Saturday, July 27, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेकममता बनर्जी ने मंच से दी 'बहन वाली गंदी गाली', सोशल मीडिया पर लोग...

ममता बनर्जी ने मंच से दी ‘बहन वाली गंदी गाली’, सोशल मीडिया पर लोग ताबड़तोड़ शेयर कर रहे वीडियो: Fact Check

अपनी स्पीच में सीएम बनर्जी ने जताया कि वह गुजराती भाषा में भी पारंगत है। इसके बाद अपनी बात के सबूत देने के लिए वह कहने लगी, ‘केम छो? भाल छो।’ अब ये शब्द गुजराती के ही हैं। 'केम छो' का अर्थ होता है कि आप कैसे हो? जबकि भाल छो शब्द सुन कर लगता है कि...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर ये बताने की कोशिश की है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छी हिंदी जानती है। हालाँकि, ये बात और है कि जनता के बीच हिंदी बोलने की उनकी कोशिश ने उनकी जगहँसाई करवा दी है। कुछ यूजर्स तो ये तक कह रहे हैं कि उन्होंने गंदी गाली दी है।

जी हाँ, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने ममता बनर्जी की वायरल क्लिप देख कर दावा किया कि उन्होंने क्लिप में केम छो के बाद ‘बैं%&” कहा। इसे सुन कई लोगों ने चुटकी ली। 

हमने भी सोशल मीडिया पर वायरल होती वीडियो को ध्यान से सुना। पड़ताल में पाया कि मुख्यमंत्री बनर्जी ने किसी तरह की कोई अभद्र बात नहीं कही है। मगर फिर भी वह लोगों के बीच हँसी का पात्र बन गई।

अपनी स्पीच में सीएम बनर्जी ने जताया कि वह गुजराती भाषा में भी पारंगत है। इसके बाद अपनी बात के सबूत देने के लिए वह कहने लगी, ‘केम छो? भाल छो।’ अब ये शब्द गुजराती के ही हैं। ‘केम छो’ का अर्थ होता है कि आप कैसे हो? जबकि भाल छो शब्द सुन कर लगता है कि उन्होंने खुद के गुजराती प्रवाह को साबित करने के लिए इसका प्रयोग किया।

बंगाली में भालो का अर्थ ‘बढ़िया’ होता है। तो, ‘आप कैसे हैं’ -सवाल का अर्थ बंगाली में ‘आमी भालो आछी’ कहकर ही दिया जाता है। जिसका अनुवाद होता है- ‘मैं बढ़िया हूँ’, ‘मैं अच्छे से हूँ’। गुजराती में इसी सवाल का अर्थ ‘माजामा’ होता है।

यानी ये तो स्पष्ट है कि जनता के सामने गुजराती भाषा में खुद को निपुण दिखाने के लिए सीएम ने बंगाली शब्द का प्रयोग गुजराती भाषा के साथ मिलाकर किया। शायद इसी कारण यूजर भी कन्फ्यूज हो गए और उस 2 मिनट 20 सेकेंड की वीडियो में 0.59 सेकेंड पर कहे गए शब्द पर हँसी उड़ाने लगे।

बता दें कि जनता के सामने खुद के भाषाई ज्ञान की जानकारी देते हुए सीएम बनर्जी ने पीएम मोदी पर कई बार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम टेलीप्रॉम्पटर से पढ़कर स्पीच देते हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने पंजाबी भाषा के ज्ञान से भी जनता को अवगत कराया।

उन्होंने बताया कि वह बहुत समय पहले पंजाब गई थी। वहाँ वह मुश्किल से ही लोगों को पहचान पा रही थीं। उन्हें सब एक से लग रहे थे। मगर वहाँ गुरुद्वारे में उन्होंने हलवा माँग के खाया। अपनी जनता को समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे बिहारियों के यहाँ लिट्टी मशहूर है, वैसे ही गुरुद्वारे में हलवा बहुत अच्छा मिलता है।

सबसे हास्यास्पद बात यह है कि ममता बनर्जी ने अपनी स्पीच में इतनी दफा हिंदी की गड़बड़ी की, लेकिन फिर भी आत्मविश्वास से वो शब्द दोहराती रहीं। उन्होंने एक जगह तो हिंदू धर्म में पूजनीय विष्णु भगवान के लिए माता शब्द का प्रयोग किया और कहा जय बिष्णु माता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -