Thursday, April 25, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिराम मंदिर के लिए ट्रस्ट के खाते में आए ₹1511 करोड़, 27 फरवरी तक...

राम मंदिर के लिए ट्रस्ट के खाते में आए ₹1511 करोड़, 27 फरवरी तक चलेगा देशव्यापी अभियान

“पूरा देश अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग कर रहा है। चंदा इकट्ठा करने के अभियान के दौरान हमारा लक्ष्य 4 लाख गाँवों और 11 करोड़ परिवारों तक पहुँचने का है। हमने इस अभियान की शुरुआत 15 जनवरी से की थी और ये 27 फरवरी तक चलने वाला है।"

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग इकट्ठा करने को लेकर देशव्यापी अभियान चल रहा। निधि समर्पण अभियान के तहत कार्यकर्ता घर घर जाकर चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में अब तक 1511 करोड़ रुपए इकट्ठा हो चुके हैं। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने शुक्रवार (12 फरवरी 2021) को इस बात की जानकारी दी।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया, “पूरा देश अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग कर रहा है। चंदा इकट्ठा करने के अभियान के दौरान हमारा लक्ष्य 4 लाख गाँवों और 11 करोड़ परिवारों तक पहुँचने का है। हमने इस अभियान की शुरुआत 15 जनवरी से की थी और ये 27 फरवरी तक चलने वाला है। इस अभियान के तहत मैं अभी सूरत में हूँ। लोग इस अभियान के तहत ट्रस्ट को दान कर रहे हैं। पूरे 492 सालों के बाद लोगों को अपने धर्म के लिए कुछ बेहतर करने का मौक़ा मिला है।” 

उन्होंने बताया कि इस देशव्यापी अभियान के तहत अभी तक 1511 करोड़ रुपए इकट्ठा किए जा चुके हैं। श्रीराम मंदिर के लिए देश के कोने-कोने से हर वर्ग के लोग चंदा देने के लिए आगे आ रहे हैं। हाल ही में झारखंड में भीख माँग कर गुजर-बसर करने वालों ने श्रीराम के नाम 2425 रुपए समर्पित किए थे।  

इसके अलावा सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। जिसमें एक वृद्ध और गरीब महिला राम मंदिर के लिए दान करने का निवेदन कर रही थी। वीडियो में कार्यकर्ता वृद्ध महिला से कहते हैं कि उन्हें 20 रुपए दान करने की ज़रूरत नहीं है, वह सिर्फ 10 रुपए ही दान करें। इसके बावजूद गरीब नज़र आने वाली वृद्ध महिला अनुरोध करती है कि वह 20 रुपए ही दान करेगी।

कार्यकर्ता महिला से कहते हैं कि उनके पास सिर्फ 10 रुपए का कूपन है, इस उम्मीद में कि शायद वृद्ध महिला उनकी बात मान जाएगी और 10 रुपए अपने पास रख लेगी। लेकिन वृद्ध महिला अपनी बात पर टिकी रहती हैं और दो कूपन की माँग करती हैं। वृद्ध महिला बताती हैं कि उनके बड़े बेटे का निधन हो चुका है, इसलिए एक कूपन उनके बेटे के नाम का रखा जाए और दूसरा खुद उनके नाम का।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe