30 मई को जिन मंत्रियों ने शपथ ली, उनकी जाति-धर्म पर शोध हुए और खबरें बना दी गईं। जाति और धर्म का एंगल देकर निष्कर्ष ये निकाला गया कि मोदी सरकार ने भले ही ‘सबका साथ-सबका विकास’ करने की कितनी ही कोशिश क्यों न की हो, लेकिन उनकी मंत्रिपरिषद में ऊँची जाति वालों का ही आधिपत्य है।
चर्चा के विषय से इतर बीच-बीच में दार्शनिक ज्ञान अवश्य बघारें। जरूरत के हिसाब से नास्तिक की अलग-अलग श्रेणियों यथा ईश्वरद्रोही, ईश्वर को न मानने वाला या सिद्ध होने पर ईश्वर को मान लेने की श्रेणी में कूद-फांद करते रहें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद की शपथ दिलवाई। नरेंद्र मोदी के बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी आदि मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भारी मात्रा में लोगों की उपस्थिति में 8000 लोगों के 16,000 कान देखकर कुणाल कामरा की आँखें छलक पड़ीं और ध्रुव राठी के गले लग कर रो पड़े जिससे राठी की टी-शर्ट भींग गई। राठी जी को पंचर लगाने का काम मिला है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 में ओडिशा में जबरदस्त सफलता पाई है। संसदीय सीटों में 8 गुना वृद्धि और विधानसभा चुनावों में दोगुने से अधिक लाभ प्राप्त किया है। दोनों चुनावों में वोट शेयर भी लगभग दोगुना है।
सलमान मलिक नामक मुख्य आरोपित को दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र से गिरफ़्तार किया गया। इससे पहले पुलिस बिलाल नामक आरोपित को शिकंजे में ले चुकी है, जिसनें तीन मासूमों के हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस के अनुसार, सलमान 15 दिनों पहले बुलंदशहर आया था।
शिवसेना ने कहा, "जीत के बाद पीएम मोदी ने विपक्ष के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा, इस पर गौर किया जाना चाहिए। पीएम मोदी की कार्यशैली से साफ हो गया है कि ये नई सरकार मानवता और संयम की भावना के साथ काम करेगी।"
मेनस्ट्रीम मीडिया और कुछ तथाकथित-धर्मनिरपेक्ष-उदारवादी मारे गए आतंकियों की मौत का शोक मनाने में कभी विफल नहीं होते। वो अक्सर कुख़्यात आतंकियों के अपराधों पर पर्दा डालने पर उतारू हो जाते हैं। मेनस्ट्रीम मीडिया ऐसे आतंकियों को ‘नायक’ या ‘शहीद’ का दर्जा...
40 हफ्तों का समय जहाँ किसी भी नवजात के विकास के लिए न्यूनतम माना जाता है वहीं 'saybie' 23 हफ्तों में ही दुनिया आ गई। जब वो पैदा हुई तो उसका वजन एक सेब जितना था - 245 ग्राम। सिर्फ़ एक घंटा है... ऐसा कह कर डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन...
योगेन्द्र यादव ने जनता को भला-बुरा कहा, करोड़ों मतदाताओं को अनभिज्ञ, भटका हुआ, पूर्वग्रह से ग्रसित और सम्मोहित, बताते हुए पूछा है, "क्या मैं उन सबको कॉलर पकड़ कर बताऊँ कि तुम कट्टर हो, धर्मांध हो?"