Wednesday, October 9, 2024
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जब मुस्लिम परिवार ने दिखाया ‘भाईचारा’ तो रवीना टंडन के काम न आया ‘खजूर प्रेम’, कठुआ से राफाह तक एक्टिव बॉलीवुड गैंग के मौन पर तमाचा है कंगना की मुखरता

मुंबई पुलिस ने बयान जारी करके रवीना टंडन को निर्दोष तक बताया लेकिन तब भी कोई बॉलीवुड सेलेब उनके समर्थन में बयान देने नहीं खड़ा हुआ। अगर कोई पूरे बॉलीवुड से उनकी आवाज बना तो सिर्फ वो कंगना रनौत हैं।

बॉलीवुड गिरोह की सदस्य रवीना टंडन के साथ पिछले 2 दिन में जो कुछ हुआ उससे वो खुद सदमे में होंगी। अक्सर बकरीद पर बधाई का संदेश देने वाली, सोशल मीडिया पर सेवई के साथ फोटो डालने वाली, रवीना ने सोचा भी नहीं होगा कि कभी कोई मुस्लिम परिवार उनके खिलाफ ऐसा झूठा मुकदमा दर्ज करवाएगा कि मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक उनकी छवि पर सवाल उठने लगेंगे।

इस मामले के बाद रवीना को कुछ समझ आया हो या न आया लेकिन अपने गिरोह के लोगों की हकीकत तो वह जान ही गई होंगीं। इस गिरोह ने उनके लिए न तब आवाज उठाई जब उनपर आरोप लगे कि वो नशे में मारपीट कर रही थीं और न ही उन्हें तब समर्थन में कुछ बोला दिया जब पता चला कि सारे आरोप झूठे थे। इस मामले में मुंबई पुलिस ने बयान जारी करके उन्हें निर्दोष तक बताया लेकिन तब भी कोई बॉलीवुड सेलेब उनके समर्थन में बयान देने नहीं खड़ा हुआ। अगर कोई पूरे बॉलीवुड से उनकी आवाज बना तो सिर्फ वो कंगना रनौत हैं।

कंगना ने अपने इंस्टा पोस्ट में रवीना टंडन के साथ हुई घटना पर लिखा, “रवीना टंडन जी के साथ जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है। अगर विपरीत समूह में पाँच से छह और लोग होते तो उन्हें मार दिया जाता। हम इस तरह के रोड रेज की निंदा करते हैं। उन लोगों को फटकार लगाई जानी चाहिए। उन्हें इस तरह के हिंसक और जहरीले व्यवहार से बचना नहीं चाहिए।”

रवीना टंडन और कंगना रनौत दोनों की विचारधाराएँ अलग रही हैं। रवीना उस ग्रुप का हिस्सा हैं जो कठुआ से लेकर राफाह तक मामले में प्रोपगेंडा फैलाने में सक्रिय दिखाई देते हैं। वहीं कंगना मुखर होकर हिंदुत्व की बात करती हैं। आज रवीना का सिर्फ कंगना ने साथ दिया है लेकिन यही रवीना जब कंगना पर तरह-तरह के इल्जाम लग रहे थे तब न तो महिला होने के नाते, न बॉलीवुड अभिनेत्री होने के नाते इस पर कुछ बोली थीं।

दरअसल, बॉलीवुड में रवीना जिस गिरोह का हिस्सा हैं वहाँ ईद की इफ्तारी में शामिल होना किसी भी सेलेब के लिए छवि निर्माण का तरीका होता है। रवीना ने अपने अभिनेत्री रहते हुए बॉलीवुड के प्रोग्रामों में शामिल होकर ऐसा खूब किया, मगर आज जब एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें घेरकर उनकी लिंचिंग शुरू की, उनपर झूठे इल्जाम लगाए, उन्हें शराब के नशे में चूर बताना चाहा… तब उनका वो भाईचारा काम नहीं आ पाया जो उन्होंने ऐसी पार्टियों में जा जाकर बनाया था।

