Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजटूटे हाथ वाले मौलवी की तस्वीर का दूसरा पहलू: मदरसे के अंदर से पुलिस...

टूटे हाथ वाले मौलवी की तस्वीर का दूसरा पहलू: मदरसे के अंदर से पुलिस पर हुई थी गोलीबारी, तब लिया एक्शन

"मीनाक्षी चौक और महावीर चौक के बीच कम से कम 50,000 लोगों की भीड़ थी, जो पुलिस पर हमला कर रही थी और हिंसा और बर्बरता में लिप्त थी। जब हमने भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो दंगाइयों एक समूह परिसर के अंदर गया और परिसर के अंदर से हम पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद ही हमने..."

सोशल मीडिया में एक तस्वीर बड़ी तेज़ी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में 72 वर्षीय शिया मौलवी असद रज़ा हुसैनी के एक हाथ पर प्लास्टर चढ़ा हुआ है और शरीर पर घाव के निशान हैं। दरअसल, इस तस्वीर का संबंध 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए विरोध-प्रदर्शन से है। इस तस्वीर के लिए मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस की कार्रवाई को ‘ज़्यादती’ कहते हुए इसकी कड़ी निंदा की जा रही है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल असद रज़ा हुसैनी ही नहीं, बल्कि उनके मदरसा-सह-अनाथालय के छात्र भी पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए थे। उनमें से 11 को जेल भेज दिया गया। सम्पर्क करने पर, स्थानीय पुलिस ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि वे हिंसक उपद्रवियों का पीछा करते हुए परिसर में प्रवेश किए थे।

मुज़फ़्फ़रनगर के मिनाक्षी चौक के पास 20 दिसंबर को झड़प के दौरान एक मदरसे के प्रिंसिपल और एक अनाथालय के प्रभारी हुसैनी को मदरसा के 40 छात्रों के साथ पुलिस ने कथित तौर पर हिरासत में लिया था।

एक तरफ़, मौलवी के परिवार ने ख़ुद को मीडिया से दूर कर लिया है, वहीं दूसरी तरफ़ अनाथालय के कर्मचारियों ने पुलिस के ख़िलाफ़ झूठा नैरेटिव तैयार किया। मद्रास-अनाथालय में काम करने वाले एक कर्मचारी नईम ने कहा, “कम से कम 200 पुलिसकर्मियों की एक टुकड़ी ने जबरन परिसर में प्रवेश किया। उन्होंने अपने रास्ते में आने वाले सभी लोगों पर हमला किया और नाबालिग बच्चों को भी नहीं छोड़ा।”

इतना ही नहीं यह भी कहा गया कि पुलिस की टीम ने अनाथालय में मौजूद 9 वर्ष तक के नाबालिगों को लाठियों से पीटा। इनमें से कुछ के शरीर में फ्रैक्चर भी हो गया। नईम का कहना है कि हुसैनी ने हमेशा स्थानीय राजनीति से दूरी बनाए रखी, और अपना जीवन दूसरों के लिए समर्पित कर दिया। पुलिस उन्हें परिसर से बाहर घसीटा गया था, फिर एक जगह पर ले गई जहाँ उनकी पिटाई की।

लेकिन मीडिया गिरोह, एक खास वर्ग और CAA की आड़ में विरोध प्रदर्शन के नाम पर दंगा करने वालों की पोल खोल देती है पुलिस। मुज़फ़्फ़रनगर के एसपी सतपाल अंतिल ने बताया, “मीनाक्षी चौक और महावीर चौक के बीच कम से कम 50,000 लोगों की भीड़ थी, जो पुलिस पर हमला कर रही थी और हिंसा और बर्बरता में लिप्त थी। जब हमने भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो दंगाइयों एक समूह परिसर के अंदर गया और परिसर के अंदर से हम पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद हमने परिसर में प्रवेश किया और फिर 70 लोगों को गिरफ़्तार किया।”

एसपी ने दावा किया, “प्रबंधन द्वारा पहचाने गए मदरसे के सभी छात्रों को रिहा कर दिया गया है। बाद में, प्रबंधन ने मदरसे के छात्रों को जल्द रिहा करने के लिए पुलिस की प्रशंसा की थी।”

सोशल मीडिया पर घूमती इस तस्वीर पर यूपी पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के ख़िलाफ़ झूठी अफ़वाहों और दुर्भावनापूर्ण अभियान के बारे में लोगों को सच्चाई से अवगत कराया। पुलिस ने बताया कि 20.12.2019 को मुज़फ़्फ़रनगर की घटनाओं में पुलिस कार्रवाई के कारण कोई हताहत नहीं हुआ था। बल्कि इसके उलट, दंगाइयों ने आगजनी कर वाहनों में आग लगाई, एक हिंसक भीड़ ने पुलिस पर फायरिंग की। इसके लिए FIR दर्ज की गई। फिर पुलिस ने विश्वसनीय साक्ष्य के आधार पर उपद्रवियों को गिरफ़्तार किया।

CAA दंगा: नाबालिग बता कर बचना चाह रहा था सीमापुरी हिंसा का आरोपित, जाँच के बाद कोर्ट में खुली पोल

दंगाई भीड़ में शामिल 7-14 साल के बच्चों ने की पत्थरबाज़ी, जबलपुर के SP का चौंकाने वाला ख़ुलासा

दंगों से कुछ तस्वीरें, जो बताती हैं पुलिस वाले भी चोट खाते हैं, उनका भी ख़ून बहता है…

कानपुर में CAA पर हिंसा: दंगाइयों ने पुलिस पर तेज़ाब और पेट्रोल बम से किया हमला, 50 गिरफ़्तार-12 को लगी गोली

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

UPPSC अब कैसे लेगा RO-ARO और PCS की परीक्षा, पुराने पैटर्न को मंजूरी देने के बाद कैसे होगा एग्जाम, क्या होगी नई तारीख: जानें...

आयोग के प्री परीक्षा को एक दिन में करवाने पर सहमत होने और RO/ARO को लेकर विचार करने के बाद भी अभ्यर्थी प्रयागराज से नहीं हिल रहे हैं।

5000 भील योद्धा, गुरिल्ला युद्ध… और 80000 मुगल सैनिकों का सफाया: महाराणा प्रताप ने पूंजा भील को ऐसे ही नहीं दी थी राणा की...

आज हल्दीघाटी के युद्ध के नतीजे महाराणा प्रताप की तरफ झुकते दिखते हैं, तो उसके पीछे राणा पूंजा जैसे वीरों का अतुलनीय योगदान है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -