Thursday, October 10, 2024
Homeविविध विषयअन्य12 महीने, 22 न्यूज: लाल किला से बंगाल हिंसा और तालिबान से बांग्लादेश तक......

12 महीने, 22 न्यूज: लाल किला से बंगाल हिंसा और तालिबान से बांग्लादेश तक… 2021 की सबसे Hot खबरें

साल 2021 में बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। मसलन गणतंत्र दिवस पर हिंसा, अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा, बंगाल में चुनाव बाद भड़की हिंसा... वगैरह।

साल 2022 दस्तक दे रहा है। हर कोई उम्मीद कर रहा है ये साल नई खुशियों, नई उम्मीदों वाला हो। हर जगह सिर्फ सकारात्मक खबरें सुनाई दें, 2021 की तरह नहीं… जहाँ साल की शुरुआत हुई खालिस्तानी तत्वों से और फिर मई आते-आते ऑक्सीनजन के कारण त्राहि-त्राहि मच गई। 2021 के इस साल में कभी तालिबान ने चिंता बढ़ाई तो कभी बांग्लादेश में हिंदुओं पर होते अत्याचार ने सबको हैरान कर दिया।

आइए इससे पहले 2022 की शुरुआत हो और नई खबरों से अखबार, मीडिया चैनल भर जाएँ, हम एक सरसरी निगाह 2021 की बड़ी खबरों पर डाल लेते हैं जो बड़े-बड़े राजनेताओं से लेकर कॉमन मैन तक के लिए चर्चा का विषय थीं।

जनवरी 2021

26 जनवरी हिंसा: नवंबर 2020 में शुरू हुआ कथित किसान आंदोलन जनवरी 2021 तक दिल्ली की हर सीमा को घेर चुका था। राकेश टिकैत जैसे किसान नेता जगह-जगह ऐलान कर रहे थे कि 26 जनवरी को लोग ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और गणतंत्र दिवस पर अपनी एकजुटता दिखाएँगे। सरकार और प्रशासन की मनाही के बावजूद ये लोग नहीं माने और ‘बक्कल उतारने वाली धमकियाँ’ देकर 26 जनवरी 2021 को सैंकड़ों ट्रकों के साथ दिल्ली में घुसे। 

नतीजन दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हिंसा शुरू हुई। दिल्ली की सड़कों पर जहाँ-तहाँ उत्पात मचाया गया। भीड़ जब लाल किले पहुँची तो वहाँ जमके तोड़फोड़ की गई। रास्ते में तिरंगे का अपमान किया गया। उसे रौंदा गया। प्रधानमंत्री को गालियाँ दी गईं। पुलिस वाहनों पर हमला हुआ। इन सबके अलावा निहंग सिखों को खुली सड़क पर तलवार लेकर दौड़ते देखा गया। जब मामला शांत हुआ तो उपद्रव करने वालों में दीप सिद्धू जैसे बड़े नामों का खुलासा हुआ। वहीं रिपोर्ट्स से पता चला कि इस दिन की झड़प में 300 के करीब पुलिस वाले घायल हुए थे।

फरवरी 2021

वीएचपी कार्यकर्ताओं पर हमला: राम मंदिर निर्माण के लिए धन जमा करने हेतु देश भर में चलाया गया निधि समर्पण अभियान मकर संक्रांति के बाद से चर्चा में था। अभियान में जुटे करीब 9 लाख कार्यकर्ताओं की मदद से 44 दिनों (15 जनवरी से 27 फरवरी 2021) में 2500 करोड़ रुपए जुटाने का काम किया गया। हालाँकि इस दौरान वीएचपी कार्यकर्ताओं की कोशिशों के साथ जो एक और खबर चर्चा में थी वो खबर उन पर हुए हमलों की थी। जगह-जगह कट्टरपंथी तत्वों ने उन्हें अपना निशाना बनाया और उन्हें धमकियाँ दी।

टूलकिट मामला: किसान आंदोलन की आड़ में भारत के खिलाफ़ रचे गए षड्यंत्र को साबित करने वाले दस्तावेज़ ‘टूलकिट’ का खुलासा फरवरी माह में हुआ था। ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट से इस टूलकिट के बारे में सबको पता चला था। इस टूलकिट के बारे में कहा गया था कि 18 जनवरी से पहले किसान समर्थन में और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए तैयार कर दिया गया था। इस खुलासे के बाद लंबे समय तक टूलकिट का विवाद गरमाया रहा और आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे।

मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक: एक खबर जिसने फरवरी माह में तहलका मचाया वो खबर मुकेश अंबानी से जुड़ी थी। इस माह में ही देश के सबसे बड़े उद्योगपति रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर से कुछ दूरी पर खड़ी सिल्वर कलर की स्कॉर्पियो कार से 20 जिलेटिन छड़ें बरामद हुई थी। महीना खत्म होते-होते पता चला कि इस हरकत के पीछे जैश उल हिंद का हाथ है। हालाँकि बाद के महीनों में इस संबंध में कई खुलासे होते रहे और पता चला कि षड्यंत्र सचिन वाजे जैसे पुलिस अधिकारी द्वारा रचा गया था।

मार्च 2021

तेलंगाना में दंगे: तेलंगाना के निर्मल जिले के भैंसा नगर में 7-8 मार्च के आसपास दंगों की खबर ने सबको हैरान कर दिया था। इस हिंसा में मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी व आम नागरिकों को मिला कर लगभग 10 लोग घायल हुए। इनके अतिरिक्त दो घरों व एक ऑटोरिक्शा में आग लगाई गई। तीन घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बाद में इस संबंध में कुल 15 मामले दर्ज हुए और 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इस घटना से पहले साल 2020 में तेलंगाना का यगी इलाका सांप्रदायिक हिंसा का गवाह बना था। उस समय भी 11 लोग घायल हुए थे और 18 घरों को जला दिया गया था।

डासना देवी मंदिर वीडियो वायरल और यति नरसिंहानंद सरस्वती : मार्च में एक मामला डासना मंदिर का भी काफी चर्चा में था। उस समय खबर आई थी कि डासना में एक आसिफ नाम के मुस्लिम युवक को पानी पीने के बेरहमी से पीटा गया। हालाँकि बाद में मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सामने आकर बताया कि कैसे मंदिर के बाहर कई नल लगे हैं अगर सिर्फ प्यास बुझानी थी तो उन नलों में पानी आता है। उन्होंने यह बी बताया था कि कैसे मंदिर में दूसरे समुदाय के लड़के प्रवेश करके लड़कियों को छेड़ते थे और उनपर अभद्र टिप्पणी करते थे इसलिए उन्होंने सबको मंदिर में घुसने से मना किया।

मनसुख हिरेन हत्या मामला: फरवरी माह में जिस स्कॉर्पियों को विस्फोटक सामग्री से भरके मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ा किया गया, वो गाड़ी मनसुख हिरेन की थी। मनसुख की लाश 4-5 मार्च 2021 को मिली थी। शुरू में कहा गया कि हिरेन ने आत्महत्या की। लेकिन बाद में पता चला कि उसे मारा गया था। इसी हत्या की एंगल के जाँच के दौरान सचिन वाजे का नाम मीडिया में चर्चा में आया और पता चला कि वो हिरेन से लगातार संपर्क में था।

अप्रैल 2021

अनिल देशमुख का इस्तीफा: एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन हत्या मामले की जाँच के क्रम में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप मढ़े गए, जिसके बाद उनका जगह-जगह विरोध हुआ और अंतत: उन्हें 5 अप्रैल 2021 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

कोरोना की दस्तक: कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल 2021 में भारत में दोबारा दस्तक दी थी। इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना की आड़ में चल रहे कई धंधे उजागर हुए थे जिसमें फर्जी सर्टिफिकेट बनाना, प्रवासी कामगारों से वसूली करने का धंधा शामिल था। ऐसे ही कोरोना के बीच मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए की जाने वाली माँग भी इसी माह की खबर है। वहीं कोरोना के नाम पर कुंभ को बदनाम करने के प्रयास भी अप्रैल में शुरू हुए थे। इसी महीने में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचना शुरू हुआ था। माह के शुरू में ही खबर आई थी कि मुम्बई में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई मरीजों की मौत हो गई। इसके बाद ऐसी खबरों का जमावड़ा लग गया।

मई 2021

कोरोना और प्रोपगेंडा: मई आते-आते कोरोना के कारण जहाँ जगह-जगह मातम पसरता जा रहा था। कई राज्य ऑक्सीजन की किल्लत से गुज़र रहे थे। वहीं कुछ प्रोपगेंडाबाज सोशल मीडिया पर श्मशान घाट पे जल रहे शवों की तस्वीरें शेयर कर करके अलग ही प्रोपगेंडा फैला रहे थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये दिखाने का प्रयास हो रहा था कि कैसे मोदी सरकार भारत में कोरोना को कंट्रोल करने में बुरी तरह विफल हुई है।

टीकरी बॉर्डर रेप: एक सबसे बड़ी खबर जो मीडिया में इस माह आई वो टीकरी बॉर्डर पर हुए रेप की थी। इसी माह किसान प्रदर्शन स्थल की हकीकत का पर्दाफाश हुआ था और पता था चला कि कैसे बंगाल से लड़की को लाकर उसका रेप किया गया और हालत इतनी बदतर कर दी गई कि अंत मे उसने कोरोना से पीड़ित होकर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया था।

