Sunday, September 8, 2024
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इराक में अमेरिकी दूतावास पर 12 मिसाइलों से हमला: ईरान द्वारा फतेह-110 मिसाइल दागने की आशंका, बदला लेने की खाई थी कसम

यह हमला दमिश्क के पास एक इजरायली हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है। इस हमले में सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजराइल के मिसाइल हमले में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के दो अधिकारियों की मौत हो गई थी। ईरान के विदेश मंत्रालय ने बदला लेने की कसम खाई थी। 

इराक (Iraq) में रविवार (12 मार्च) की रात अमेरिका के वाणिज्य दूतावास की ओर लगभग 12 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से कई मिसाइलें दूतावास की इमारत से टकराईं। इन हमलों में अभी तक किसी अमेरिकी सैनिक के हताहत होने की खबर नहीं है। अमेरिका का कहना है कि ये मिसाइलें ईरान (Iran) की ओर से दागी गई हैं।

इराक के सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इराक के इरबिल (Irbil) स्थित अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर कम दूरी की 12 मिसाइलों से हमला किया गया है। ये मिसाइलें ईरान के किसी नजदीकी शहर से दागी गई हैं। हमले में किसी के मारे जाने की बात नहीं कही गई है। हालाँकि, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास स्थित न्यूज चैनल कुर्दिस्तान24 ने हमले के तुरंत बाद इस खबर को प्रसारित किया। इस दौरान चैनल के स्टूडियो के फर्श पर टूटे शीशे और मलबा दिखा।

वहीं, अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत में नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितनी मिसाइलें दागी गईं और वे वास्तव में कहाँ-कहाँ लगीं। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि घटना की जाँच इराक सरकार और कुर्द क्षेत्रीय सरकार द्वारा की जा रही है।

थिंकटैंक मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट, सीरिया के निदेशक चार्ल्स लिस्टर ने ट्वीट कर कहा कि हमले के बाद आसमान में स्थानीय लोगों ने लड़ाकू विमानों की भी आवाजें सुनीं। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें मिसाइल टकराता हुआ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान के तबरीज से 350 किलोमीटर की रेंज वाली यह मिसाइल ‘फतेह-110’ हो सकती है। उन्होंने ईरान समर्थित न्यूज एजेंसियों के हवाले से बताया कि अमेरिका द्वारा कासिम सुलेमानी की हत्या का यह बदला हो सकता है।

वहीं, स्वतंत्र ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) ने कथित तौर पर ईरानी नागरिकों द्वारा बनाए गए एक वीडियो को साझा किया। इसमें बताया गया है कि हमले के समय ईरान से मिसाइलें दागी जा रही थीं और इनका लोकेशन ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के खासाबाद मिल रहा था।

वहीं, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने इस घटना पर अमेरिका को जो बाइडेन सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने बाइडेन को एक कमजोर राष्ट्रपति बताया।

यह हमला दमिश्क के पास एक इजरायली हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है। इस हमले में सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजराइल के मिसाइल हमले में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के दो अधिकारियों की मौत हो गई थी। ईरान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार (9 मार्च) को हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए बदला लेने की कसम खाई थी। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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