Friday, October 18, 2024
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‘हमारे पूर्वज हिन्दू थे’: 18 मुस्लिमों ने गोमूत्र से स्नान कर की घर-वापसी, मंदिर में शिव पुराण पाठ के बाद मोहम्मद शाह बने राम सिंह

परिवार के मुखिया राम सिंह (पूर्व मोहम्मद शाह) के परिवार में उनका बेटा मौसम शाह भी है जो अब अरुण सिंह नाम से जाना जाएगा।

मध्य प्रदेश के रतलाम में 18 मुस्लिमों द्वारा घर वापसी करते हुए हिन्दू धर्म अपनाने की खबर है। इन सभी के द्वारा गोमूत्र से स्नान करते हुए जनेऊ धारण किए जाने का दावा किया जा रहा है। घर वापसी करने वाले परिवार के मुखिया मोहम्मद शाह हैं जो जड़ी-बूटी बेचने का कमा करते हैं। सभी ने अपने धर्म परिवर्तन का न्यायालय में शपथ पत्र भी दिया है। यह मामला गुरुवार (9 जून, 2022) का है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घर वापसी करने वाले परिवार के मुखिया का नाम मोहम्मद शाह है जिन्हें अब राम सिंह नाम से जाना जाएगा। इन सभी ने आम्बा के भीमनाथ मंदिर में शिवपुराण सुना और वहीं पर पूर्णाहुति के बाद हिन्दू धर्म में वापसी का फैसला किया। स्वामी आनंदगिरी महराज ने विधि-विधान से इनकी हिन्दू धर्म में वापसी की औपचारिकताएँ पूरी करवाई। इसी क्रम में सभी ने गाय के गोबर और गोमूत्र में स्नान किया।

परिवार के मुखिया राम सिंह (पूर्व मोहम्मद शाह) के परिवार में उनका बेटा मौसम शाह भी है जो अब अरुण सिंह नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा उसी परिवार के शाहरुख़ अब संजय, नजर अली अब राजेश, नवाब अब मुकेश और हीरो शाह अब सावन सिंह नाम से जाने जाएँगे। इसी परिवार की महिलाओं में मीनू बी अब मीना, रुखसाना अब रुक्मिणी और मुमताज अब माया नाम से जानी जाएँगी।

घर वापसी के बाद पूरे परिवार ने एक साथ जय श्रीराम और हर हर महादेव के नारे लगाए। परिवार के मुखिया ने बताया, “2-3 पीढ़ी पहले हमारे पुरखे हिन्दुओ में बेदी समुदाय से थे। इस दौरान वो ताबीज और जड़ी बूटी आदि बेचने का काम करने लगे। इसी बीच उन सभी ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था। पिछले कुछ सालों से हमारी आस्था हिन्दू धर्म की तरफ होने लगी। हम गाँव में जा कर शिव महापुराण कथा सुनने लगे। इसी बीच हमने स्वामी जी से हिन्दू धर्म में वापसी का निवेदन किया था। स्वामी जी मान गए और हमने अपने परिवार और कुछ रिश्तेदारों के साथ हिन्दू धर्म अपना लिया।”

हालाँकि उसी परिवार की एक महिला आशा ने कहा, “हमारी आस्था हिन्दू धर्म में ही थी। हम बस नाम के मुसलमान थे और मन से हिन्दू थे। हम कभी नमाज़ भी नहीं पढ़ते थे। न ही मस्जिद जाते थे। अब अब हिन्दू हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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