Wednesday, December 4, 2024

मीडिया

लोकतंत्र की हिमायती ममता बनर्जी ने Republic TV के फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच की हत्या के लिए थमाया नोटिस

मीडिया संगठन ने यह भी कहा है कि वे अपनी रिपोर्ट के आधार पर खड़े हैं और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इस तरह की धमकी से डरने वाले नहीं हैं।

‘हिट जॉब विशेषज्ञ’ एन राम के अर्ध-सत्य को राहुल ने खींचना चाहा, सरकार ने उठाकर पटक दिया

द हिन्दू में एन राम ने आज सुबह एक लेख लिखा जिसमें 2015 में रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार का लिखा एक आधा अधूरा पत्र प्रकाशित किया और मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय रक्षा मंत्रालय के काम में अड़ंगा डाल रहा था।

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने ‘The Print’ की लगाई लंका

एक लाइन के ई-मेल में, डेटन ने लिखा है कि उनका इस मामले या किसी अन्य मामले के सम्बन्ध में कॉन्ग्रेस से कोई संपर्क नहीं है।

मीडिया ने प्रियंका गाँधी को बनाया तैमूर

जब तैमूर हाथ हिलाकर अभिवादन करना सीख ही रहा था कि मीडिया राम मंदिर, कन्हैया, बजट, सीबीआई और ममता जैसे बेकार के मुद्दों पर ध्यान लगाने लगी।

खुलासा: 2012 में तख़्तापलट की ख़बर को कॉन्ग्रेस के चार मंत्रियों ने गलत तरह से छपवाई

यूपीए सरकार के खिलाफ़ लोगों में गुस्सा को देखकर मनमोहन सिंह को लगा कि सरकार को बेदखल किया जा सकता है।

गोहत्या मामलों में भाजपा से अच्छा खेल रहे हैं कमलनाथ

15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार ने गो-माता सम्बन्धी अपराधों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया, वहीं गाय माता के प्रति CM कमलनाथ भाजपा से ज्यादा संवेदनशील हैं और गो हत्या के मामलों पर बिलकुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।

पत्रकारिता के समुदाय विशेष के लोगो! मोदी के वीडियो से जलता है बदन क्या?

अगर वहाँ एक भी व्यक्ति था, चाहे वो कश्मीर का हो, या कहीं बाहर का, उसे देखकर मोदी ने अभिवादन किया तो इन पत्रकारों की देह में आग क्यों लग रही है?

‘जी ले जी ले मेरे यार, जेब खाली तो उधार जी ज़िन्दगी’

फ़ोटो की सबसे खास बात है कि बच्चे जिस 'यंत्र' से सेल्फ़ी क्लिक कर रहे हैं, वो कोई स्मार्टफ़ोन नहीं, बल्कि एक ‘चप्पल’ है।

कश्मीरी आतंकियों ने 25 साल की लड़की को गोली मारी, 10 सेकेंड का वीडियो वायरल

कश्मीर में इस प्रकार की यह पहली घटना नहीं है, नवंबर 2018 को शोपियां जिले के निकलोरा गाँव में 17 वर्षीय नदीम मंज़ूर की गोलियों से छलनी लाश मिली थी।

‘उरी’ से हमारी जली, ‘मणिकर्णिका’ से हुए धुआँ-धुआँ: कट्टर वामपंथी गिरोह एवं एकता मंच

आज तक इस निर्धारित पैटर्न में होता यह था कि 'संप्रदाय विशेष' हमेशा दोस्ती के लिए जान देने को तैयार दिखाया जाता था। ब्राह्मण और पुजारी को व्यभिचारी, बनिया को हेरफ़ेर करने वाला दिखाया जाता रहा था। तब तक इस गिरोह को कभी समस्या नहीं हुई थी।

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