जब 2021 जाने को है, हम समेट लाए हैं कि 15 ऐसी खबरें जो मीडिया के लिए मिसफिट था, लेकिन 2022 में भी जो हमें याद दिलाते रहेंगे अपने पाठकों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को।
कई लोग मान रहे हैं कि केंद्र सरकार सड़क पर उतर कर भीड़ और हिंसा के सहारे अपनी बात मनवाने की कोशिश करने वालों के सामने झुक गई है। अंदर के लोगों का कहना है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए ये अनिवार्य था।
भक्त संत कनक हरिदास की इस मूर्ति का 22 मई 2024 को अनावरण किया जाना था, लेकिन मुस्लिमों के विरोध की वजह से न सिर्फ मूर्ति को हटाना पड़ा, बल्कि इस कार्यक्रम को ही रद्द करना पड़ा।
चंचल त्यागी ने बताया कि महजबीन ने मुस्लिम स्टाफ को दिन में 5 बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी है, लेकिन जब चंचल अपनी सनातन परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर आती हैं, तो उन्हें इसके लिए सजा दी जाती है।
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान बमबाजी और मूर्तियों के विखंडन जैसी 35 सांप्रदायिक घटनाएँ हुईं, जिससे हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल बन गया है।
विवादित दावा छठी क्लास की इतिहास की किताब के पाँचवे चैप्टर- 'राज्य, राजा और प्राचीन गणतंत्र' (पृष्ठ नंबर-44-45) पर दिखाई देता था। अब इसे हटा लिया गया है।