भारत की बात
भारतीय दर्शन, परम्परा और सभ्यता से जुड़ी बातें और विचार
नेहरू के अखबार का वो पत्रकार, जिसने पोप को दी चुनौती… धर्म परिवर्तन के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद की रखी नींव
विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना करते समय स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने कहा था, “जिस दिन प्रत्येक हिन्दू जागृत होगा और उसे..."
काशी की 400 साल पुरानी परंपरा: बाबा मसाननाथ मंदिर में मोक्ष की आकांक्षा में धधकती चिताओं के बीच नृत्य करती हैं नगरवधुएँ
काशी की महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी, चिता भस्म की होली के बाद एक और ऐसी प्राचीन परंपरा जो अपने आप में अनूठी है वह है मणिकर्णिका घाट महाश्मशान में बाबा मसाननाथ के दर पर नगरवधुओं का नृत्य।
जलियाँवाला नरसंहार वाले जनरल डायर का स्वर्ण मंदिर में सिरोपा दे हुआ था सम्मान, अमरिंदर के पुरखे भी थे अंग्रेजों के वफादार
जलियाँवाला बाग़ नरसंहार के बारे में कौन नहीं जानता। यह नरसंहार अंग्रेज अधिकारी जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर के आदेश पर हुआ था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अकाल तख़्त ने उसे सिरोपा देकर सम्मानित किया था।
भारतीय गणना ही सर्वोत्तम: विदेशी कैलेंडर गड़बड़ियों की तारीख से भरे, कभी 10 माह का साल तो कभी 10 दिन गायब
रोमन, जूलियन और ग्रेगेरियन कैलेंडरों में खासा कन्फ्यूजन था। अब भी है। कई त्रुटियाँ हुईं। किसी ने सूर्य को आधार माना तो किसी ने चन्द्रमा को। भारतीय प्राचीन कैलेंडर यूँ ही चला आ रहा है - सटीक।
18 अप्रैल 1669… जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का दिया था आदेश, साढ़े 4 महीने में कर ली गई थी...
Vyalok -
कौन नहीं जानता है कि गायों को हरावल दस्ते में आगे रखकर हिंदुओं को जीतने वाले कायर रेगिस्तानी बर्बरों ने हिंदुओं की चेतना को खत्म करने के लिए मंदिरों को अपवित्र किया, मूर्तियाँ तोड़ीं और बलात्कार किए।
शेरपुर की अनोखी होली: रंग लगाने के बाद हिंदू हुरियारे मुस्लिमों को देते हैं ‘जीभर’ गाली, नवाबों के दौर से जारी परंपरा
पीलीभीत के शेरपुर में होली के दिन रंग के साथ-साथ गलियाँ भी दी जाती हैं। यहाँ हिंदू पहले मुस्लिमों को रंग लगाते हैं और फिर उनको गाली देते हैं।
बुरा न मानो होली है, जोगीरा सा रा रा : फागुन के गीत, जोगीरा, चैतावर और धमार, आज भूल रहे हैं लोग
होली है और होली में अगर कुछ मस्ती ना हो तो रंग कुछ फीका लगने लगेगा। तो आइए, पढ़िए और सुनिए कुछ खास जोगिरा… लेकिन हाँ, बुरा न मानिएगा, होली है।
इतिहास का वह दौर जब होली ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी हो गई थी
मध्यकालीन भारतीय मंदिरों के भित्तिचित्रों और आकृतियों में होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए इसमें 17वीं शताब्दी की मेवाड़ की एक कलाकृति में महाराणा को अपने दरबारियों के साथ चित्रित किया गया है।
भारत की विविधता, संस्कृति, लोक कला, साहित्य को समेटती होली: हर राज्य में उल्लास का अलग है रंग
जहाँ ब्रजधाम में राधा और कृष्ण के होली खेलने के वर्णन मिलते हैं वहीं अवध में राम और सीता के जैसे होली खेलें रघुवीरा अवध में। राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गाई जाने वाली होली का विशेष रंग है।
15 साल के मुहम्मद बिन कासिम पर राजा दाहिर की बेटियों ने लगाए थे रेप के आरोप: जानिए क्या हुआ खलीफा के दरबार में
खलीफा वालिद बिन अब्दुल मलिक सूर्यदेवी के सौंदर्य को देख कर मोहित हो गया और उसके भीतर हवस की आग जाग उठी। फिर उसने राजा दाहिर की बड़ी बेटी के साथ जोर-जबरदस्ती शुरू कर दी।