Wednesday, November 20, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजननेहरू की आँखों में आँसू लाने वाली लता मंगेशकर का 'भारत रत्न' क्यों छीनना...

नेहरू की आँखों में आँसू लाने वाली लता मंगेशकर का ‘भारत रत्न’ क्यों छीनना चाहती थी कॉन्ग्रेस?

जनार्दन चांदुरकर उस समय मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने तुरंत मनमोहन सरकार से माँग कर दी कि लता मंगेशकर को दिया गया 'भारत रत्न' अवॉर्ड छीन लेना चाहिए। जबकि लता मंगेशकर ने सिर्फ इतना कहा था कि...

आज स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्मदिन है। 1929 में 28 सितंबर को उनका जन्म हुआ था। इस मौके पर आम से लेकर खास तक उन्हें बधाई दे रहे हैं। सोशल मीडिया में आमजन उनके गाए गाने शेयर कर रहे। जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें लोग भारत का गर्व बता रहे। लेकिन, एक ऐसा वाकया भी है जो कॉन्ग्रेस कभी याद नहीं करना चाहेगी। पार्टी ने उन्हें दिए गए ‘भारत रत्न’ अवॉर्ड छीनने की माँग की थी।

हम सब को पता है कि किस तरह लता मंगेशकर से देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तक प्रभावित थे। वो जनवरी 27, 1963 का दिन था। जगह था दिल्ली का नेशनल स्टेडियम (मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम)। तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन भी वहाँ पर मौजूद थे। हालाँकि, लता ने पहले परफॉर्म करने से मना कर दिया था लेकिन कवि प्रदीप के कहने पर उन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लता मंगेशकर ने जब ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना शुरू किया, तब नेहरू की आँखों में आँसू आ गए। नेहरू ने कहा कि जो इस गाने से प्रभावित और प्रेरित नहीं हो, उसे हिंदुस्तानी कहलाने का कोई हक़ नहीं है।

लता मंगेशकर को 1969 में इंदिरा गाँधी की सरकार ने पद्म भूषण से नवाजा। उन्हें 1989 में दादासाहब फाल्के अवॉर्ड देने की घोषणा की गई। हालाँकि, यह अवॉर्ड उन्हें 1990 में मिला। फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण और भारत रत्न से नवाजा। सार यह कि कॉन्ग्रेस और भाजपा, दोनों की ही सरकारों के दौरान उन्हें अवॉर्ड्स मिले और नेहरू ने उनकी प्रशंसा भी की थी। इन सबके बावजूद 2013 में एक ऐसा लम्हा आया, जब कॉन्ग्रेस नेताओं ने लता मंगेशकर को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लता मंगेशकर ने बस अपने विचार जाहिर किए थे। उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। जनार्दन चांदुरकर उस समय मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने तत्काल केंद्र सरकार से माँग कर दी कि लता मंगेशकर को दिया गया ‘भारत रत्न’ अवॉर्ड छीन लेना चाहिए। लता मंगेशकर ने कहा था कि सभी की इच्छा है कि नरेंद्र मोदी पीएम बनें और वह ईश्वर से इसके लिए प्रार्थना करती हैं। उन्होंने दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल के उद्घाटन के मौके पर ऐसा कहा था। उस समय मोदी भी वहाँ पर मौजूद थे।

मुंबई कॉन्ग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष ने न सिर्फ़ लता मंगेशकर बल्कि उन सभी लोगों को दिए गए सरकारी मेडल्स और अवॉर्ड्स छीन लेने की बात कही थी, जो मोदी की प्रशंसा करते हैं या उनके साथ मंच साझा करते हैं। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात भी कही थी। उस समय मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केंद्र में यूपीए की सरकार थी और सोनिया गाँधी कॉन्ग्रेस की सर्वेसर्वा थीं। जनार्दन ने बाद में सफ़ाई देते हुए कहा था कि उन्होंने लता के लिए ये बात नहीं कही थी बल्कि समाज के ऐसे लोगों के लिए कही है, जो सरकार से अवॉर्ड लेकर सांप्रदायिक ताक़तों का समर्थन करते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जामा मस्जिद का होगा सर्वे, विष्णु शंकर जैन की याचिका पर कोर्ट का आदेश: दावा- यह हरिहर मंदिर, यहाँ कल्कि भगवान लेंगे अवतार

संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बता कर दायर हुई विष्णु शंकर जैन की याचिका पर जिला अदालत ने सर्वे के आदेश जारी कर दिए हैं।

1971 में पैदा हुआ बांग्लादेश, पहली बार पाकिस्तान से डायरेक्ट आया कार्गो जहाज: जानिए समंदर के रास्ते का यह कारोबार भारत के लिए कैसा...

1971 के बांग्लादेश के बनने के बाद पहली बार कोई जहाज सामान लेकर पाकिस्तान के किसी बंदरगाह से सीधा बांग्लादेश पहुँचा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -