विचार
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मुगलों को उसकी क्रूर सच्चाई के साथ पढ़ाएँ, अखंड भारत के महापराक्रमी नायकों का भी लिखें इतिहास: शत्रु और शौर्य का बोध जरूरी
NCERT द्वारा पाठ्य पुस्तकों से मुग़ल इतिहास का ग़ायब किया जाना चर्चा का विषय है। 'काम'पंथी नेता, एक्टिविस्ट और तथाकथित पत्रकारों की जमात...
औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों और विद्यालयों को नष्ट करने का दिया था आदेश, इस इतिहास को छिपाने के लिए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने लिखी झूठी...
आज ही के दिन धर्मांध औरंगजेब ने मंदिरों और हिंदू विद्यालयों को नष्ट करने का आदेश दिया था। इसके कारण दर्जनों प्रमुख मंदिरों को गिरा दिया गया।
रामनवमी हिंसा के बाद बिहार में बह रही इफ्तारी बयार, ‘तुष्टिकरण’ की नैया के खेवैया बने नीतीश कुमार
बिहार में इफ्तार पार्टी का मौसम है। राजनीतिक दल अपने खुद को मुस्लिमों के सबसे करीबी दिखाने की कोशिश में इसका आयोजन कर रहे हैं।
जिन ‘बेधड़क आवाजों’ ने बिहार की ढुलमुल व्यवस्था को कर रखा था नंगा, बिहारशरीफ-सासाराम की जमीन से वे गायब क्यों
अजीत झा -
जो लोग ग्राउंड जीरो पर जाकर सब कुछ सामने ला देते थे, वे बिहारशरीफ और सासाराम की जमीन पर रिपोर्टिंग करते क्यों नहीं दिख रहे?
रामराज्य की स्थापना में कंटक है इस्लामी कट्टरता, श्रीराम के कर्मपथ का अनुसरण कर ही मजहबी क्रूरता पर मिलेगी विजय
आत्मगौरव, स्वधर्म और स्वाभिमानपूर्ण तेजस्वी-यशस्वी जीवन की रक्षा श्रीराम के कर्मपथ का अनुसरण करके ही संभव है।
मेनस्ट्रीम मीडिया की ‘मूत्रकारिता’ के बाद The Wire की ‘खच्चरकारिता’: आरफा ने माफिया की महिमा गाते हुए खेला OBC कार्ड
'The Wire' की 'खच्चरकारिता' का आलम ये है कि उसे अतीक अहमद की चिंता उसके परिजनों से ज्यादा है। वो अतीक अहमद की पैरवी उसके वकीलों से भी ज्यादा मजबूती से कर रहा है। आरफा खानुम शेरवानी पत्रकारिता के इस नए रूप की झंडाबरदार बन कर उभरी हैं।
कब तक उस बिहार की दी जाती रहेगी दुहाई जिसे आज के बिहारी ने देखा ही नहीं, यूँ ही नहीं स्थापना दिवस पर बंद...
अजीत झा -
यह बिहार के नेतृत्व की भविष्य को लेकर शून्यता ही है कि बिहार दिवस पर भी चर्चा बिहार बंद और अलग मिथिला राज्य जैसे अभियानों की रही।
पहले सरकारी डॉक्टर, अब टीचर का बेटा… क्या बिहार में फिर शुरू हो गया जंगलराज वाला ‘अपहरण उद्योग’: लालू यादव के भतीजे पर भी...
बिहार में किडनैपिंग इंडस्ट्री एक बार फिर से फलने-फूलने लगी है। इस महीने में ही अपहरण और रंगदारी के 5 हाई प्रोफाइल मामले सामने आए हैं।
स्पेशल मैरिज एक्ट और समान नागरिक संहिता: केरल के मोहम्मद शुक्कुर को निकाह के 29 साल बाद फिर क्यों करनी पड़ी शादी, UCC से...
केरल के अभिनेता शुक्कुर जैसे जागरूक लोगों को पता है कि अपने बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए क्या किया जा सकता है।
कौन खा गए बिहार के गाँव-गाँव के रोजगार, कारीगरों को मजदूर बनाने में किसका फायदा: कॉन्ग्रेस+लालू+नीतीश की कोख से उपजा है ये पलायन
अजीत झा -
तमिलनाडु में कथित हिंसा के दावों ने बिहार से पलायन की मजबूरी को फिर से चर्चा में ला दिया है। आखिर इसका उपचार क्या है?