Friday, November 15, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकफैक्ट चेक: 'आतंकी' की 'फर्जी' फोटो वायरल करवा मुफ्ती-शेहला कर रहीं रहम की अपील,...

फैक्ट चेक: ‘आतंकी’ की ‘फर्जी’ फोटो वायरल करवा मुफ्ती-शेहला कर रहीं रहम की अपील, कश्मीर बंद का ढोंग

अलगाववादी ‘आतंकवादी’ नेता यासीन मलिक इन दिनों टेरर फंडिंग केस में NIA की ट्रांज़िट रिमांड पर तिहाड़ जेल में कैद है। दर्जनों हत्या के केस होने के बावजूद भी 30 सालों तक यासीन मलिक ने कभी अपनी शानो-शौकत में कमी नहीं आने दी थी। लेकिन मोदी सरकार के दौरान समीकरण कुछ उल्टे नजर आने लगे हैं।

यासीन मलिक को इस बार जब तिहाड़ का मुँह देखना पड़ा, तो तुरंत उसे महात्मा गाँधी जी याद आ गए। यासीन मलिक ने गिरफ्तारी के विरोध में खाना-पीना छोड़ दिया है। 2-3 दिन में ही यासीन मलिक की हालत पस्त हो गई, जिसके चलते 16 अप्रैल को यासीन मलिक को दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था।

इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ‘वायरल’ की जा रही है, जिसके कारण JNU की फ्रीलांस प्रोटेस्टर शेहला रशीद से लेकर कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती तक का दिल दुखा है और वो यासीन मलिक को इस फर्जी तस्वीर के अनुसार मिलने वाली यातनाओं के खिलाफ सरकार से रहम की अपील कर रही हैं।

सोशल मीडिया पर ‘वायरल’ की जा रही इस तस्वीर में यासीन मलिक की दयनीय हालत देखकर कश्मीर में महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला और ताजा-ताजा नेता बनीं शेहला रशीद ने अश्रु बहाने शुरू कर दिए हैं। तीनों ने अलगाववादी ‘आतंकी’ नेता को न सिर्फ मानवीय आधार पर छोड़ने की अपील का कैंपेन शुरू कर दिया है, बल्कि सोशल मीडिया पर खुलेआम यासीन मलिक के पक्ष में माहौल भी बना रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ट्वीट के जरिए या फिर मीडिया बाइट्स देते वक्त दिन में कई बार यासीन मलिक को छोड़ने की गुहार लगाती दिख रही हैं।

उधर अलगावावादी गिरोह हुर्रियत ने भी घाटी में बंद की घोषणा कर रखी है। हालाँकि, घाटी में इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके अनंतनाग में उम्मीद से कहीं बेहतर वोटिंग हुई है। साफ है कि कश्मीरी नेता भले ही पाकिस्तानी प्रोपगैंडा फैलाने में व्यस्त हों, लेकिन स्थानीय लोग इससे ऊब चुके हैं।

क्या है तस्वीर का सच?

सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही अलगाववादी ‘आतंकवादी’ यासीन मलिक की टूटी हुई हड्डी वाली तस्वीर वर्ष 2016 की है, जब आतंकवादी बुरहान वाणी के मारे जाने से नाराज अलगावादियों ने घाटी में उत्पात मचाने की कोशिश की थी। जेल जाते ही बीमार हो जाना यासीन मलिक और सजायाफ्ता कैदी लालू यादव का पुराना तरीका रहा है। इसलिए इस प्रकार की उनकी तस्वीरें देखकर एक बार जरूर सोचा जाना चाहिए कि यह आखिर किस समय की रही होगी। सोशल मीडिया पर अपनी जैसी मानसिकता के लोगों को द्रवित करने के लिए आतंकवादियों के नेता अक्सर ऐसी तस्वीरों का सहारा लेते हैं, ताकि देश के नामी संस्थानों में बैठे समान मानसिकता और विचारधारा वाले उनके अनुयायी और फ्रीलांस प्रोटेस्टर इनके पक्ष में माहौल तैयार करना शुरू कर दें।

यासीन मलिक की यह तस्वीर 2016 से भी पुरानी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तानी समाचार प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित खबर की वास्तविकता पर यकीन नहीं किया जा सकता है। लेकिन यह तो निश्चित है कि यह तस्वीर यासीन मालिक के इस बार यानी 2019 के अस्पताल दौरे की नहीं है।

यासीन मलिक को छोड़ने के इस कैंपेन की शुरुआत पाकिस्तान में बैठी यासीन मलिक की पत्नी मशाल मलिक ने की है, जो सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ कैंपेन चलाती रहती है। मशाल मलिक यासीन मलिक के स्वास्थ्य का बहाना बनाकर एंटी-इंडिया भावनाएँ भड़काने की कोशिश में लगी रहती है। कश्मीर में बैठे नेता मशाल के कैंपेन को आगे फैलाने में मदद कर रहे हैं। देखिए शेहला रशीद का ट्वीट, ताकि उनका दर्द समझने में सहायता मिले।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

आशीष नौटियाल
आशीष नौटियाल
पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -