Friday, November 15, 2024

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भीमा कोरेगाँव: बाबासाहेब अंबेडकर ने नहीं दी थी ब्राह्मणों को गाली, झूठ बोलते हैं अर्बन नक्सली

कोरेगांव की लड़ाई की प्रशंसा ब्रिटेन की संसद तक में हुई थी और कोरेगाँव में एक स्मारक भी बनवाया गया था जिस पर उन 22 महारों के नाम भी लिखे हैं जो कम्पनी सरकार की ओर से लड़े थे। यह प्रमाणित होता है कि कोरेगाँव की लड़ाई दलित बनाम ब्राह्मण थी ही नहीं, यह तो दो शासकों के मध्य एक बड़े युद्ध का छोटा सा हिस्सा मात्र थी।

IAS बेटे को टिकट मिलने पर केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने BJP को सौंपा इस्तीफा, नहीं चाहते परिवारवाद को बढ़ावा देना

बृजेंद्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। लेकिन बेटे को टिकट मिलने से चौधरी बीरेंद्र सिंह नाराज हो गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से राज्यसभा और मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश तक कर डाली है।

जोधपुर: रामनवमी पर शोभायात्रा से लौट रहे भक्तों पर पत्थरबाजी, वाहन फूँके, दो लोग गिरफ़्तार

रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा में हिस्सा लेने वाले लोग जब अपने घर लौट रहे थे, तभी उन पर कुछ लोगों ने अपनी छतों पर से पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। अचानक पत्थरों की बौछार से शोभायात्रा में शामिल लोगों में अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया।

झारखंड में रामनवमी जुलूस पर डेढ़ घंटे तक पत्थरबाजी, नरुल्लाह को पुलिस ने किया गिरफ्तार

सिकनी गाँव में जुलूस निकालने के दौरान एक समुदाय के विरोध किए जाने के बाद दोनों समुदायों के बीच झड़प हुई और फिर पत्थरबाजी भी होने लगी। इस पथराव की वजह से जुलूस में शामिल लोगों के अलावा कई अधिकारियों को भी चोटें आई है।

चुनाव के समय में पत्रलेखन: प्रचार, आचार, चाटुकार और पत्राचार का फलता फूलता व्यवसाय

बुद्धिजीवी एक दूसरे को पत्र लिख कर आकाश को गिरने से रोककर उसी प्रकार आश्वस्त हैं जैसे नेहरू जी अंग्रेजी में ट्रिस्ट विद मिडनाईट का भाषण दे कर हो गए थे और भारतीय पत्नियाँ पतियों को आदर्श पुरूष होने का आदेश दे कर संतुष्ट हो जाती हैं।

सियाचिन के परमवीर: ऑपरेशन मेघदूत से लेकर अब तक की कहानी

सब कुछ विश्लेषण करने के बाद अपनी ज़मीन वापस पाने के लिये 13 अप्रैल 1984 को बाकायदा ऑपरेशन मेघदूत चलाया गया जिसकी नायक थे लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हून और लेफ्टिनेंट कर्नल डी के खन्ना। तब से हमारी सेनाएँ सियाचिन की रखवाली कर रही हैं।

सेकुलर मीडिया को माया में समावेशी दर्शन और योगी में विघटनकारी राजनीति नज़र आई

यह बिलबिलाहट जनाधार खो चुकी लुटेरी पार्टियों और चाटुकार पक्षकारों का सामूहिक रुदन है। जब तक यह सर्वजन के हित की बात नहीं करेंगे। तब तक इनका भला नहीं होने वाला अब जनता जाग चुकी है, धोखे से न नेता को वोट मिलने वाला है और न ही पक्षकारों को रीडर या दर्शक।

एक बेकार, नकारा विपक्ष लोकतंत्र को बर्बाद करने की क्षमता रखता है

राजनैतिक मजबूरियों का कवच पहनकर किसी के पाप नहीं धुलते। अगर किसी प्रधानमंत्री के शासनकाल में घोटाले हुए, समझौतों में देश की सुरक्षा को नकारा गया, तो वो प्रधानमंत्री साक्षात दशरथपुत्र रामचंद्र ही क्यों न हों, पाप के भागीदार वो भी हैं।

कपिल मिश्रा का दिल्ली वालों के नाम खुला ख़त: केजरीवाल रच रहे पूर्ण राज्य के नाम पर षड्यंत्र

अगर कोई आपको ये कहता हैं कि दिल्ली पूर्ण राज्य बन जाएगी तो वो आपसे सफेद झूठ बोल रहा है, आपकी आंखों में धूल झोंक रहा है। दिल्ली देश की राजधानी थी, है और हमेशा रहेगी।

नेहरू-इंदिरा पर बनी कोई घटिया फिल्म भी शानदार कही जाती, लेकिन शास्त्री की मृत्यु का सच इनकी चूलें हिला देगा

ताशकंद फाइल लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमय मौत के बारे में बात करती हैं। विवेक ने कहा कि उनसे नफरत करने में इन "उदारवादियों" ने लाल बहादुर शास्त्री से सिर्फ इसलिए नफरत करना शुरू कर दिया है क्योंकि वह राष्ट्रवाद के प्रतीक थे।

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