Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजकाशी ज्ञानवापी सर्वे में बड़ा खुलासा, बोला हिन्दू पक्ष- हमारी कल्पना से परे बहुत...

काशी ज्ञानवापी सर्वे में बड़ा खुलासा, बोला हिन्दू पक्ष- हमारी कल्पना से परे बहुत कुछ ज्यादा, फ़िलहाल रखा गया है गोपनीय

दोनों पक्षों की सहमति से सर्वे का कार्य किया गया और और वकीलों ने भी बताया कि सर्वे में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं डाला गया।

काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में सर्वे का कार्य जारी है। साथ-साथ वीडियोग्राफ़ी भी की जा रही है। माँ श्रृंगार गौरी की पूजा के मामले में ये कार्यवाही अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में की जा रही है। मंदिर के तहखाने के 4 कमरों और पश्चिमी दीवारों पर सर्वे और वीडियोग्राफ़ी का काम पूरा हो चुका है। ‘विश्व वैदिक सनातन संघ’ ने कहा है कि वहाँ कल्पना से परे बहुत कुछ ज्यादा है।

संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन से पूछा गया था कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में सर्वे और वीडियोग्राफ़ी के दौरान क्या-क्या मिला। उन्होंने कहा कि सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि सभी लोगों की कल्पना से परे बहुत कुछ ज्यादा यहाँ पर मिला है। उन्होंने जानकारी दी कि जहाँ कुछ तालों को खोलना पड़ा, वहीं कुछ को तोड़ना पड़ा। उन्होंने बताया कि सर्वे के लिए भी बहुत कुछ है। उन्होंने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट भी सबके सामने आएगी।

जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि न्यायालय के निर्देश के मुताबिक़ सर्वे किया जा रहा है। दोनों ही पक्षों ने इस दौरान अपनी-अपनी बातें रखीं। उन्होंने ये भी कहा कि सभी बातें मीडिया में नहीं बता जा सकती है। दोनों पक्षों की सहमति से सर्वे का कार्य किया गया और और वकीलों ने भी बताया कि सर्वे में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं डाला गया। वकीलों ने बतया कि कार्यवाही 4 घंटे तक चली, वादी-प्रतिवादी ने भी सहयोग किया और पुलिस प्रशासन भी साथ रहे।

अदालत पहले ही कह चुकी है कि जो भी इसमें बाधा डालेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय रखी गई है। कार्यवाही को लेकर कुछ लीक करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही गई है। रविवार (15 मई, 2022) को भी सर्वे और वीडियोग्राफ़ी का काम जारी रहेगा। फ़िलहाल ये नहीं बताया गया है कि काम कब ख़त्म होगा। चार कमरों में से एक पर हिन्दू पक्ष का नियंत्रण भी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -