इस्लामपरस्त, वामपंथी, लिबरल... पूरा गिरोह डर में है। 90 के दशक में जिस कहानी पर लीपापोती कर दी गई, वह गोदी मीडिया के जमाने में गाँव-गाँव तक पहुँच रही है।
वेदों की भूमि पर वैदिक मंत्रोच्चार ही होगा न? 'सेंगोल' तमिल ही नहीं, हिन्दू गौरव का प्रतीक है। संविधान में श्रीराम और श्रीकृष्ण मौजूद हैं, फिर 'सेक्युलर' गिरोह को दिक्कत क्यों?