Friday, March 29, 2024

भारत की बात

भाई की आँखें फोड़वा दी, बीवी 14वें बच्चे को जन्म देते मरी: मोहब्बत का दुश्मन था हिन्दू-मुस्लिम शादी पर प्रतिबंध लगाने वाला शाहजहाँ

माँ नूरजहाँ को निकाल बाहर किया। ससुर की आँखें फोड़वा डाली। बीवी 14वें बच्चे को जन्म देते हुए मरी। हिन्दुओं पर अत्याचार किए। आज वही व्यक्ति लिबरलों के लिए 'प्यार का मसीहा' है।

भीमा-कोरेगाँव: एक युद्ध जिसे इतिहासकारों ने जबरन जीत में बदल डाला

महारों की मराठाओं से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी। यह लड़ाई कंपनी और मराठा सेना के बीच में लड़ी गई थी, जिसमें महारों ने कंपनी का साथ दिया।

हिन्दू धर्म त्यागने वालों को पुनः हिन्दू बनाना: वो पंडित मदन मोहन मालवीय, जो अपने परिचय को लेकर थे स्पष्ट

पंडित मदन मोहन अपने परिचय को लेकर स्पष्ट थे। अस्पृश्यता निवारण और शुद्धि (हिन्दू धर्म त्यागने वालों को पुनः हिन्दू बनाना) के घोर समर्थक थे।

‘अंग्रेजों के वफादार सिख किसानों ने ही सिख क्रांतिकारियों को पकड़वाया’: उस वायसराय ने बताया था, जो बोस के हमले में बच निकला

दिल्ली के चाँदनी चौक पर बोस के हमले में गवर्नर जनरल लॉर्ड चार्ल्स हार्डिंग बीवी सहित बच निकला, पर उसका कंधा फट गया। बाद में उसने अपने कार्यकाल को लेकर कई खुलासे किए।

‘हिन्दू तो सिखों से अलग हैं, तुम उनका नेतृत्व मत करो’: औरंगजेब के कपट का जवाब वेदों से दिया, गुरु ने शीश कटा दिया...

आज ही नहीं, आज से 345 वर्ष पूर्व भी किसी ने कहा था कि हिन्दू और सिख अलग-अलग हैं। लेकिन, गुरु तेग बहादुर ने उसकी बात को नकार दिया। वेदों से उद्धरण दिए।

‘…तो गाँधी बन जाओगे’ – लाला लाजपत राय के अंग्रेज हत्यारे को मारने की प्लानिंग में क्यों और किसने लिया गाँधी का नाम?

भगत सिंह और उनके क्रन्तिकारी साथियों राजगुरु और सुखदेव ने मिल कर लाला लाजपत राय के हत्यारे अंग्रेज अधिकारी सांडर्स को मौत के घाट उतारा था।

‘सत्याग्रह क्षणिक उत्साह नहीं, अनुशासन से होता है’: जब बारदोली में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर ‘सरदार’ बने वल्लभभाई पटेल

आज 'किसान आंदोलन' के बहाने दंगाइयों का समर्थन हो रहा है और खालिस्तानियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में हमें बारदोली सत्याग्रह को याद करने की ज़रूरत है।

वो गुरुजी के गुरुजी थे: जिनकी वजह से डॉ. आंबेडकर की भी थी संघ से नजदीकी

जब 1907 में सूरत में कॉन्ग्रेस पार्टी का अधिवेशन हो रहा था तो दोनों हिस्सों के बीच तल्खियाँ बढ़ गईं। इस वक्त बीएस मुंजे ने खुलकर तिलक का समर्थन किया और यही वजह रही कि तिलक के वो भविष्य में भी काफी करीबी रहे।

वंदे मातरम का मंच से ही विरोध कर दिया था कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मो. जौहर ने, बोया था जामिया का बीज, जहाँ गूँजता है नारा-ए-तकबीर

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मो. जौहर ने जब मुस्लिम लीग जॉइन की तो उन्होंने जहर उगलते हुए कहा था कि गाँधी से अच्छा तो कोई व्यभिचारी मुसलमान है।

मेघना हेली ब्रिज: कहानी IAF के हेलिकॉप्टर की, हीरो है आर्मी वाला… जिसने सीनियर को अनसुना कर Pak को चटाई धूल

सीनियर की बात मान मेघना नदी के इस पार अवसर की बाट जोहना है या खतरों से खेल कर अपने लक्ष्य ढाका की ओर बढ़े जाना है? सगत सिंह ने...

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