Friday, November 15, 2024
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‘टेलीप्रॉम्पटर में खराबी आते ही PM मोदी बोलना भूल गए’ – कॉन्ग्रेस फैला रही थी झूठ, वीडियो सामने आते ही कौवे ने काटा

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के संबोधन के दौरान पीएम मोदी बोलते-बोलते रुक जाते हैं। इस पर कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी ने निशाना साधा। आरोप लगाया कि टेलीप्रॉम्पटर रुक जाने की वजह से पीएम मोदी आगे नहीं बोले जबकि...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (17 जनवरी 2022) को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के दावोस एजेंडा समिट में हिस्सा लिया। इस समिट में पीएम मोदी द्वारा दिए गए संबोधन की एक क्लिप को शेयर करते हुए कॉन्ग्रेस ने उन पर तंज कसा है। इसके साथ-साथ राहुल गाँधी ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कॉन्ग्रेसी इको-सिस्टम के सिपाही विनोद कापड़ी और रोहिणी सिंह जैसे लोगों ने भी खुशी जाहिर की।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अब पहले की तरह विश्व के नेता आमने-सामने नहीं मिलते हैं, सब वीडियो कॉल पर होता है। कोरोना काल में पीएम मोदी भी दावोस एजेंडा समिट में वर्चुअली शामिल हुए। इसी इवेंट की जो क्लिप शेयर की जा रही है, उसमें वह अपने संबोधन के दौरान बोलते-बोलते रुक जाते हैं। इस पर कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी ने निशाना साधा है। आरोप लगाया जा रहा है कि टेलीप्रॉम्पटर (Teleprompter) रुक जाने की वजह से पीएम मोदी आगे नहीं बोले।

टेलीप्रॉम्पटर के कारण बोलना छोड़े PM मोदी?

कॉन्ग्रेस जो झूठ फैला रही है, उसका आधार आधा-अधूरा वीडियो है। पूरी वीडियो देखेंगे तो समझ आएगा कि वास्तव में क्या हुआ था। पूरी वीडियो से पता चलता है कि खामी Teleprompter में नहीं आई थी, बल्कि मैनेजिंग टीम ने पीएम से रुककर यह पूछने को कहा था कि सबको उनकी आवाज आ रही है या नहीं।

बता दें कि कार्यक्रम के दौरान तकनीकी गड़बड़ी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की तरफ से हुआ था। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के यूट्यूब चैनल पर पीएम मोदी का भाषण बीच से शुरू होता है। तभी को-ऑर्डिनेटर ने पीएम मोदी के भाषण के बीच में टोका। इसके बाद क्लॉस स्कैब ने ऑफिशियल सेशन को फिर से शुरू करने की बात कही। उन्होंने सेशन को फिर से शुरू किया। इसके बाद पीएम ने इंगलिश इंटरप्रटेशन के साथ भाषण की शुरुआत की। सच्चाई यह है कि यह खराबी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की तरफ से था ना कि टेलीप्रॉम्पटर की खराबी थी। 

पीएम मोदी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में देश को संबोधित कर रहे थे न कि बीजेपी को। मगर कॉन्ग्रेस के अंदर मोदी के प्रति इतनी नफरत भर गई है कि यह देश से ही नफरत करने लगे हैं और पीएम को लेकर झूठ फैलाने में लगे रहते हैं। कॉन्ग्रेस के आईटी सेल को यह याद रखना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान तकनीकी समस्या एक उत्कृष्ट वक्ता के रूप में प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को कम करने वाली नहीं है।

2019 के चुनाव में पीएम मोदी को भ्रष्ट दिखाने के लिए इनके ‘चौकीदार चोर है’ वाले अभियान पर भी देश ने दिखा दिया कि पीएम की वक्तृत्व कला को लेकर उनका मुकाबला करना बेहद मुश्किल होगा। जनता ने दिखा दिया कि वे मोदी को पसंद करें या न करें, लेकिन देश के प्रति सम्मान रखना होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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