Sunday, September 22, 2024

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केजरीवाल सपोर्ट देने के लिए घूम रहे हैं, राहुल गाँधी लेना ही नहीं चाहते! दुःखद!

अरविन्द केजरीवाल सपोर्ट देना चाह रहे हैं, आगे पीछे घूम रहे हैं, मीटिंग कर रहे हैं, पब्लिक जगहों से आवाज लगा रहे हैं, और एक बेवफ़ा सनम राहुल हैं कि लेना ही नहीं चाह रहे सपोर्ट।

समझें Terrorism financing का कुचक्र: JNU से लेकर अमेरिका तक फैला है नेक्सस

एक ऐसा व्यापारी जिसके बारे में 1990 में ही सरकार को पता चल गया था कि वह आतंकियों का वित्तीय पोषण करता है लेकिन उसे बार-बार गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया गया। आज 30 वर्षों बाद वही घाव अब नासूर बन चुका है।

दक्षिणपंथी मूर्ख नहीं है वामपंथी परमादरणीय क्यूटियों, तुम एक्सेल-एक्सेल खेलते रहो

अगली बार कोई एन्टीसैप्टिक क्रीम वाले लोग ऐसा विज्ञापन बनाएँगे जिसमें किसी नमाज़ पढ़ने जाते बच्चे पर हिन्दू बच्चों ने बम उछाल दिया हो, और उसकी चमड़ी जल जाए। बाद में पता चले कि वो तो हिन्दू ही था जिसने अपने मजहबी दोस्त के लिए टोपी पहनकर बम झेला! फिर आप चुपके से अपनी क्रीम बेच लेना यह कहकर कि साम्प्रदायिक सद्भावना का परिचायक है यह विज्ञापन।

मसूद अज़हर ‘जी’ के साथ माननीय राहुल G का पोस्टर लगा अमेठी में, वायरल हुआ सोशल मीडिया पर

अमेठी के रेलवे स्टेशन परिसर में राहुल गाँधी के विरोधस्वरूप एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में वह आतंकी मसूद अज़हर के साथ दिख रहे हैं। पोस्टर में राहुल गाँधी को जैश सरगना का पाँव छूते हुए दिखाया गया है।

मसूद अज़हर जी, जीजा जी, आपको लगता है मैं इस जन्म में सेंसिबल बात कर पाऊँगा?

राहुल गाँधी की हालात उस बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थी की तरह हुई पड़ी है, जिसे कल सुबह पेपर देने जाना है और वो आज शाम नोट्स बनाने बैठा है। उसे अभी सिलेबस भी खरीदना है, ‘मोस्ट इम्पोर्टेन्ट’ और वेरी-वेरी इम्पोर्टेन्ट सवाल लाल-नीले और तमाम रंगीन पेनों से रंग कर परीक्षा के मैदान में कूदना है।

आदिल डार के पिता का फ़ख्र glitch नहीं, इस आतंकी मानसिकता का feature है

बानगियों की कमी नहीं है यह जानने के लिए कि आखिर एक सेक्युलर समाज में ऐसी क्या कमी है जो अलगाववादियों को वह मंज़ूर नहीं, और जिससे कश्मीर को आज़ाद कराने के लिए बुरहान वानी और आदिल डार ने जान लेने और देने में कोई संकोच नहीं किया।

जनरल बख्शी का मज़ाक उड़ाने वालो, लॉन्ड्री ही चलाओ क्योंकि पत्रकारिता तुम्हारे वश की बात नहीं

जिसने अपने भाई को इतनी कम उम्र में खो दिया, वो भी देश की रक्षा हेतु- उस आदमी का मज़ाक बनाने में क्या स्वरा ब्रिग्रेड को शर्म नहीं आती?

अब तो सच बोल दे… राहुल! डोभाल और मसूद पर अपनी माँ से क्यों नहीं पूछते

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि यह फ़ैसला कितना सही और कितना गलत था- इस पर बहस हो सकती है, लेकिन किसी अधिकारी का नाम लेकर उसे कटघरे में खड़ा करना सही नहीं है। अधिकारी तो बस अपनी ड्यूटी कर रहे थे, जो सरकार द्वारा उन्हें सौंपी गई थी।

…क़सम ‘गुप्त-कोष’ वाले गुप्ता जी के अजगर की हम 7 में से 8 सीट जीत रहे थे : केजरी पर कुमार ने कसा तंज

इससे पहले भी कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर तंज किया था, “ज़मानत ज़ब्त होने के डर से आत्ममुग्ध बौने ने चुनाव घोषणा के दिन ही “अमानत” छोड़ दी?"

डिफेंस दलालों के साथ राहुल गाँधी के रिश्तों का खुलासा: वाड्रा, जमीन से लेकर राफेल-यूरोफाइटर तक का है घालमेल

रॉबर्ट वाड्रा की तरह राहुल गाँधी भी संजय भंडारी से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। गाँधी परिवार का क़रीबी भंडारी एक हथियार डीलर है। राफेल सौदे के दौरान दसौं द्वारा उसे फटकार लगाई जा चुकी है।

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