Wednesday, May 29, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'चीन वापस जाओ': नेपाल में ड्रैगन के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, देश...

‘चीन वापस जाओ’: नेपाल में ड्रैगन के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, देश के आंतरिक मामलों में दखल से हैं खफा

नेपाल ही एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ चीन एक निश्चित प्रकार का लाभ उठाता है। हालाँकि, माना जाता है कि जुलाई 2021 में जब से केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया, तब से चीन के लिए स्थिति मुश्किल हो गई है।

चीन (China) नेपाल (Nepal) के अंदरूनी मामलों में लगातार हस्तक्षेप कर रहा है। इसको लेकर नेपाल के सियासी तबकों से लेकर आम लोगों तक ने आवाज उठाई है। इसको लेकर एक बार फिर गुरुवार (27 जनवरी 2022) को नेपाल के राष्ट्रीय एकता अभियान ने बिराटनगर, मोरंग और खाबरहुब में चीन के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) किया। देश के नागरिक समाज ने नेपाल के आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप और उत्तरी सीमा के इलाके में अतिक्रमण का विरोध किया है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय एकता अभियान के सदस्यों ने महेंद्र चौक से बिराटनगर के भट्टा चौक तक मार्च निकाला। साथ ही चीन की विस्तारवादी नीति और नेपाल के शीर्ष राजनीतिक क्षेत्र में इसके अनुचित हस्तक्षेप के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला भी फूँका।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने नेपाली व्यापारियों को दबाने के लिए बॉर्डर प्वाइंट्स पर अनौपचारिक नाकाबंदी लगा दी है। इसके साथ ही वह उन नेपाली छात्रों के प्रति भी उदासीनता दिखा रहा है, जो चीनी विश्वविद्यालयों से अपनी मेडिकल की डिग्री अभी तक पूरी नहीं कर पाए हैं। संगठन के मोरंग समन्वयक जितेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने समाज और सरकार को नेपाल के आंतरिक मामलों में चीन के व्यापक हस्तक्षेप का एहसास कराने के लिए विरोध प्रदर्शन किया है।

अक्टूबर 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग नेपाल की यात्रा पर आए थे। इसके बाद से चीन नेपाल के राजनीतिक और सरकारी एजेंडे को निर्देशित करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि नेपाल ही एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ चीन एक निश्चित प्रकार का लाभ उठाता है। हालाँकि, माना जाता है कि जुलाई 2021 में जब से केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया, तब से चीन के लिए स्थिति मुश्किल हो गई है।

उल्लेखनीय है कि चीन के खिलाफ नेपाल में विरोध प्रदर्शन आम बात हो गई है। इससे पहले 13 जनवरी 2022 को राष्ट्रीय एकता अभियान ने इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था और राजधानी काठमांडू में चीनी राजदूत होउ यांकी की फोटो को जलाया था। प्रदर्शनकारियों ने यांकी के खिलाफ नारे लगाए और तख्तियों का प्रदर्शन किया था, जिस पर लिखा था ‘चीन वापस जाओ’।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मनुस्मृति का विरोध करते-करते शरद पवार की पार्टी के नेता ने फाड़ डाली आंबेडकर की तस्वीर: पूर्व मंत्री जितेंद्र अव्हाड के खिलाफ प्रदर्शन

बाबासाहेब आँबेडकर का पोस्टर फाड़ने पर बीजेपी ने काफी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता ने कहा, "उन्होंने बाबा साहब के पोस्टर फाड़ दिए। यह सिर्फ आँबेडकर का ही नहीं बल्कि पूरे दलित समुदाय का अपमान है।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -