हिंदुस्तान टाइम्स ने हवलदार बिशन सिंह की मौत को लेकर जो दावा किया था उसे सोमवार (17 अगस्त 2020) को प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने खारिज कर दिया है। हिंदुस्तान टाइम्स में 16 अगस्त 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया था गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच टकराव के दौरान चोटें आने से 42 साल के बिशन सिंह की मौत हो गई।
पीआईबी ने इसे गलत बताते हुए कहा कि बिशन सिंह की मौत का कारण चोटें नहीं थी। लेह के सैनिक अस्पताल में बिशन सिंह का इलाज चल रहा था। 6 अगस्त को उन्हें चंडीगढ़ के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हवलदार सिंह मूल रूप से पिथौरागढ़ के बंगपानी के रहने वाले थे। रविवार 16 अगस्त को हल्द्वानी, नैनीताल के रानीबाग़ में उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
Claim: Media reports have claimed “an Army soldier from Galwan Valley Clash succumbs to injuries; cremated in his home district Nainital”#PIBFactcheck: This is incorrect. Late Havaldar Bishan Singh expired due to medical complications, not due to injuries sustained in the clash pic.twitter.com/cRfBmNKCYT
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 17, 2020
पीआईबी ने हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि बिशन सिंह की मृत्यु अन्य स्वास्थ्य कारणों से हुई है, न कि गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुए टकराव के बाद आई चोटों की वजह से। पीआईबी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस घटना से संबंधित जानकारी दी।
इसके पहले भी हिंदुस्तान टाइम्स गलत तथ्यों पर आधारित ख़बरें प्रकाशित कर चुका है। मई में हिंदुस्तान टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें ऐसा कहा गया था एक प्रवासी बच्चे की मौत हो गई, जब उसके पिता रेलवे स्टेशन पर दूध की तलाश कर रहे थे। इस खबर में दावा किया गया था कि मूल रूप से बिहार का रहने वाला 4 साल का बच्चा स्टेशन पर भूख की वजह से मर गया। इस दौरान उसके पिता दूध और कुछ खाने का सामान खोज रहे थे। हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी ख़बर में बच्चे की मौत का कारण भूख बताया।
इस ख़बर के चर्चा में आने के बाद रेलवे ने इसका असल पहलू बताया। रेलवे ने बताया कि वह बच्चे पहले से ही काफी बीमार था। इलाज करवाने के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन में दिल्ली से अपने घर बिहार जा रहा था। रेलवे ने यह भी बताया कि बच्चे की मृत्यु ट्रेन से उतरने के 5 घंटे बाद हुई थी। इन बातों से यह साफ़ होता है कि बच्चे की मौत का कारण भूख नहीं थी।