इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की माँग करने वालों पर सख्ती नहीं की गई तो कहीं मुस्लिम इस्लामी मुल्क की माँग न करने लगें। उधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 22-24 करोड़ मुस्लिमों को समंदर में नहीं फेंका जा सकता और ना ही चीन भेजा जा सकता है।
कभी तालिबान की बड़ाई करने वाले तौकीर रजा ने कहा कि अगर हिंदू राष्ट्र की माँग करने वाले सही हैं तो खालिस्तान की माँग करने वाले भी जायज हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह खालिस्तान की माँग करने वालों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, वैसे ही हिंदू राष्ट्र की माँग करने वालों पर भी मुदकमे दर्ज होने चाहिए।
युवाओं को भड़काते हुए तौकीर रजा ने कहा कि कहीं ऐसा ना हो कि हिंदू राष्ट्र की माँग करने वालों की वजह से ही मुस्लिम राष्ट्र माँग करने वाले खड़े हो जाएँ। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार लगातार मुस्लिमों और इस्लाम के दुश्मनों की पीठ थपथपा रही है। उन्होंने पीएम के आपत्तिजनक बयान देते हुए उन्हें आज का धृतराष्ट्र बता दिया।
तौकीर रजा यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश भर में 10 लाख मुस्लिम लड़कियों को बहला-फुसला और लालच देकर उनका धर्मांतरण करा दिया गया। इसके बाद उनकी हिंदू लड़कों से शादी करा दी गई और इसे घरवापसी का नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता की रक्षा के लिए वे 15 मार्च को बरेली से दिल्ली तक तिरंगा यात्रा निकालेंगे।
उधर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार देश को धार्मिक लकीरें खींचकर बाँट रही है और इस पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग 22-24 करोड़ मुस्लिमों के साथ क्या करेंगे? क्या उन्हें समंदर में फेंक देंगे या उन्हें चीन भेज देंगे?”
उन्होंने कहा कि गाँधी जी रामराज्य की बात करते थे। इसका मतलब एक ऐसे कल्याणकारी राज्य से था, जहाँ सभी लोगों को बराबरी का मौका मिले और किसी के खिलाफ कोई भेदभाव ना हो। उन्होंने कहा कि इस देश में विभाजन की राजनीति नहीं होनी चाहिए।