर को उक्त जज के ट्रांसफर की इजाजत दी थी।
15 नवंबर को जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक, “हाईकोर्ट ने सिटी सिविल कोर्ट और मुबई के अतिरिक्त सेशन जज एचएस सतभाई का तबादला यवतमाल जिले के केलापुर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के तौर पर किया गया है।”
पवार ने देशमुख को जेल भेजने वालों को धमकाया
भले ही जस्टिस सतभाई का तबादला कर दिया गया है, लेकिन इसके पीछे शरद पवार का बड़ा हाथ माना जा रहा है। पवार ने अनिल देशमुख को जेल भेजने वालों को धमकाते हुए कीमत चुकाने की बात कही थी। उन्होंने यह बात बुधवार शाम नागपुर में एक रैली के दौरान कही।
उन्होंने कहा, “आप एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। वह (देशमुख) मुझसे मिले थे और कहा था कि पुलिस कमिश्नर ने शिकायत की है। जाँच पूरी होने तक वह इस पद पर नहीं रहना चाहते और गृह मंत्री का पद छोड़ रहे हैं। आपने उसे जेल भेज दिया। आपको देशमुख के हर दिन और घंटे की कीमत चुकानी होगी।”
देशमुख की गिरफ्तारी
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को ₹100 करोड़ के वसूली (मनी लॉन्ड्रिंग) केस में इसी महीने 2 नवंबर को करीब 12 घंटे तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। 71 वर्षीय देशमुख ने करीब पाँच बार एनसीबी के नोटिस को नजरअंदाज कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार, देशमुख पूछताछ के दौरान एजेंसियों का सहयोग नहीं कर रहे थे।