Saturday, November 16, 2024
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बुराड़ी का चर्च, सन्डे प्रेयर और दोस्त की बेटी का बलात्कार: जानिए दिल्ली के अधिकारी ने कैसे की हैवानियत, गिरफ्तारी से पहले भागने की भी कोशिश

दोनों परिवार मूल रूप से झारखंड की राजधानी राँची से ताल्लुक रखते हैं और ईसाई मजहब के लूथरवाद से संबंध रखते हैं। जब वो दिल्ली आए, तो उन्होंने लूथरवाद का चर्च खोजना शुरू किया और उन्हें शाहदरा में उन्हें ये चर्च मिला।

दिल्ली पुलिस ने एक ईसाई अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जिसने 3 महीने तक अपनी दोस्त की नाबालिग बेटी का बलात्कार किया। साथ ही उनकी बीवी सीमा रानी को भी गिरफ्तार किया गया है, जो पीड़िता को गर्भपात की गोलियाँ खिलाती थी। दिल्ली सरकार ने भी उसे निलंबित कर दिया है। प्रेमोदय खाखा नाम का ये अधिकारी दिल्ली की महिला एवं विकास विभाग में बतौर डिप्टी डायरेक्टर कार्यरत था। बुराड़ी में ये घटना हुई। नाबालिग लड़की लगातार आ रहे पैनिक अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती है। गिरफ़्तारी से पहले आरोपित ने बीवी सहित भागने की कोशिश भी की थी।

घटना अक्टूबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक की है, जब लड़की की उम्र मात्र 14 साल हुआ करती थी। फ़िलहाल पीड़िता 17 साल की है। अक्टूबर 2021 में पीड़िता के पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उसकी माँ ने उसे आरोपित के घर पर पालन-पोषण के लिए रखा था। लड़की आरोपित को ‘मामा’ कह कर बुलाती थी। अब पता चला है कि दोनों परिवार 1998 में चर्च के माध्यम से संपर्क में आए थे। वो चर्च में रविवार की प्रार्थना अटेंड करना जाते थे, उसी दौरान इनकी मुलाकात हुई और वो करीब आए।

जिस चर्च के रोल को NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो भी कह चुके हैं कि इस पूरे प्रकरण में चर्च का रोल संदिग्ध है। ये पहले शाहदरा में स्थित था और इसका नाम है ‘अमेजिंग ग्रेस चर्च’। अपने जीवन में कई समानताओं के कारण दोनों परिवार करीब आए। दोनों परिवार मूल रूप से झारखंड की राजधानी राँची से ताल्लुक रखते हैं और ईसाई मजहब के लूथरवाद (ईसाई मजहब की प्रोटेस्टैंट शाखा का एक हिस्सा) से संबंध रखते हैं। जब वो दिल्ली आए, तो उन्होंने लूथरवाद का चर्च खोजना शुरू किया और उन्हें शाहदरा में उन्हें ये चर्च मिला।

इस चर्च की स्थापना 1992 में अजीत कुमार होरो ने की थी। वो शाहदरा के ही बिहारी कॉलोनी में रहता था और वहीं चर्च बनाया गया। वो भी राँची का ही रहने वाला था। उसे दिल्ली में लूथरवाद का कोई चर्च नहीं मिला था, इसीलिए उसने इस चर्च की स्थापना की। ये छोटा सा 3 दशक पुराना चर्च 2002 में मुखर्जी नगर चला गया था, उसके बाद 2015 में बुराड़ी चला गया। हालाँकि, मात्र 30 परिवार ही इस चर्च के सदस्य हैं। चर्च के करीबी लोगों ने बताया है कि दोनों परिवार पिछले 25-30 वर्षों से एक-दूसरे को जानते थे।

होरो समेत चर्च के अन्य सदस्यों का कहना है कि ये मानना कठिन है कि प्रेमोदय खाखा ने बच्ची के साथ बलात्कार किया। हालाँकि, अब तो ये भी साफ़ हो चुका है कि वर्कप्लेस पर भी उसने महिलाओं का यौन शोषण किया और जिस ‘सेवा कुटीर’ में वो सुपरिटेंडेंट था वहाँ मौजूद बच्चों के यौन शोषण की बात भी सामने आई थी। वहाँ वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप भी लगे थे। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कई पत्र इस संबंध में भेजे गए, लेकिन विभाग इसे नज़रअंदाज़ करती रही।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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