उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों में अब तक 34 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसके साथ ही हिंसा की रूह कॅंपा देने वाली कहानियॉं भी सामने आ रही है। मरने वालों में उत्तराखंड के दिलबर सिंह नेगी भी हैं। वे दिल्ली के शाहदरा में रहते थे।
ऑपइंडिया को मिली जानकारी के अनुसार दिलवर सिंह नेगी को 23 फ़रवरी की शाम दंगाइयों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। दिलबर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित थलीसैण ब्लॉक से सम्बन्ध रखते थे। उनके करीबी श्याम सिंह ने ऑपइंडिया को बताया कि 23 फ़रवरी की शाम कुछ दंगाई शाहदरा इलाके में शोर मचाते हुए घुसे। दंगाइयों ने नेगी को अपना पहला निशाना बनाया। उनके हाथ-पैर काट दिए। फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया।
इस घटना को देख वहाँ लोगों में अफरा-तफरी मच गई। अपनों के बीच चीख-पुकार शुरू हो गई। दहशत में लोग अपनी जान बचाकर भागे। फ़ोन पर ऑपइंडिया के साथ बातचीत में भी दिलबर के परिजन बेहद डरे लग रहे थे। उन्होंने बताया कि वे अभी भी GTB अस्पताल में मौजूद हैं और दिलवर की बॉडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
उस दिन की घटना के बाद वे लोग मौके पर जाने का साहस नहीं जुटा रहे हैं। जहाँ पर यह घटना हुई वहाँ दुकानें बंद हैं। जान बचाकर भाग निकलने में कामयाब रहे लोगों में से एक उत्तराखंड के ही ग्राम ईडा का श्याम सिंह भी हैं। उन्होंने बताया कि दिलवर सिंह के सारे कागज और पहचान सम्बंधित डॉक्यूमेंट्स जलकर राख हो चुके हैं।
हिंसा की शुरुआत रविवार को हुई थी। इसके बाद कई इलाकों में दंगा भड़क गया। दंगाइयों ने 19 साल के एक हिंदू लड़के पर हमला किया और उसके सिर में ड्रिल मशीन से छेद कर दी। पीड़ित विवेक पर उस वक्त हमला किया गया जब वह अपनी दुकान में बैठा था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक विडियो में 2-3 लोग एक हिंदू के शव को भीड़ से दूर लेकर जाते नजर आए थे। लेकिन भीड़ अचानक से गली के बाहर आकर अल्लाहु अकबर और नारा-ए-तकबीर का नारा लगाने लगती है। मारे गए युवक का नाम विनोद बताया जा रहा है। घटना ब्रह्मपुरी इलाके की है। चॉंदबाग के नाले से आईबी के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा का शव बरामद किया गया था। ड्यूटी से लौटते वक्त उनकी हत्या कर दी गई। आरोप है कि दंगाई उन्हें घसीटकर आप पार्षद ताहिर हुसैन के घर ले गए। वहॉं हत्या करने के बाद उनका शव नाले में फेंक दिया।