ये मेरा ही तो रूप है जो बसों में उस पर गिर जाता है, जो गर्ल्स हॉस्टल की खिड़कियों की सीध में अपने लिंग पर हाथ फेरता है। वो मैं ही तो होता हूँ जो अपनी किसी जान-पहचान की बच्ची को चॉकलेट देकर कहीं ले जाता हूँ, और उसके साथ हैवानियत दिखाने के बाद उसकी हत्या भी कर देता हूँ।
माँ दुर्गा और भगवान श्रीराम के भक्तों को अलग-अलग देखते हुए क्षेत्र और श्रद्धा के नाम पर उन्हें लड़ने की कोशिश में लगे नंदी क्या यह नहीं जानते कि बंगाली रामायण के लेखक ने दुर्गा पूजा को बंगाल के घर-घर तक पहुँचाया? कृत्तिवासी ओझा के बारे में नहीं पता?
अटल बिहार वाजपेयी के निधन के तुरंत बाद उनकी बुराइयों की चर्चा को उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताने वाले यौन शोषण आरोपित पत्रकार ने कहा कि चूँकि राजीव गाँधी अब दिवंगत हो चुके हैं, उन पर पीएम मोदी द्वारा दिया गया बयान बताता है कि इंसान कुर्सी के लिए किस हद तक नीचे गिर सकता है?
ममता बनर्जी ने आपको प्रधानमंत्री मानने से इंकार कर दिया है? इस पर मोदी ने तंज किया, "उन्हें पाकिस्तान का प्रधानमंत्री पीएम लगता है लेकिन भारत का पीएम उन्हें प्रधानमंत्री नहीं लगता। इसका जवाब देश की जनता देगी।"
चीनी मुस्लिमों के लिए हज की तरह महत्व रखने वाला एक पवित्र स्थल आज खाली इसीलिए पड़ा हुआ है क्योंकि इसे ढाह दिया गया है। चीन ने इमाम आसीन दरगाह के गुम्बद को छोड़ कर इसके बाकी हिस्से को मिट्टी में मिला दिया है। यहाँ लगे झंडे और चढ़ावे गायब हो गए हैं।
ये चम्पक लेफ़्ट-लिबरल इको सिस्टम जितना चिल्ला ले कि मोदी ने तो कॉन्ग्रेस की योजनाओं का नाम बदल दिया, लेकिन सत्य यही है कि योजना का सिर्फ नाम ही नहीं बदला, उस पर काम भी किया, और करोड़ों ज़िंदगियों को उन छोटी सुविधाओं से छुआ, बेहतरी दी, जो साउथ और नॉर्थ ब्लॉक में बैठे लोगों के लिए नगण्य या इन्सिग्निफिकेंट थीं।
रवीश जी ने बताया कि भाजपा की रैली में आमरस और गठबंधन की रैली में रूहअफजा की माँग रहती है। उसके बाद से वे केवल रूहअफजा की सप्लाई ही करते हैं, क्योंकि उसका रंग लाल होता है, और जब हर ग्लास में रूहअफजा भरते हुए लाल सलाम कहते हैं तो उनकी आत्मा को ठंडक मिलती है।
शफीक अहमद की असलियत पता चलने पर पीड़िता शफीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए घर से निकली। लेकिन, रास्ते में शफीक ने अपने भाई और पिता के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया। करीब 5 दिनों तक किडनैपरों के चंगुल में रहने के बाद वो किसी तरह बच कर भागने में सफल हुई।
मैं माननीय उच्चतम न्यायालय का ग़लत हवाला देने के लिए बिना शर्त माफ़ी माँगता हूँ। साथ ही मैं माननीय उच्चतम न्यायालय को यह भी बताना चाहता हूँ कि ये बयान ग़ैर-इरादतन, अनजाने में असावधानी से दिया गया था। मैं आग्रह करता हूँ कि कृपया मेरी क्षमा प्रार्थना स्वीकार की जाए और मेरे ख़िलाफ़ चल रहे अवमानना मामले को बंद कर दिया जाए।"
रवीश वास्तविकता में मुश्क़िल सवाल न तो सामने वाले से पूछते हैं और न ही खुद से… उन्हें बड़े जहाज़, मंच पर जाकर फोटोबाजी और महँगे प्रसाधन से भी परहेज नहीं। ऐसे में मोदी जी को भी बिना झिझक… प्रधानमंत्री रहते रवीश के सामने बैठ कर कहना चाहिए - 'पांडे जी तुम भी कम नहीं हो बे… हें हें हें'!