Friday, April 19, 2024
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फिर झूठ फैलाते पकड़ी गईं प्रियंका गाँधी, पोल खुली तो डिलीट किया फेसबुक पोस्ट

पीआईबी ने प्रियंका गाँधी के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर अपने ट्विटर अकाउंट पर दावे का खंडन किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल 'गैर किराया राजस्व' को बेहतर बनाना है।"

कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने अपने उस फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने भारतीय रेलवे को अडानी समूह के हाथों में सौंप दिया है। फेसबुक द्वारा पोस्ट को ‘भ्रामक’ सामग्री बताए जाने के बाद इसे डिलीट किया गया।

बता दें कि बीते दिनों प्रियंका गाँधी वाड्रा ने फेसबुक पर एक वीडियो डालकर किसान आंदोलन को भड़काने की कोशिश की थी। जिसको PIB Fact Check ने झूठा दावा करार दिया और प्रियंका गाँधी के पोस्ट के साथ उसे फर्जी बताया।

पीआईबी ने प्रियंका गाँधी के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर अपने ट्विटर अकाउंट पर दावे का खंडन किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल ‘गैर किराया राजस्व’ को बेहतर बनाना है।”

बता दें कि पिछले दिनों प्रियंका गाँधी ने फेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, “जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया। भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगवा दिया। कल को धीरे-धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी के अरबपति मित्रों को चला जाएगा। देश के किसान खेती-किसानी को भी आज मोदी के अरबपति मित्रों के हाथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं।”

प्रियंका ने ट्विटर पर भी एक वीडियो रीट्वीट किया था, जिसे गुजरात कॉन्ग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने शेयर किया था। इस वीडियो के साथ कमेंट में हार्दिक पटेल ने लिखा कि भारतीय रेल पर अडानी के फ़्रेश आटे का विज्ञापन देखने लायक़ है। अब तो दावे के साथ कह सकते है कि किसानों की लड़ाई सत्य के मार्ग पर है।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा फर्जी खबर फैलाना आम बात हो गई है। यहाँ तक कि उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस सूची में शामिल हैं, जो अक्सर अपनी राजनीति को चमकाने के लिए भ्रामक सूचनाओं और फर्जी खबरें फैलाने का सहारा लेते है। इस बार भी कुछ यही हुआ, मगर पोल खुलते ही पोस्ट डिलीट कर दिए गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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