पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के पंचायत उप-प्रधान की मौत के बाद भड़की हिंसा में लगभग 10 लोगों की मौत और उसके बाद स्थानीय लोगों के पलायन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की हर तरफ किरकिरी हो रही है। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दुख जाहिर किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसक वारदात पर दुख व्यक्त करता हूँ, अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि राज्य सरकार बंगाल की महान धरती पर ऐसा जघन्य पाप करने वालों को जरूर सजा दिलवाएगी।”
उन्होंने कहा, “मैं बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूँगा कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वालों को, ऐसे अपराधियों का हौसला बढ़ाने वालों को कभी माफ न करें। केंद्र सरकार की तरफ से मैं राज्य को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूँ कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद वो चाहेगी, उसे मुहैया कराई जाएगी।”
केंद्र सरकार की तरफ से मैं राज्य को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने में जो भी मदद वो चाहेगी, उसे मुहैया कराई जाएगी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 23, 2022
हिंसा की चौतरफा आलोचना होने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार (24 मार्च) को स्वत: संज्ञान लिया और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CSFL) को घटनास्थल से साक्ष्य के नमूने एकत्र करने और चश्मदीदों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही घटनास्थल पर चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा। कोर्ट ने राज्य सरकार को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
बीरभूम हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि अगर अदालत आदेश देती है तो एजेंसी इसकी जाँच करने के लिए तैयार है। हिंसा में दो बच्चों के जिंदा जलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बीरभूम के पुलिस अधीक्षक (SP) और राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी किया है।
इस हिंसा की जाँच के लिए राज्य सरकार ने SIT का गठन किया गया है। इसमें सीआईडी एडीजी ग्यानवंत सिंह, एडीजी वेस्टर्न रेंज संजय सिंह और डीआईजी सीआईडी ऑपरेशन मीरज खालिद को शामिल किया गया है। हिंसा के मामले रामपुरहाट के में SDPO को हटा दिया गया है और कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की बात कही जा रही है।
TMC नेता भादू शेख की मौत के शुरू हुई हिंसा
बता दें कि सोमवार (20 मार्च 2022) को एक बम हमले में TMC नेता भादू शेख के मारे जाने की खबर आई, जिसके बाद उपद्रवी भड़क गए। आक्रोशित उपद्रवी भीड़ ने कई घरों को ध्वस्त कर दिया और जम कर लूटपाट की। कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
उधर TMC प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना है कि आग से मौतें हुई हैं और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जिन TMC नेता की हत्या की गई, उसको लेकर लोगों में गुस्सा था। उन्होंने रात में आग लगने से मौतों की बात कही। पश्चिम बंगाल में कुछ ही सप्ताह पहले दो पार्षदों की भी गोली मार कर हत्या की खबर सामने आई थी।