बिहार के मधुबनी जिले में स्थित देवधा गाँव से हिंसा के आरोप की खबर आ रही है। बता दें कि मंगलवार (14 दिसंबर, 2021) को बिहार में पंचायत चुनाव के लिए 20 जिलों के 38 प्रखंडों में मतगणना चल रही है। ये पंचायत चुनाव का 11वाँ चरण है। इससे एक दिन पहले देवधा गाँव में हिंसा के आरोप की ख़बरें सामने आई हैं। पंचायत समिति उम्मीदवार पवन महतो का आरोप है कि गाँव में मुस्लिम भीड़ ने जम कर उत्पात मचाया है और लोगों के घरों में घुस कर उनकी पिटाई की है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए पवन महतो ने बताया, “वास्तविक बात ये है कि मैं अभी तक घर पर नहीं पहुँचा हूँ। मैं पंचायत समिति का चुनाव लड़ रहा था। इसके तहत मंगलवार को मधुबनी जिला मुख्यालय में मतगणना होनी थी। इसके लिए मैं एक दिन पहले ही शाम के 4 बजे जिला मुख्यालय के लिए निकल गया। रात को मैं गाँव में नहीं था। मैं जैसे ही यहाँ पहुँचा, मुझे गाँव से कॉल आया कि यहाँ अफरा-तफरी मची हुई है और कई लोग घायल हो गए हैं।”
हालाँकि, पवन महतो पंचायत समिति का चुनाव हार चुके हैं। उन्हें 500 से अधिक मत प्राप्त हुए, लेकिन वो तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने बताया कि चूँकि वो मधुबनी शहर में थे, इसीलिए से जब उन्हें हिंसा की सूचना मिली तो मोबाइल फोन से ही लोगों से संपर्क करना शुरू किया और इस दौरान बीडीओ से लेकर एसडीएम तक का नंबर मिलाया। उनका कहना है कि वो रात के 12 बजे तक इसमें व्यस्त रहे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस-प्रशासन वहाँ पहुँची, लेकिन पुलिसकर्मियों की भी पिटाई की गई है।
पवन महतो का कहना है कि हिंसा का परिणाम ये हुआ है कि अभी तक उनलोगों ने गाँव में कदम नहीं रखा है और मधुबनी शहर में ही हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के कारण गाँव में कम लोग बचे हुए थे, इसी दौरान हमला हुआ। उन्होंने बताया कि वो मंगलवार की शाम को घर पहुँचेंगे। उन्होंने इस बात का डर जताया कि फिर से हमला किया जा सकता है, क्योंकि आरोपितों की तरफ से लगातार ऐसी ही धमकी दी जा रही है। दंगेबाजी करने वाले कौन लोग हैं?
इसके जवाब में उन्होंने बताया कि वो भीड़ मुस्लिमों की थी और उसमें बकरा-गाय काटने वाले मुस्लिम समाज के लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम भीड़ ने काफी बुरी घटना को अंजाम दिया है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि उन्हें गाँव से लड़कियों ने फोन कॉल्स आ रहे थे। वो कह रही थीं कि हमें बचाइए, ये लोग हमारे घरों में घुस रहे हैं। वो लोग बार-बार पुलिस को भेजने की गुहार लगा रही थीं और पूछ रही थीं कि आपलोग कहाँ हैं।
पवन महतो को इस बात का अफ़सोस है कि वो यहाँ से कुछ नहीं कर पाए, क्योंकि मोबाइल फोन पर लोगों से संपर्क करने के अलावा कोई और चारा ही नहीं था। उन्होंने कहा कि एसपी तक ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया। हालाँकि, जयनगर के सडीपीओ शौर्य सुमन ने ऑपइंडिया को बताया कि इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है। IPS अधिकारी ने कहा कि हिंसा की घटना और पुलिसकर्मियों की पिटाई के पंचायत समिति उम्मीदवार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई घटना ही ही नहीं है, ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
हमने इस मामले में हमने मधुबनी के एसपी सत्य प्रकाश से भी बात की, जिन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की किसी घटना की कोई सूचना नहीं मिली है।