समुदाय विशेष वाले तब तक ‘बेचैन’ रहेंगे जब तक धर्म और संस्कृति, हिन्दू पंथ और सम्प्रदाय की हर अभिव्यक्ति बंद नहीं हो जाती। केवल सरकारी ही नहीं, निजी भी। यही हिन्दूफोबिया है। The Print वालों ने इस लेख से प्रोपेगेंडा को नई ऊंचाई दी है।
एक तरफ भाई राहुल गाँधी झूठ का कटोरा लिए राफ़ेल-राफ़ेल करते देश में घूम रहे हैं और अब प्रियंका का यह सड़क वाला झूठ… लगता है झूठ-झूठ खेलना कॉन्ग्रेस की आखिरी रणनीति का हिस्सा है - झूठ बोलो, जनता को मूर्ख बनाओ, कुर्सी पाओ!