घटना की वायरल वीडियो को अगर देखें तो पता चलेगा कि रवीना टंडन बेबस और लाचार होकर कहती सुनाई पड़ रही थी कि उन्हें मारा न जाए उन्हें छोड़ दिया जाए यानी उस समय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। अब जो रवीना को पर्सनली नहीं जानता उसके लिए समझना मुश्किल होगा क्या सही है क्या गलत, मगर जो सेलेब लोग रवीना को जानते हैं वो तो समझ पा रहे होंगे कि वीडियो में वो हकीकत में बेबस थीं थी या वो नशे में कर रही थी… सब जानते समझते हुए इस गिरोह के एक शख्स ने आवाज नहीं उठाई। बाद में पुलिस ने खुद जाँच करके सच्चाई बताई तब जाकर दूसरा एंगल सामने आया।

वीडियो में कहा जा रहा था कि रवीना ने उस परिवार के साथ गाली-गलौच की है जबकि हकीकत यह निकलकर आई कि उन्होंने गाली गलौच नहीं की थी उनके साथ गाली-गलौच हुई थी। रवीना टंडन गाड़ी से निकलकर सड़क पर सिर्फ अपने ड्राइवर को बचाने आई थीं उतने में वो भीड़ उनपर टूट पड़ी और बेबुनियादी इल्जाम लगाए जाने लगे। रवीना के साथ खींचतान हो रही थीं मगर उन्होंने फिर भी कुछ नहीं बोला। शायद उन्हें अंदाजा हो गया था कि जो भीड़ उनसे उलझी है वो उनके साथ कुछ भी कर सकती है। वो लगातार मामले को सुलझाने की बात करती रहीं, पर मामला नहीं सुलझा…। धीरे-धीरे खबरें मीडिया में चढ़ीं, रवीना टंडन पर सवाल उठे… लेकिन बॉलीवुड वाले चुप रहे।

अजीब बात तो ये है कि सारा मामला क्लियर होने के बावजूद बॉलीवुड के गिरोह के लोग अपने ही समूह की महिला के साथ हुई ज्यादती को मुद्दा नहीं बना रहे। राफाह तक पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट हो रहे हैं पर रवीना के लिए कहीं नहीं। मीडिया में बयान देना तो दूर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर एक पोस्ट करके भी घटना का विरोध नहीं किया जा रहा है। कारण क्या है? शायद सब जानते है।

सोचिए क्या इस मामले में अगर कोई हिंदू रवीना टंडन के साथ ऐसी बदसलूकी कर देता तो क्या ये गिरोह शांत रहता? नहीं, तब उन्हें देश में लोकतंत्र खतरे में दिखाई देता और हिंदुत्व का भयावह चेहरा दिखता। मगर, अभी ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि प्रताड़ित करने वाले एक निश्चित वर्ग से हैं। वो वर्ग जिसे खुद रवीना टंडन चाहती हैं कि वो उनसे नाराज न हो।

यही वजह है कि शायद सारे पक्ष अपने साथ होने के बावजूद रवीना टंडन ने इस मामले में कोई शिकायत नहीं दी जबकि वो अच्छे से जानती है कि अगर उनके पक्ष में सबूत नहीं मिलते तो वो परिवार पूरी तैयारी कर चुका था उनको जेल भेजने की। उनपर बुजुर्ग महिला को पीटने का आरोप लगा दिया गया था। लड़की की नाक फोड़कर खून निकालने जैसे दावे कर दिए गए थे, उन्हें बिन बात के नशेड़ी साबित किया जा रहा था… ये सब जानते हुए रवीना टंडन चुप हैं। शायद वह खुद घबराई हुई हैं ये सोचकर कि इस शांतिप्रिय समुदाय के खिलाफ आवाज उठाने के नुकसान उन्हें न झेलने पड़ें या शायद इस बात का डर है कि उन्हें वो गिरोह न खारिज कर दे जिनका काम ही प्रोपगेंडे को हवा देना। ऐसा भी हो सकता है कि रवीना जानती हों कि उनके साथ इस मुद्दे पर आवाज क्यों नहीं उठा रहे… उन्हें मालूम होगा कि ऐसी परिस्थिति में मीडिया को कैसे डील करना होता है… कैसे समुदाय विशेष की छवि को धूमिल करने से बचाना होता है।

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