Monday, November 25, 2024
135 कुल लेख

मृणाल प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव

वागले, फ़र्ज़ी ज्ञान और प्रपंच पर मिल रही गालियों का सम्मान कर और ट्विटर से भाग ले

‘धंधे’ में पक कर पक्के हुए निखिल वागले के द्वारा यह अनभिज्ञता नहीं, कुटिलता है, क्योंकि अगर इतने साल बाद भी वह ‘अनभिज्ञ’ हैं निर्वाचन और जनमत-संग्रह के अंतर से, तो वह इतने साल से कर क्या रहे थे?

6 BJP समर्थकों की हत्या: यह आँकड़ा सिर्फ लोकसभा नतीजों के बाद, फिर भी भाजपा ही फासिस्ट!

भाजपा की जीत के बाद सबसे ज्यादा जिसे डर के, संभल के रहने की जरूरत है वह न मुस्लिम है न दलित, और न ही महिला- वह भाजपा का ही समर्थक वर्ग है।

दुष्प्रचार से बाज नहीं आ रहा The Wire, समुदाय विशेष के मोदी-समर्थक लोगों को समाज से अलग-थलग करने की कोशिश

नए भारत में नफरती चिंटुओं वाली पत्रकारिता नहीं चलेगी, फर्जी भय का नैरेटिव नहीं चलेगा-वायर सबक सीखने की जहमत उठाए, या दुकान समेटने की तैयारी करे।

राजीव गाँधी: PM जो मर कर वापस हुआ ‘ज़िंदा’, जिसे कॉन्ग्रेस ही नहीं दिला सकी ‘न्याय’

इन चुनावों में राजीव गाँधी यकायक मुद्दा बन गए- चुनावी भी, चर्चा का भी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भ्रष्टाचारी कहा, शेखर गुप्ता ने ‘डैशिंग, बाल-बच्चों वाला, युवा प्रधानमंत्री’, और सैम पित्रोदा के अनुसार उनकी जिंदगी में अर्थ ही राजीव गाँधी के भारत में कंधे पर कम्प्यूटर ढो कर लाने से आया।

‘हिन्दू’ शब्द पर इतिहास ज्ञान खराब है कमल हासन का, बस 2200 सालों से चूके हैं

फारसी साम्राज्य के राजा डैरियस-प्रथम के अभिलेखों में हिन्दू शब्द का ज़िक्र ईसा से 6 शताब्दी पूर्व का है, जबकि इस्लाम ईसा से 600 साल बाद का। और मुगलों का हिंदुस्तान में आगमन तो 16वीं शताब्दी में हुआ। यानि विशुद्ध तकनीकी रूप से भी कमल हासन 22 शताब्दियों की ‘मामूली’ सी चूक कर गए हैं।

एडिटर्स गिल्ड की चुप्पी: लाख गाली खा लें, लेकिन चाटेंगे उन्हीं के… तलवे

चाहे बात रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों पर हमले की हो, या मणिशंकर 'नीच' अय्यर जैसे व्यक्ति द्वारा पत्रकार को 'फ़क ऑफ़' कहने की, गुप्ता जी के लड़के के एडिटर्स गिल्ड को साँप सूँघ जाता है। इसलिए कि ‘दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है।’

‘फैक्ट-चेकर’ ने छिपाया फैक्ट, मीडिया गिरोह ने फैलाया झूठ: मोदी इंटरव्यू पर प्रतीक सिन्हा की ‘नंगई’

आदरणीय(?) प्रतीक सिन्हा जी, इंटरव्यू ऐसे ही होता है- यही नियम है इंटरव्यू का कि कोई भी औड़म-बौड़म सवाल झटके में नहीं पूछा जा सकता। पत्रकारिता के समुदाय विशेष को “ब्रेकिंग न्यूज़” का माल मत परोसिए। यहाँ सबकी पोल-पट्टी खोली जाएगी।

TIME कवर स्टोरी: कट्टरपंथ, भारत से नफरत जिसे विरासत में मिली हो, मिलिए इल्मुद्दीन और दादा दीन तासीर से

कट्टरपंथी इस्लाम से सहानुभूति और हिंदुस्तान से नफ़रत आतिश को विरासत में मिले हैं। तभी उन्हें हिन्दूफ़ोबिया ‘फैंटेंसी’ लगता है।