भारत इस वक़्त चीन के द्वारा फैलाए गए कोरोना वायरस को निपटाने की पुरजोर कोशिश में लगा है। दूसरी ओर हमारे सैनिक सीमा पर दुश्मनों का मुकाबला कर रहे हैं। इसके बावजूद कॉन्ग्रेस अपनी घटिया राजनीति से बाज नहीं आ रहा।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम केअर फंड से अस्पतालों में पहले बैच के वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए। जिसके बाद मंगलवार (16 जून, 2020) को कॉन्ग्रेस समर्थकों ने ट्विटर पर एक झूठी साजिश के तहत लाए गए वेंटिल्टर्स पर आरोप लगाते हुए इसे ‘वेंटिलेटर घोटाला’ बता कर वायरल कर दिया।
इस फर्जी खबर को फैलाने वाले साकेत गोखले पहले शख्स थे। उन्होंने ट्वीट कर पूछा, पीएम केयर्स फंड के तहत वेंटिलेटर खरीदने के लिए अलॉट किए गए फंड से 750 करोड़ से अधिक रुपए कैसे गायब हो गए?
Stunning details of embezzlement of 750+ crores by PM CARES:
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 16, 2020
Y’all must’ve seen this ventilator with PM CARES sticker that has been promoted by the BJP.
Read on to know how a whopping 750+ crores have been stolen by PM Modi & BJP with these ventilators.
Thread :point_down:
(1/7) pic.twitter.com/fW4D2SYn6I
वेंटिलेटर मॉडल skanray CV200 को मैसूर स्थित स्कैनरे टेक्नोलॉजिज से खरीदा गया है। गोखले ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्कैनरे टेक्नोलॉजिज फिलिप्स वेंटिलेटर के निर्माण का लाइसेंस पार्टनर है, इसलिए स्कैनरे उसी फिलिप्स CV200 मॉडल को दे रहा है, जैसा कि भारत में बनाया गया है।
इसके बाद उन्होंने ‘फिलिप्स CV200’ मॉडल के लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल इंडिया मार्ट से इसकी प्राइस लिस्ट निकाली। इसमें दावा किया गया कि यह 2.5 लाख रुपए प्रति पीस पर इंडिया मार्ट पर बेचा जा रहा है।
Now, here’s a brochure for the Skanray CV200 ventilator allegedly procured through PM CARES.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 16, 2020
At the bottom, it states that these are produced for Govt of India Epidemic Emergency Program.
Further, note that Skanray is also a licensed manufacturer for Philips Healthcare
(3/7) pic.twitter.com/mnfF7wQ4zb
गोखले इसके बाद हाई स्कूल स्तर का गणित लगाते हुए कहते हैं कि 50,000 वेंटीलेटर की खरीद के लिए पीएम केअर फंड के 3,100 करोड़ रुपए में से अलॉट किए गए 2,000 करोड़ रुपए में से सरकार 2.5 लाख रुपए के बजाय 4,00,000 रुपए प्रति वेंटिलेटर का भुगतान कर रही है।
इस खबर को देखते ही कॉन्ग्रेस के अन्य समर्थकों ने आँख बंद कर इस मनगढ़ंत सच्चाई को फैलाने में जुट गए। साथ यह भी दावा किया कि किस तरह वेंटिलेटर की आड़ में घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है।
Ventilator Scam https://t.co/fehHppG3Iv
— Dushyant (@atti_cus) June 17, 2020
Critical thread on PM CARES. https://t.co/Fd1cpFXyDV
— Shweta Kothari (@Shwkothari) June 16, 2020
आम आदमी पार्टी को समर्थन देने वाले कुछ लेखकों ने भी इसे महत्वपूर्ण सूचना के तौर पर लिया। बता दें कि कोठारी ‘द लॉजिकल इंडियन’ की मैनेजिंग एडिटर हैं। ये वही हैं, जिन्होंने फेसबुक पर अरविंद केजरीवाल के फैन पेज के रूप में शुरुआत की थी।
कुछ लोगों ने तो गोखले की मनगढ़ंत कहानी को तथ्य मान लिया।
Shocking if true! https://t.co/jFJkavXpEy
— N Sai Balaji (@nsaibalaji) June 16, 2020
Interesting thread…… Must go through guys !!! https://t.co/M0JewnNr7Y
— Shekhar Mishra (@incshekhar) June 16, 2020
इससे पहले हम खबर की सच्चाई के बारे में आपको बताए, हम साकेत गोखले की कुछ मामूली बातें जान लेते हैं।
