पूरे देश ने शनिवार को 74वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। लेकिन मोदी घृणा में कुछ मीडिया हाउस इस दिन भी झूठी खबर फैलाने से बाज नहीं आए। कुछ मीडिया हाउस ने खबर चलाई कि अब मोदी सरकार का गुणगान करने के लिए तीन हजार भिखारियों को भर्ती किया जाएगा।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय एक ऐसी योजना बना रही है जिसमें तीन हजार भिखारी चुने जाएँगे। इनका काम विभिन्न रेलगाड़ियों में यात्रियों के सामने मोदी सरकार की सफलताओं के गीत गाना होगा।
Fact Check: Govt rejects claims about engaging beggars to sing songs of its successes, terms it as falsehttps://t.co/mbD40bjL0o
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 16, 2020
हालाँकि ऑल इंडिया रेडियो और पीआईबी ने इस दावे को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि ये दावा झूठा है और सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं बनाई जा रही है।
दावा:एक अखबार के संपादकीय के अनुसार सूचना और प्रसारण मंत्रालय एक ऐसी योजना बना रही है जिसमे तीन हजार भिखारी चुने जाएँगे,जिनका काम होगा विभिन्न रेलगाड़ियों में यात्रियों के सामने मोदी सरकार की सफलताओं के गीत गाना
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 16, 2020
तथ्य:ये दावा झूठा है| सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं बनाई जा रही है pic.twitter.com/W1dtZossVZ
बता दें कि मीडिया हाउस ने दैनिक भास्कर के जयप्रकाश चौकसे का संदर्भ देते हुए खबर चलाई। हालाँकि यह खबर दैनिक भास्कर में 5 साल पहले यानी 2015 में छपी थी। 2015 में इकॉनॉमिक्स टाइम्स में भी ये खबर छापी थी, जिसे अभी सर्कुलेट किया जा रहा है। हालाँकि सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि यह दावा निराधार है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी पीआईबी के इस ट्वीट को रिट्वीट करके बात साफ कर दिया है।
मोदी घृणा से ओतप्रोत कुछ मीडिया हाउस सरकार को घेरने और नीचा दिखाने के लिए इतने उतावले रहते हैं कि पाँच साल पुरानी इस खबर को लेकर प्रकाश जावड़ेकर को खत लिखा है। इसमें तंज कसा गया है कि न्यूज चैनल कम पड़ गए हैं क्या जो अब मंत्रालय मोदी का गुणगान करने के लिए भिखारियों की भर्ती कर रहा है।
बहरहाल, इनकी उत्सुकता को देखकर तो यही लगता है कि कहीं इनके लिए न्यूज तो नहीं कम पड़ गए तो इन्हें पाँच साल पुरानी खबर को लेकर सरकार को खत लिखना पड़ा।
इस ऑर्टिकल में प्रधानमंत्री के हिंदुत्ववादी छवि को लेकर भी निशाना बनाया गया है और ये दिखाने की कोशिश की गई कि पीएम संप्रदाय विशेष और अल्लाह के खिलाफ हैं। आर्टिकल लिखने वाले ने खुद को ‘प्राउड हिंदू’ बताया है।
इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी माखौल उड़ाया गया है। बता दें कि जब से कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा है, पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पर जोर दिया है। इसके साथ ही कई सारी फालतू और अनर्गल दलील दी गई। बता दें कि इस आर्टिकल को ‘विमर्श’ की कैटेगरी में रखा गया है, तो हो सकता है कि यह मीडिया हाउस की संपादकीय नीति के तहत आता है।
खैर, इतना लंबा चौड़ा खत लिखने से पहले अगर मीडिया हाउस ने सच जानने की और खबर को सत्यापित करने की थोड़ी सी भी मशक्कत की होती, तो शायद सच से महरुम नहीं रहती। मगर एक सच्चाई यह भी है कि नैरेटिव को भी पकड़े रहने की मजबूरी है।