मेनस्ट्रीम मीडिया और कुछ तथाकथित-धर्मनिरपेक्ष-उदारवादी मारे गए आतंकियों की मौत का शोक मनाने में कभी विफल नहीं होते। वो अक्सर कुख़्यात आतंकियों के अपराधों पर पर्दा डालने पर उतारू हो जाते हैं। मेनस्ट्रीम मीडिया ऐसे आतंकियों को ‘नायक’ या ‘शहीद’ का दर्जा...
40 हफ्तों का समय जहाँ किसी भी नवजात के विकास के लिए न्यूनतम माना जाता है वहीं 'saybie' 23 हफ्तों में ही दुनिया आ गई। जब वो पैदा हुई तो उसका वजन एक सेब जितना था - 245 ग्राम। सिर्फ़ एक घंटा है... ऐसा कह कर डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन...
योगेन्द्र यादव ने जनता को भला-बुरा कहा, करोड़ों मतदाताओं को अनभिज्ञ, भटका हुआ, पूर्वग्रह से ग्रसित और सम्मोहित, बताते हुए पूछा है, "क्या मैं उन सबको कॉलर पकड़ कर बताऊँ कि तुम कट्टर हो, धर्मांध हो?"
कॉन्ग्रेस अकेली पार्टी नहीं है जो मीडिया से भाग रही है। समाजवादी पार्टी ने भी अपने सभी मीडिया पैनलिस्ट का मनोनयन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इसका अर्थ है कि सपा द्वारा जब तक नए पैनलिस्ट के नामों की घोषणा नहीं की जाती, तब तक पार्टी का पक्ष रखने के लिए मीडिया चैनलों पर नेता नहीं जाएँगे।
इस योजना के जरिए सरकार बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में दो तरह से सहायता करती है। पहला तो उन्हें केंद्र के 10 से अधिक मंत्रालयों और विभाग की स्कॉलरशिप योजनाओं के माध्यम से पैसे दिलाए जाते हैं और दूसरा 35 बैंकों द्वारा चलाई जा रही 95 लोन स्कीमों के द्वारा उन्हें लोन मिल सकता है।
कुल 79 ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जो अल्पसंख्यक बहुल हैं। इन 79 में से 41 पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। अर्थात, कुल अल्पसंख्यक बहुल लोकसभा सीटों में से 51.8% पर भाजपा ने कब्ज़ा किया। ये पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन है।
"वीरगति को प्राप्त जवानों व उनके परिवारों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से यह सम्मान देना उनके लिए सरकार का रुख दिखाता है, जो देश की सेवा करते हुए बलिदानी हो गए। ये ममता बनर्जी के उन आरोपों को भी ध्वस्त करता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस समारोह को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।"
वो मामला (इसे आप धार्मिक कह लें या सांस्कृतिक) जिसने बंगाल की रगों में ममता के विरुद्ध सोच पनपने की जमीन तैयार की। वो मामला राजनीतिक नहीं था। वो मामला RSS या BJP के द्वारा तैयार नहीं किया गया था। बल्कि उस मामले को ममता ने खुद अपने हाथों से तैयार किया। छले गए बंगालियों ने...
स्वरा भास्कर के लिए ऑर्गेज्म यानी संभोग के दौरान चरमसुख पाना लैंगिक समानता का मसला हो सकता है, उन तमाम औरतों को लिए नहीं जिनके लिए ज़िंदा रहना ही सबसे बड़ा संघर्ष है।