जिस “फिलिप्स सीवी 200” को लेकर गोखले का दावा था, वास्तव में वह इंडिया मार्ट पर 11 लाख रुपए में बिक रहा है।
और तो और, गोखले के ट्विटर थ्रेड को भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के सीएमडी द्वारा खंडन किया गया। बीइएल भारत की एक प्रॉफेशनल डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक कंपनी है, जो भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नवरत्न डिफेंस पब्लिक सेक्टर के अधीन है।
The information enclosed in the tweet is fabricated since there is no such model manufactured by Philips to the best of our knowledge. It appears as though a fictitious product under the brand name of Philips is being promoted on virtual marketplace, https://t.co/CuXA0CDAvD
— CMD BEL (@cmdbel) June 17, 2020
बीईएल के सीएमडी ने कहा कि ट्वीट्स में इतनी सारी फर्जी जानकारी कैसे गढ़ी गई। क्योंकि उनकी जानकारी के अनुसार फिलिप्स ऐसे किसी भी मॉडल का निर्माण नहीं करता है। उन्होंने कहा कि इन ट्वीट्स को देख कर ऐसा लग रहा जैसे फिलिप्स के ब्रांड नाम के तहत एक काल्पनिक प्रोडक्ट को वर्चुअल मार्केटप्लेस पर प्रचारित किया जा रहा है।
ऐसे समय में पीएसयू के सीएमडी सोशल मीडिया पर इन मनगढ़ंत खबरों पर रिप्लाई दे कर इसे फर्जी साबित कर रहे हैं। जबकि उनके पास करने के लिए और भी कई जरूरी काम हैं। उन्होंने बताया कि कैसे CV200, 2 घंटे की बैटरी बैकअप के साथ एक उच्च कोटि का वेंटिलेटर है। साथ ही इसमें कई अन्य सुरक्षा विशेषताएँ भी हैं।
These safety features required for patient protection in terms of necessary pressure release & HEPA/Particle/Bacteria/HME filters. The components used for manufacture are from reputed global medical grade components supply-chain partners.
— CMD BEL (@cmdbel) June 17, 2020
उन्होंने कहा, “निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले कॉम्पोनेन्ट प्रतिष्ठित वैश्विक मेडिकल ग्रेड कंपोनेंट्स के सप्लाई चैन पार्टनर हैं। CV200 वेंटिलेटर की कीमत इसके विन्यास, विशेषताओं और प्रदर्शन को देखते हुए विचार विमर्श करके किया जाता है।”
सीएमडी ने आगे कहा कि वेंटिलेटर पर पीएम केअर फंड का लोगो इसलिए लगा है, क्योंकि वेंटिलेटर अलॉट किए गए फंड के तहत ही खरीदे जा रहे हैं। और इस पर लगाया गया लोगो इसकी पहचान और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
CV200 ventilators are manufactured by BEL under licence from Skanray Technologies, Mysore. Skanray Technologies is the only Indian company having CE certified products.
— CMD BEL (@cmdbel) June 17, 2020
सीएमडी ने बताया कि कैसे डीआरडीओ ने कोरोनो वायरस प्रकोप के बीच वैश्विक लॉकडाउन स्थिति के बीच बड़ी संख्या में वेंटिलेटर के निर्माण के लिए आवश्यक व महत्वपूर्ण कंपोनेंटस के विकास और स्वदेशीकरण में सहयोग किया है।
आखिरकार इन मनगढ़ंत कहानियों का पर्दाफाश होने के बाद गोखले को विश्वास ही नहीं हुआ कि उसे जवाब देने वाला शख्स बीईएल का सीएमडी है।
Haha are you even a real account of the CMD of BEL?
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 17, 2020
Take legal action. Go ahead. These intimidation tactics don’t work on me. :man-shrugging::skin-tone-2:
In the event you’re the real thing, tell us the price at which PM CARES procured the CV200 ventilator instead of all the other gyaan :face_with_rolling_eyes: https://t.co/Dj2pPorBU6
इन तथ्यों से यह बात साबित होती है कि भारत सरकार ने 2.5 लाख रुपए में बिकने वाले वेंटिलेटर को 4 लाख रुपए में नहीं खरीदा है।