राष्ट्रमंडल खेल घोटालों के लिए जाना गया, G20 से भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए। कॉमनवेल्थ में मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार हुआ, यहाँ 'श्रमजीवियों' का सम्मान। उस समय टॉयलेट पेपर तक में स्कैम हुआ, अब 2700 करोड़ का कन्वेंशन सेंटर बन कर खड़ा हो गया।
नीतीश कुमार गिर गए, सुरक्षाकर्मियों ने बचाया। 1 दिन पहले वो भूल गए थे कि गृह विभाग उनके पास ही है। आखिर किस बात का मलाल उन्हें खाए जा रहा है? लालू और राहुल गाँधी की नजदीकी का, या विपक्ष का संयोजक न बनाए जाने का?
हिन्दू धर्म को गाली देना भारतीय राजनीति का 'न्यू नॉर्मल' है, इसकी आदत डाल लीजिए। इनका कद ऐसा है कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जो करना है, हिन्दू एकता से ही होगा। उदयनिधि स्टालिन, मल्लिकार्जुन खड़गे, स्वामी प्रसाद मौर्य या चंद्रशेखर यादव - सब विपक्ष के नए प्रयोग का हिस्सा हैं।