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अनुपम कुमार सिंह
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है।
पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।
संपादक की पसंद
देशद्रोह क़ानून: थूक कर चाटने का नाम है कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल और अन्य कॉन्ग्रेस नेताओं की नज़र में सोनिया गाँधी ही उनकी देश है और सोनिया के ख़िलाफ़ कुछ लिखना राष्ट्रद्रोह। सिब्बल ने एक दशक पहले जो थूका था, अब उसे चाट लिया है।
धर्म और संस्कृति
लैंगिक समानता हिन्दू जीवन-दर्शन का अभिन्न अंग: अन्य धर्मों-सभ्यताओं से एक तुलनात्मक अध्ययन
इतिहास में क्या कहीं भी ऐसा वाक़या मिलता है, जहाँ महिलाओं ने किसी धर्म या संस्कृति की प्राथमिक पुस्तक का लेखन कार्य किया हो? भारत में महिलाओं ने वेद लिखे हैं
भारत की बात
राहुल गाँधी का इस्लाम और शांति: अक़बर और नरमुंडों का पहाड़ (भाग-1)
युद्ध के बाद दिल्ली में खोपड़ियों का एक इतना बड़ा टावर खड़ा किया गया जिसे पूरी दिल्ली देख सके। नरमुंडों का एक इतना विशाल ढेर, जिसे देख कर नृशंसता भी हज़ार बार काँपे।
बड़ी ख़बर
जाधवपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ने वर्जिन लड़कियों को बताया ‘सील्ड बोतल’
वैसे ये पहली बार नहीं है जब जाधवपुर यूनिवर्सिटी गलत कारणों से सुर्ख़ियों में आया हो। इस से पहले भी कई विवादित वजहों से जाधवपुर यूनिवर्सिटी ख़बरों में आता रहा है।
राजनीति
कौन किसके साथ? ख़ुद में ही कन्फ़्यूज़्ड हैं महागठबंधन के नेता
माया-अखिलेश दो राज्यों में तो कॉन्ग्रेस के साथ सत्ता भोगेंगे लेकिन यूपी में उसके ख़िलाफ़ ताल ठोकेंगे। महागठबंधन की खिचड़ी और यश चोपड़ा की क्लासिक फ़िल्म सिलसिला में बहुत कुछ समान है
बड़ी ख़बर
कश्मीर ही नहीं सिक्किम पर भी नेहरू की नीति अस्पष्ट थी: विकिलीक्स
सिक्किम राज्य के भारत में विलय की कहानी बहुत ही रोचक है लेकिन इस पर बहस होनी जरूरी है कि क्या नेहरू ने पटेल की बात न मान कर गलती की?
बड़ी ख़बर
विनम्र होकर महिलाओं से माफ़ी माँगिए राहुल गाँधी
राहुल गाँधी का जयपुर में दिया गया बयान महिला-विरोधी है। उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है। और ट्विटर पर उस बयान के बचाव में एक और सेक्सिस्ट बयान देना उनकी छोटी सोच को दर्शाता है।
मनोरंजन
2018 में बॉक्स ऑफ़िस पर देखने को मिली घोर असहिष्णुता, तीनों ख़ान पस्त
तीनो ख़ानों के लिए बॉक्स ऑफिस पर साल 2018 काफी ख़राब रहा। रेस 3, जीरो और ठग्स सहित पिछले साल की प्रमुख फ़िल्मों का बॉक्स ऑफिस विश्लेषण।