"हिन्दुओं पर इस्लामी आक्रांताओं के क्रूर अत्याचारों को रोमिला थापर जैसे इतिहासकारों ने निष्ठुरता से झुठला दिया, ताकि आधुनिक हिन्दुओं को अपने पूर्वजों के साथ हुए अत्याचारों की याद से दूर रख उन्हें हिन्दू राष्ट्र की (न्यायोचित, प्राकृतिक) माँग करने से रोका जा सके।" - लेखक ने यह माना लेकिन हिंदुओं के प्रति जहर...
शौक़ बहराइची का एक लोकप्रिय शेर है - "बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा।" चुनाव आएँगे-जाएँगे, लेकिन कॉन्ग्रेस ने इस शेर को हमेशा ही प्रासंगिक बनाए रखा है।
स्वनामधन्य न्यूज़ चैनल एनडीटीवी की वेबसाइट पर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद ही बिजली की तेज़ी से यह विश्लेषण प्रकाशित किया गया कि मोदी ने अजित डोभाल के 'पर क़तर दिए।'
बीजेपी अपने दम पर पूरे यूपी में 50% के करीब वोट और 64 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं सपा-बसपा मिलकर 15 सीटें और 40 फीसदी के आसपास वोट शेयर हासिल कर पाई। कुल मिलाकर पूरी तरह फेल हो गया उनका जातीय समीकरण। यही अब गठबंधन में टूट का कारण बन कर उभरा है।
विवेक अग्निहोत्री ने अपनी अगली फ़िल्म की घोषणा कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के पीछे से जुड़ा सच सामने लाने के लिए 'द ताशकंद फाइल्स' नामक फ़िल्म का निर्देशन करने के बाद उनका अगला प्रोजेक्ट कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर आधारित होगा।
आजम खान ने राज्य सरकार पर आरोप भी लगाए। उनके अनुसार प्रदेश में उनको रास्ते से हटाने के लिए हर तरह की कोशिशें की गई हैं, उन पर आपराधिक इल्जाम मढ़े गए हैं और उनकी हत्या का प्रयास भी हुआ है।
कॉन्ग्रेस पार्टी परिवार की मुराद में इतना डूब गई है कि इतिहास को भी बदलने पर आमादा है। राजीव गाँधी को पार्टी की वेबसाइट पर मरते समय भारत का तत्कालीन प्रधानमंत्री बताया गया है जबकि सच्चाई यह है कि उस समय भारत के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर हुआ करते थे। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी को...
रूमा गुहा ने साल 1944 में हिंदी फिल्म 'ज्वार-भाटा' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने बंगाली फिल्मों की ओर रुख कर लिया था। रूमा ने ‘एंटोनी फिरंगी’, ‘गंगा ओभीजान’, ‘बालिका वधू’ और ‘अभिजान’ समेत कई बंगाली फिल्मों में काम भी किया।
"सूरत अग्निकांड में मृत छात्रा पंचानी के पिता द्वारा न सिर्फ 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि लेने से इनकार बल्कि अपनी तरफ से 4 लाख रुपए अग्निशमन विभाग को देने की पेशकश।" - यह वो झूठ है जिसे एशियन एज और डेक्कन क्रॉनिकल जैसे मीडिया हाउस ने बढ़ाया।
"किसी भी प्रकार की सब्सिडी थोपी नहीं जाएगी। कई सारी ऐसी महिलाएँ हैं जो इन यात्रा माध्यमों का प्रयोग कर सकती हैं। जो सक्षम हैं, वे टिकट ख़रीद कर यात्रा कर सकती हैं, उन्हें सब्सिडी की ज़रूरत नहीं है।"