Friday, May 3, 2024
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‘अमानतुल्लाह खान यहाँ नमाज पढ़ सकते हैं तो हिंदू हनुमान चालीसा क्यों नहीं?’: इंद्रप्रस्थ किले पर गरमाया विवाद, अंदर मस्जिद बनाने के भी आरोप

इस मामले पर हिंदू युवाओं ने सवाल किए आखिर जब अमानतुल्लाह खान अपने समुदाय के लोगों के साथ घुसकर वहाँ नमाज पढ़ सकते हैं तो वो लोग चालीसा क्यों नहीं पढ़ सकते।

गुरुग्राम की सड़कों पर खुलेआम नमाज पढ़ने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि आप विधायक अमानतुल्लाह खान की फिरोज शाह कोटला किले में घुसकर नमाज पढ़ने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इंटरनेट पर घूमते-घूमते ये वीडियो जब हिंदू संगठन के लोगों पर पहुँची तो उन्हें धक्का लगा कि आखिर जिस किले में जाने के लिए उन्हें टिकट लेनी पड़ती है वहाँ गार्डों को धमकाकर जबरन घुसकर 15 से ज्यादा लोग नमाज पढ़ते हैं। 

अमानतुल्लाह खान की वीडियो देख आहत हुए हिंदू आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव भाटी ने इस मुद्दे को कुछ दिन पहले उठाया था और किले के पास जाकर एक वीडियो जारी की थी। इस वीडियो में उन्होंने फिरोज शाह कोटला किले के पास प्रत्येक मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था। साथ ही अन्य हिंदुओं से भी इसका हिस्सा बनने की गुहार लगाई थी।

अब इन दोनों ही वीडियोज को सोशल मीडिया पर आए 1 हफ्ते से ज्यादा हो गया है। आज मंगलवार था तो अपने कहे अनुसार संजीव भाटी अपने साथियों के साथ किले में हनुमान चालीसा पढ़ने गए। मगर वहाँ पुलिस ने पहले ही रास्ता बंद करते हुए बैरिकेडिंग की हुई थी। हिंदू युवाओं ने सवाल किए आखिर जब अमानतुल्लाह खान अपने समुदाय के लोगों के साथ घुसकर वहाँ नमाज पढ़ सकते हैं तो वो लोग चालीसा क्यों नहीं पढ़ सकते। संजीव भाटी द्वारा साझा पोस्टर में देख सकते हैं उन्होंने कहा है कि नमाज का जवाब हनुमान चालीसा है।

हनुमान चालीसा के लिए किया आह्वान

पुलिस द्वारा बातों को अनसुना किए जाने पर सभी हिंदूवादी बैरिकेडिंग के सामने बैठ गए और जोर-जोर से चालीसा पाठ शुरू हुई। घटनास्थल से सामने आई वीडियो में दिख रहा है कि कैसे सभी हिंदू युवा बीच सड़क पर पुलिस से घिरे हुए हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं और तमाम मीडिया चैनल इसे कवर करने के लिए आसपास मौजूद है।ट

हमने भी इसी प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले संजीव भाटी से बात की। भाटी ने ऑपइंडिया को जानकारी दी कि पुरातत्व विभाग की संपत्ति पर सालों से नमाज पढ़ी जा रही थी। कुछ दिन पहले किसी ने नमाज पढ़ने आए लोगों को रोककर उन्हें टिकट लेने के लिए कहा होगा या उन्हें रोकने का प्रयास किया होगा, जिसके बाद अमानतुल्लाह खान खुद यहाँ 10-15 लोगों के साथ गए और वीडियो बनवाई कि कोई भी नमाजियों को आगे से यहाँ घुसने से नहीं रोकेगा। इसके बाद खान ने खुद भी अन्य लोगों के साथ वहाँ नमाज पढ़ी। वीडियो वायरल के बाद भाटी ने इसका विरोध किया।

प्रदर्शन की तस्वीरें

भाटी कहते हैं कि अगर इस मामले में कोई आवाज नहीं उठाता तो ये लैंड जिहाद होने की भी आशंका थी। जब उन्होंने लोगों को जागरूक करना शुरू किया। वहाँ से ये मामला सबसे संज्ञान में आया। भाटी कहते हैं कि उन्होंने इस पूरे मामले में शिकायतें दी हैं। लेकिन खान द्वारा दी गई धमकियों पर अभी एफआईआर कराना बाकी है। वह पूछते हैं कि आखिर किले में ये लोग बिन टिकट घुसे कैसे? 

भाटी ने आने वाले दिनों में मामले से संबंधी एफआईआर कराने की बात भी की। साथ ही आरोप लगाया कि किले के पास उनसे व अन्य हिंदू लोगों से दुर्व्यव्हार किया गया और ये सब तब हुआ जब उन्होंने इसके आयोजन की जानकारी पहले दी थी। भाटी कहते हैं कि पुलिस इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से बचती है। 

कुछ अन्य लोग जो मौके पर इकट्ठा हुए उन्होंने न केवल किले में नमाज पढ़ने का विरोध किया बल्कि किले का नाम बदलने की भी माँग उठाई गई। प्रदर्शनकारियों का सवाल है कि वे चालीसा पढ़ने आए तो बैरिकेडिंग लग गई मगर जब वो लोग आगे बढ़े तो टिकट भी नहीं ली गई। उनका दावा है कि किले के भीतर एक छोटी सी मस्जिद बना दी गई जबकि पहले ऐसा कुछ नहीं था। ये सब कुछ समय से हो रहा है। कॉन्ग्रेस के राज में भी कभी ऐसे नमाज नहीं पढ़ी जा रही थी। 

वह मीडिया से बात करते हुए प्रश्न पूछते हैं कि ये कौन सी सरकार है जो बढ़ावा दे रही है कि लोग पार्टी की आड़ में गुंडगर्दी करें। वह लैंड जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कहते हैं कि कल को यहाँ कोई ‘बाबरी मस्जिद’ खड़ी हो जाएगी तो दोबारा हिंदुओं को ही अदालतों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। बता दें कि एक ओर हिंदूवादी संगठन के प्रदर्शन के बाद ये पूरा मामला गरमाया हुआ है वहीं सुदर्शन न्यूज की एक रिपोर्ट से पता चला है की विवाद बढ़ने पर दिल्ली पुलिस ने किले में घुसने की किसी भी माँग पर रोक लगा दी है।

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