Sunday, September 1, 2024
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‘मंत्री को देख PM मोदी गुस्से में, प्लेन से नहीं उतरे… उपराष्ट्रपति से हुए खुश’ – मोहम्मद जुबैर ने फैलाई फर्जी खबर, फैक्ट चेक के नाम पर माँगता है भीख

कट्टर इस्लामी मानसिकता के कारण अपने ही देश भारत और यहाँ की सरकार से नफरत करने वाला मोहम्मद जुबैर सरकारी ट्वीट को भी नहीं देख पाया। न ही वो दक्षिण अफ्रीका से संबंधित खबर को क्रॉस चेक कर पाया।

प्रधानमंत्री मोदी जब BRICS समिट में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका पहुँचे तो वहाँ का कोई छोटा मंत्री उनकी स्वागत में एयरपोर्ट पर आया। पीएम मोदी को गुस्सा आ गया। वो प्लेन से उतरे ही नहीं। जब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति को एयरपोर्ट भेजा तो प्रधानमंत्री मोदी प्लेन से नीचे उतरे।

यह एक खबर है। खबर फेक है। एक आदमी है, नाम है – मोहम्मद जुबैर। खुद को फैक्ट चेकर कहता है। इसने ही यह फेक खबर भारत में फैलाई। अपने चंटू-बंटू को खुश करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के एक झंडु से वेबसाइट Daily Maverick का लिंक और उसकी बनाई खबर को भी शेयर किया।

जब ट्वीट “according to” ही होगा तो फैक्ट चेक के नाम पर क्यों माँगते हो भीख?

मोहम्मद जुबैर जो नहीं कर पाया, वो था फैक्ट चेक। ना तो भारत का सरकारी पक्ष जानने की कोशिश की, ना ही दक्षिण अफ्रीका का… लेकिन कहलाता है वो फैक्ट चेकर।

PM मोदी प्लेन से कब और कैसे उतरे?

भारत सरकार से जुड़ी खबर है तो देखते हैं कि प्रधानमंत्री के ऑफिस ने क्या कुछ कहा है, इस घटना को लेकर। 22 अगस्त को 6 बजकर 27 मिनट पर प्रधानमंत्री ऑफिस ने जो ट्वीट किया है, उसके अनुसार दक्षिण अफ्रीका के उप-राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया।

कट्टर इस्लामी मानसिकता के कारण अपने ही देश भारत और यहाँ की सरकार से नफरत करने वाला मोहम्मद जुबैर शायद इस ट्वीट को न देख पाया हो। पूरे दिन की 5 बार नमाज पढ़ने में ज्यादा समय लग गया होगा, इसलिए शायद 23 अगस्त को किए अपने ट्वीट में भी उसने बिना फैक्ट चेक किए ही फेक न्यूज फैला दी।

घटना चूँकि दक्षिण अफ्रीका में हुई है, इसलिए वहाँ की सरकार का भी जरा पक्ष जान लेते हैं। दक्षिण अफ्रीकी उपराष्ट्रपति के प्रवक्ता वुकानी एमडे ने Daily Maverick वेबसाइट में छपी खबर को फेक खबर बताया। फैक्ट को चेक करने के लिए मोहम्मद जुबैर यहाँ तक भी नहीं पहुँच पाया।

AltNews: फैक्ट चेकर नहीं, फेक न्यूज प्रचारक

जहाँ की घटना है, वहाँ से कोई आई सूचना को क्रॉस चेक नहीं किया। जिससे संबंधित घटना है, उससे बात करने या उसका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की। फिर किस आधार पर फैक्ट चेक करते हो? इस्लाम की कट्टर विचारधारा में ऐसी ही ट्रेनिंग होती होगी शायद – अपने ही देश से नफरत करो, अपने ही लोगों को मूर्ख बनाओ, अपने ही लोगों को टोपी पहना कर उनसे पैसे ऐंठ लो, खुद उनके पैसे पर ऐश करो।

“हम AltNews हैं, हम फैक्ट चेक करते हैं, हमें पैसा दो” – हर महीने ऐसा रोना रोने वाला मोहम्मद जुबैर खुद कितना बड़ा फेक न्यूज प्रचारक है, यह खबर एक छोटा सा उदाहरण भर है। गिनती कितना करे कोई? 2 साल पहले ऑपइंडिया ने इसके 35 फेक खबरों की लिस्ट बनाई थी। कट्टर इस्लामी मानसिकता और वामपंथी कौम वाले चंटू-बंटू अगर इस लिस्ट को पढ़ लेते तो इसके बहकावे में नहीं आते, अपनी गाढ़ी कमाई इस पर नहीं लुटाते।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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