Thursday, May 2, 2024
Homeसोशल ट्रेंडदिग्विजय सिंह ने पहुँचाया मुहर्रम के 'पावन अवसर' पर सलाम, लोगों ने 'राजाजी' को...

दिग्विजय सिंह ने पहुँचाया मुहर्रम के ‘पावन अवसर’ पर सलाम, लोगों ने ‘राजाजी’ को बताया मुस्लिम परस्त

"जब कोई मरता है तो उसे हर्षोल्लास से नहीं मनाया जाता, क्या तुम पावन अवसर कहकर इसे मनाना चाहते हो? दिग्गी तुम सेकुलर बनने के चक्कर में 10 कोड़े भी खा लोगे।"

कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुहर्रम के मौक़े पर समुदाय विशेष के बंधुओं को सलाम पहुँचाया। हालाँकि, उनके सलाम देने का तरीका बिलकुल आम था लेकिन मुहर्रम के मौक़े को ‘पावन अवसर’ लिखने के कारण लोग सोशल मीडिया पर उनकी चुटकी लेने लगे और देखते ही देखते दिग्विजय सिंह केवल ट्विटर पर ही नहीं पूरे सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे।

मंगलवार को मुहर्रम के मौक़े पर उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा,“सभी मुस्लिम भाईयो और बहनों को मुहर्रम के पावन अवसर पर हमारी सलाम।” दिग्विजय के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उनका खूब मजाक उड़ाया और कुछ लोग तो इसे वोट की राजनीति तक बताने लगे। वहीं, कुछ लोगों ने समझाने का प्रयास किया कि पावन अवसर जैसे शब्दों का प्रयोग कब किया जाता है और मुहर्म क्या है?

किसी ने लिखा मुस्लिमों का दिल ऐसे जीतना संभव नहीं। जालीदार टोपियाँ लगाकर सेवईंयाँ बहुत खाईं हैं, अब खुद को कोड़े भी मारो तो जानें।

एक यूजर ने उन्हें कहा कि शहीद दिवस पर राजाजी पावन अवसर कैसे लिख सकते हो? तो उसके जवाब में दूसरे यूजर ने कहा कि राजाजी को मुस्लिम परस्ती का नशा है।

लोगों ने दिग्विजय सिंह को समझाया, “जब कोई मरता है तो उसे हर्षोल्लास से नहीं मनाया जाता, क्या तुम पावन अवसर कहकर इसे मनाना चाहते हो? दिग्गी तुम सेकुलर बनने के चक्कर में 10 कोड़े भी खा लोगे।”

एक यूजर ने तो उनकी इस गलती को उनके बुढ़ापे का असर बताया और कहा कि टोपी लगाकर रोजा खुलवाने जाने वालों को समुदाय विशेष के त्यौहार का भी मालूम नहीं है। ये पावन नहीं मातम है।

गौरतलब है कि इस्लाम के चार पवित्र महीनों में शुमार मुहर्रम को मातम का महीना कहा जाता है। लेकिन कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे पावन पर्व बताकर खुद ही आफत मोल ले ली। इसकी वजह से उन्हें लोगों की ऐसी तीखी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ी। वास्तव में ये दिन कर्बला में मारे गए मुहम्मद के नवासो के बलिदान का दिन है। इस दिन शोक मनाया जाता है न कि सलाम किया जाता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जो है बच्चों के हत्यारों/ बलात्कारियों की समर्थक, जिसके लिए हिंदू हैं भिखमंगा… उस परवीन शेख के लिए जागा इंडियन एक्सप्रेस का मजहब

इंडियन एक्सप्रेस ने परवीन शेख का पक्ष रख बताया कि उनसे इस्तीफा माँगा जा रहा है लेकिन ये नहीं बताया कि परवीन शेख ने कैसे हमास को समर्थन दिया।

राम, शिव और अब कृष्ण… हिंदू देवताओं से इतनी घृणा क्यों करती है कॉन्ग्रेस

कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने यौन शोषण के आरोपित निलम्बित जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना श्रीकृष्ण से कर दी है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -