Sunday, September 1, 2024
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कंगना के अकॉउंट सस्पेंशन पर स्वरा-कुब्रा-ऋचा ने जताई खुशी, Koo संस्थापकों ने कहा- स्वाभिमान के साथ यहाँ रखें विचार

“आमीन! मैं उस मानसिक स्थिति में थी कि अगर मैं कभी इससे मिलती तो मैं इसे अपने बाएँ पैर से मार देती, लेकिन, यह तरीका बेहतर है। मैं परमानेंट राहत की उम्मीद करती हूँ। सोशल मीडिया इसके बिना बेहतर हो सकता है।”

सोशल मीडिया माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का अकॉउंट सस्पेंड होने के बाद एक खास तबके में खुशी का माहौल है। इसी क्रम में बॉलीवुड के कई सितारों ने भी कंगना के प्रति अपनी कुंठा निकालते हुए ट्विटर के फैसले को सराहा।

वेब सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ में ‘कुकु’ का किरदार करने वाली एक्ट्रेस कुब्रा सैत ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “आमीन! मैं उस मानसिक स्थिति में थी कि अगर मैं कभी इससे मिलती तो मैं इसे अपने बाएँ पैर से मार देती, लेकिन, यह तरीका बेहतर है। मैं परमानेंट राहत की उम्मीद करती हूँ। सोशल मीडिया इसके बिना बेहतर हो सकता है।”

तनु वेड्स मनु में कंगना की सहेली का रोल निभाने वाली स्वरा भास्कर ने स्वाति मालिवाल का ट्वीट रीट्वीट किया और इमोजी के जरिए बताया कि उन्हें कंगना के अकॉउंट सस्पेंड होने से कितनी खुशी मिली है। इसी तरह ऋचा चड्ढा भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूँकी।

स्वरा भास्कर का ट्वीट
ऋचा चड्ढा का ट्वीट

इनके अलावा भी तमाम यूजर्स हैं जो कंगना के ट्विटर सस्पेंशन पर अपनी खुशी व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर ट्विटर के देसी वर्जन कू (koo) ने उनका स्वागत किया है। कंगना ने इस फरवरी में कू पर अकॉउंट बनाकर कहा था कि नई जगह समय लेगी लेकिन भाड़े का घर भाड़े का होता है, अपना घर कैसा भी हो अपना ही होता है।

उनके इसी पोस्ट पर ‘कू’ के सह-संस्थापक अप्रामेया राधाकृष्णन ने अपना कू किया। राधाकृष्णन ने ‘कू’ पर लिखा, ‘‘यह कंगना रनौत का पहला कू था। उनका कहना सही है कि कू घर जैसा लगता है, बाकी सब किराए जैसा।’’

वहीं दूसरे सह संस्थापक ने कंगना को आश्वासन दिया कि कू कंगना का घर ही है। यहाँ वह स्वाभिमान के साथ अपने विचार सबके सामने रख सकती हैं।

बता दें कि 4 मई को ट्विटर सस्पेंड होने के बाद कंगना रनौत ने इस संबंध में बयान जारी किया था। कंगना ने कहा था, “ट्विटर ने बस मेरी बात को साबित कर दिया कि वे अमेरिकी हैं और एक सफेद शख्स को जन्म से ही एक भूरे रंग के शख्स को गुलाम बनाने का हक मिल जाता है। ट्विटर हमें बताना चाहता है कि क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है। खुशकिस्मती से मेरे पास कई मंच हैं, जिनका इस्तेमाल करके मैं अपनी आवाज को उठाती रहूँगी।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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