Friday, May 3, 2024
912 कुल लेख

अनुपम कुमार सिंह

चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.

रात भर नहीं सोए थे पर्रिकर-डोभाल, सुबह से दफ्तर में थे PM मोदी: उरी हमला और ‘सर्जिकल स्ट्राइक्स’ के बाद क्या बदला?

उरी में हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से पलटवार करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम दिया, उसके बाद क्या कुछ बदल गया? आइए, देखते हैं।

रावण के थे दो ‘वानर’- एक शुक, दूजा सारण: श्रीराम की सेना में घुस गए, कौन से राज़ पता लगाने थे?

AAP के मनीष सिसोदिया और संजय सिंह राम मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या गए। इस घटना का रामायण वाले 'शुक और सारण' से कोई लेनादेना नहीं है। या... है?

वो जाट राजा जिन्होंने अफगानिस्तान में बनाई भारत की पहली सरकार: नेहरू ने दी उपेक्षा, मोदी सरकार में सम्मान

जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने 1915 में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारत की पहली निर्वासित सरकार का गठन किया, जिसके वो राष्ट्रपति बने।

‘भारतीय कंटेंट पर 3 कंपनियों का राज, अंग्रेजों को फ़िल्में बेच खुश हैं बॉलीवुड के नेता’: अब दिल्ली की फ़ाइल खोलेंगे विवेक अग्निहोत्री

ताशकंद और कश्मीर के बाद अब विवेक अग्निहोत्री की अगली फिल्म है - 'The Delhi Files', जिसका फर्स्ट लुक पोस्टर आ गया है। फिर उठाया संजीदा विषय।

रावण को सीता से ‘प्यार’, राम गलत कर के भी पूजे जाते हैं क्योंकि ‘भगवान’ थे: यही संदेश दे रही ‘रावण लीला’, अब रामायण...

समस्या तब पैदा होने लगती है जब रावण को 'महान' दिखाने के चक्कर में भगवान श्रीराम के किरदार से खेल दिया जाता है और उन्हें नीचा दिखाया जाता है। प्रतीक गाँधी की 'रावण लीला' में यही किया गया है।

GDP 20% बढ़ी, 1 दिन में 1.30 करोड़ टीकाकरण: रवीश कुमार भूले इकोनॉमी और वैक्सीन, तालिबान को लगा रहे सरसों तेल

'तालिबान की बात क्यों हो रही है?' का रट्टा मारने वाले रवीश कुमार अब तालिबान की बातें कर रहे। GDP और कोरोना टीकाकरण पर साधी घनघोर चुप्पी।

माँ ज्वाला मंदिर में कटवाई गाय, वराह की मूर्ति तोड़ तालाब में फिंकवाया: शराबी जहाँगीर को बताया जाता है उदार

जहाँगीर द्वारा माँ ज्वालामुखी मंदिर में गाय काटने वाली बात छिपा ली जाती है। उसने भगवान वराह की मूर्ति खंड-खंड करवा तालाब में फिंकवा दी।

पहले खुदीराम बोस… दूसरे कौन? 20 की उम्र में मुस्कराते हुए फाँसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारी, जिन्होंने सुनवाई में वकील भी नहीं किया

क्रांतिकारी कन्हाईलाल दत्त को अलीपुर जेल में सत्येन्द्रनाथ बोस के साथ मिल कर गद्दार नरेन्द्र गोस्वामी को मौत के घाट उतारने के लिए जाना जाता है।