73 कुल लेख
चंदन कुमार
परफेक्शन को कैसे इम्प्रूव करें 🙂
सामाजिक मुद्दे
केरल के हिंदुओं-ईसाइयों को कट्टरपंथी का तमगा… ‘थूक वाले होटलों’ या इस्लामी रूढ़ियों पर सवाल से दिक्कत क्यों?
केरल के लोगों ने "थूक वाले होटलों" से दूरी बनानी शुरू कर दी है। हालाँकि हंगामा हो गया है, लोगों को कट्टरपंथी का सर्टिफिकेट दिया जा रहा।
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
प्रियंका गाँधी खुद दुपट्टा में भर के ले गई थीं धूल, फिर झाड़ू लगाईं… फॉरेंसिक लैब की जाँच में 100% खुलासा
"झाड़ू कैसे लगाया जाए, प्रियंका को यह सीखने की जरूरत नहीं। वो चाहे तो पूरा झाड़ू खरीद सकती है। शाहरुख के बेटे की तरह पूरा क्रूज खरीद सकती है।"
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
जबान के पक्के अजीत अंजुम, योगी आदित्यनाथ को दे रहे सलामी: वीडियो वायरल हो गया… हम कड़ी निंदा करते हैं
इतिहास गवाह है, महान अजीत अंजुम ने कभी घमंड नहीं किया। बेरोजगारी में YouTube पर वीडियो बनाने लगे लेकिन सलामी दी तो सिर्फ...
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
NDTV से रवीश कुमार का इस्तीफा, जहाँ जा रहे… वहाँ चलेगा फॉर्च्यून कड़ुआ तेल का विज्ञापन
रवीश कुमार NDTV से इस्तीफा दे चुके हैं। सोर्स बता रहे हैं कि देने वाले हैं। मैं मीडिया में हूँ, मुझे सोर्स से भी ज्यादा भीतर तक की खबर है।
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
हजरतबल में चिदंबरम के बेटे ने हरी टोपी में पढ़ी जुमे की नमाज, प्रोफेसर हकुद्दीन शेख कर रहे ‘लुंगी-खतना’ का इशारा
कार्ति चिदंबरम पहुँचते हैं हजरतबल। शुक्रवार के दिन नमाज पढ़ते हैं। हरी टोपी पहन कर। सोचा होगा मुसलमान मान लिए जाएँगे लेकिन ऐसे कैसे!
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
नीरज चोपड़ा से छिन जाएगा गोल्ड मेडल? गलत निशाने पर लगा था भाला, पावरफुल लोगों ने की शिकायत
खबर का शीर्षक - गलत निशाने के बाद भी नीरज चोपड़ा को क्यों मिला गोल्ड? खबर के भीतर - ओलंपिक वालों से कर दी गई है शिकायत।
हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
786 फीट तकिया फेंका, देश के लिए लाया पहला ओलंपिक गोल्ड: वो GK जिसे इतिहासकारों ने छिपाया
भारत गोल्ड जीत चुका था। बात प्रेस में दबाने के लिए चाहने वाली बिलायती महिला को सेट किया। चाहने वाली पावरफुल थी। उन्होंने प्रेस को सेट किया।
मीडिया हलचल
जिस भास्कर में स्टाफ मर्जी से ‘सूसू-पॉटी’ नहीं कर सकते, वहाँ ‘पाठकों की मर्जी’ कॉर्पोरेट शब्दों की चाशनी है बस
"भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी" - इस वाक्य में ईमानदारी नहीं है। पाठक निरीह है, शब्दों का अफीम देकर उसे मानसिक तौर पर निर्जीव मत बनाइए।