Saturday, April 27, 2024

विचार

एक तो वामपंथी, फिर भीतर का ‘ग्रेटा थनबर्ग’ भी उछाल मारे… जीसस खैर करें: आंदोलनजीवी से भारत ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया भी त्रस्त

पर्यावरण की रक्षा के लिए बात-बात पर किए जा रहे आंदोलन और उसके लिए व्यवहारिक हल के तरीकों में हमेशा अंतर क्यों?

कभी ज़िंदा जलाया, कभी काट कर टाँगा: ₹60000 करोड़ का नुकसान, हत्या-बलात्कार और हिंसा – ये सब देश को देकर जाएँगे ‘किसान’

'किसान आंदोलन' के कारण देश को 60,000 करोड़ रुपए का घाटा सहना पड़ा। हत्या और बलात्कार की घटनाएँ हुईं। आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।

माना लोकतंत्र में विपक्ष हो, पर जब उसकी नकारात्मक राजनीति लोकतंत्र के लिए ही नासूर बन जाए तो क्या करें?

ऐसे विपक्ष का क्या इलाज है? क्या लोकतंत्र के नाम पर ऐसे विपक्ष को ढोते रहना चाहिए?

बेचारा लोकतंत्र! विपक्ष के मन का हुआ तो मजबूत वर्ना सीधे हत्या: नारे, निलंबन के बीच हंगामेदार रहा वार्म अप सेशन

संसद में परंपरा के अनुरूप आचरण न करने से लोकतंत्र मजबूत होता है और उस आचरण के लिए निलंबन पर लोकतंत्र की हत्या हो जाती है।

त्रिपुरा में ऐसे खिला कमल, मुरझा गया सारा प्रोपेगेंडा: जानिए बीजेपी की नॉर्थ-ईस्ट पॉलिटिक्स के लिए ये नतीजे कितने शुभ

वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा उत्तर-पूर्वी राज्यों में विकास प्राथमिकता देने का असर बाकी राज्यों की तरह त्रिपुरा में भी दिखाई दे रहा है।

बढ़ता आरक्षण हो, समान नागरिक संहिता या… कुछ और: संविधान दिवस बनेगा विमर्शों का कारण, पिछले 7 सालों में PM मोदी ने दी है...

विमर्शों का कोई अंतिम या लिखित निष्कर्ष निकले यह आवश्यक नहीं पर विमर्श हो यह आवश्यक है क्योंकि वर्तमान काल भारतीय संवैधानिक लोकतंत्र की यात्रा के मूल्यांकन का काल है।

राष्ट्रीय राजनीति में ममता बनर्जी क्या दे पाएँगी PM मोदी को टक्कर: चुके हुए कॉन्ग्रेसी-विपक्षी नेताओं के सहारे तलाश रहीं है नई भूमिका

राष्ट्रीय राजनीति में जिस भूमिका की तलाश में ममता बनर्जी हैं, उसे पहले से ही अस्तित्व के संकट से दो-चार हो रहे अन्य दलों के चुक गए नेताओं के सहारे पाना बड़ी चुनौती होगी।

बतौर गवर्नर 3 साल में 5 राज्य, पहले 6 बार बदली सत्यपाल मलिक ने पार्टी: जिस कॉन्ग्रेस ने जेल में ठूँसा, उसी के बने...

सत्यपाल मलिक को 3 साल में बिहार, ओडिशा, जम्मू कश्मीर, गोवा और मेघालय का राज्यपाल बनाया गया। जानिए क्या रहा है उनका राजनीतिक इतिहास और चुनावों में प्रदर्शन।

केरल के हिंदुओं-ईसाइयों को कट्टरपंथी का तमगा… ‘थूक वाले होटलों’ या इस्लामी रूढ़ियों पर सवाल से दिक्कत क्यों?

केरल के लोगों ने "थूक वाले होटलों" से दूरी बनानी शुरू कर दी है। हालाँकि हंगामा हो गया है, लोगों को कट्टरपंथी का सर्टिफिकेट दिया जा रहा।

47 शैक्षिक/स्वास्थ्य संस्थाएँ चलाने वाला गोरखनाथ मंदिर, जिसके महंत को नेहरू काल में हुई थी जेल: राम मंदिर आंदोलन में बड़ा रोल

गोरखनाथ मंदिर 47 शैक्षिक और स्वास्थ्य संस्थान चलाता है, जहाँ सभी जाति-मजहबों के ज़रूरतमंदों की मदद होती है। जानिए पूर्वांचल की राजनीति और योगी आदित्यनाथ सहित यहाँ के अन्य महंतों के चुनावी इतिहास के बारे में।

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