बंगाल हिंसा: 2 मई 2021 को बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों में टीएमसी की जीत के बाद राज्य में जगह-जगह हिंदू विरोधी, भाजपा विरोधी हिंसा रिपोर्ट की गई। इस दौरान सैंकड़ों हिंदुओं पर वार हुए, महिलाओं से जबरदस्ती हुई, बच्चों से बर्बरता हुई और कई घरों को आग के हवाले किया गया। पुलिस की कार्रवाई की पोल भी बाद में खुली जब अलग-अलग संगठन जमीन पर उतरे और पीड़ितों की आपबीती लाए। इसी बीच कंगना रनौत का ट्विटर अकॉउंट सस्पेंड होना भी सोशल मीडिया पर अच्छी खासी चर्चा का कारण था।

जून 2021

मई के माह में बंगाल में इतनी क्रूरता की गई कि इसका असर जून तक मीडिया खबरों में नजर आया। पूरे माह इस बात की चर्चा रही कि आखिर ममता सरकार ने कैसे हिंदुओं पर हुए हमलों को नजरअंदाज किया। बंगाल हिंसा पर हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस की एक रिपोर्ट से पता चला की बंगाल में हिंसा की 15000 घटनाएँ हुईं, 25 मौत हुईं और 7000 महिलाओं से बदसलूकी की गई।

गाजियाबाद में बुजुर्ग को पीटने का मामला: जून के महीने में गाजियाबाद की एक घटना सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया। एडिट की गई वीडियो के साथ बताया गया कि एक मुस्लिम को जय श्रीराम पीट-पीटकर बुलवाया जा रहा था और जब उसने ऐसा नहीं किया तो उसकी दाढ़ी काट दी गई। हालाँकि जाँच-पड़ताल के बाद खबर आई कि सपा नेता ने अब्दुल समद नाम के व्यक्ति के साथ हुई मारपीट को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया था। हकीकत में ये विवाद ताबीज को लेकर था जिसे अब्दुल ने आरोपित के घर में दिया था।

सिख लड़कियों के धर्मांतरण का केस: जम्मू कश्मीर में सिख लड़कियों के धर्मांतरण का मामला भी जून 2021 में सामने आया था। वहाँ 28 जून को इस बाबत प्रदर्शन हुए थे। खबरें थी कि वहाँ समुदाय विशेष के लड़के सिख लड़कियों को अपना निशाना बना रहे थे और उन्हें बहला कर उनसे शादी कर रहे थे।

जुलाई 2021:

राज कुंद्रा पोर्नोग्राफी केस: जुलाई 2021 का महीना बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा से जुड़ी खबरों के नाम था। इस खबर ने न केवल मेनस्ट्रीम मीडिया में बल्कि सोशल मीडिया पर भी कई दिनों तक जगह बनाए रखी। 19 जुलाई को राज कुंद्रा को जब पोर्नोग्राफी केस में अरेस्ट किया गया तो पूरे बॉलीवुड में तहलका मच गया। पुलिस की जाँच और पूछताछ से इतर कई अभिनेत्रियों ने सामने आकर कुंद्रा पर आरोप मढ़े। मामला इतना गंभीर था कि कुंद्रा को जमानत पूरे 2 माह बाद मिली और वो 21 सितंबर को जाकर अपने घर लौटे।

अगस्त 2021:

अफगानिस्तान-तालिबान विवाद: अगस्त 2021 का पूरा महीना अफगानिस्तान और तालिबान से जुड़ी खबरों से भरा था। लंबे समय से चल रहे तनाव के बाद 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर अपना कब्जा किया था। खबर आई थी कि देश के राष्ट्रपति गनी मुल्क छोड़ भाग गए और देश पर अब तालिबानी हुकूमत है। कट्टरपंथियों ने जगह-जगह फैलाया कि नया तालिबान है जो पहले से अलग है। हालाँकि, तालिबान के देश में आते ही वहाँ की सूरत बदल गई। लड़कियों को बुर्के में रहने के फरमान जारी हो गए और जगह-जगह खुले में पत्रकारों पर हमले होने लगे। सोशल मीडिया पर इसी बीच हमने कई ऐसी वीडियोज देखी थीं जिससे पता चला था कि लोग तालिबान शासित अफगानिस्तान से भागने के लिए कितनी मिन्नतें कर रहे हैं और कुछ उनके नियमों के हिसाब से कुछ को ढालने लगे हैं।

सितंबर 2021

असम हिंसा: 2021 का सितंबर महीना आधा तो तालिबान की खबरों के साथ बीता और आधार असम के दरांग में हुई हिंसा की खबरों के साथ। दरअसल, असम हिंसा 23 सितंबर की है दरांग जिले में पुलिस अतिक्रमणकारियों से जमीन खाली कराने गई तो जवानों पर हमला बोल दिया गया और 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद वामपंथियों ने राज्य में हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। सरकार ने इस दौरान जवाब दिया कि 10,000 मुस्लिमों की भीड़ ने पुलिस को घेर कर लाठी-डंडों व ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया था, तभी पुलिस ने कार्रवाई की। इस घटना की कई वीडियोज भी सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

अक्टूबर 2021

आर्यन खान केस: इस माह मीडिया में जो सबसे अधिक खबर कवर की गई वो शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़ी हुई है। 2अक्टूबर को आर्यन को मुंबई के क्रूज ड्रग केस में उनके साथियों के साथ एनसीबी ने पकड़ा और 3 हफ्ते से ज्यादा का समय उन्हें जेल में गुजारना पड़ा। इस दौरान जब उन्होंने ड्रग सेवन की बात को स्वीकारा तो सोशल मीडिया पर शाहरुख खान की खूब बदनामी हुई। जगह-जगह उनके पुराने इंटरव्यू दिखाए गए और उनकी परवरिश पर सवाल खड़ा किया गया।

बांग्लादेश हिंदू विरोधी हिंसा: यही महीना दुर्गा पूजा का भी था और इसी महीने में बांग्लादेश में हिंदुओं पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर उनके पंडालों पर हमला हुआ और कई हिंदुओं की जान ले ली गई।

नवंबर 2021

दिवाली पटाखा बैन: साल 2021 में नवंबर का महीना वैसे तो त्योहारों के कारण चर्चा में था। लेकिन, इस माह दिवाली थी और हिंदुओं के पावन त्योहार पर एक बार फिर पटाखे बैन करने का काम राज्य सरकारें कर रही थीं। ऐसे में सोशल मीडिया पर बस सवाल किए जा रहे थे कि अगर सवाल प्रदूषण का है तो केवल दिवाली पर पटाखे क्यों बैन हुए। इन्हें क्रिसमस और न्यू ईयर पर भी बैन किया जाना चाहिए। 

इस विषय के अलावा एक टॉपिक जो विवादों में रहा वो गुरुग्राम नमाज से जुड़ा है। दरअसल वहाँ, समुदाय विशेष लोगों के खुले में नमाज पढ़ने पर कई स्थानीयों ने आपत्ति जताई थी। लेकिन प्रशासन के ढीले रवैये के कारण सुनवाई नहीं हुई। बाद में कई हिंदुओं ने विरोध जताने के लिए सड़कों पर उतर हनुमान चालीसा आदि का पाठ शुरू कर दिया और इस तरह प्रशासन को मामले पर संज्ञान लेना पड़ा। हालाँकि ये मामला अब भी शांत नहीं है। हर जुमे  की नमाज पर कई जगह मुस्लिम इकट्ठा होते हैं और खुले में नमाज पढ़ने की जुगत में रहते हैं।

दिसंबर 2021

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: साल 2021 का दिसंबर महीना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस कॉरिडोर के उद्घाटन को देश भर में कवरेज मिली और आज भी इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं।

स्वर्ण मंदिर में लिंचिंग: हाल में पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुई एक व्यक्ति की लिंचिंग भी सुर्खियों में है। वहाँ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने के आरोप में व्यक्ति की हत्या करके उसे गुरुद्वारा परिसर के बाहर फेंक दिया गया, लेकिन हैरत की बात यह है कि इस मामले में पुलिस या राजनीतिक पार्टियों ने एक भी शब्द नहीं बोला।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आतंकियों के समर्थक ‘पत्रकार’ वाजिद खान को पुलिस ने दबोचा: बांग्लादेश की तरह भारत में भी ‘तख्त गिराने’ का देखता है सपना, नरसिंहानंद की...

राजस्थान पुलिस ने सोशल मीडिया पर हिंदूफोबिक कंटेंट डालने वाले इस्लामी आतंकवाद समर्थक वाजिद खान को हिरासत में ले लिया है।

गोंडा में दुर्गा पूजा पर कट्टर मुस्लिमों का हमला: असलम, सुलतान, मुन्ना ने चलाए पत्थर, देवी-देवताओं को कहे अपशब्द – बच्चों को भी पीटा,...

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में मुस्लिम भीड़ ने दुर्गा पूजा पंडाल में शामिल हिन्दुओं पर पथराव किया और देवी-देवताओं को अपशब्द कहे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -