Tuesday, October 8, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनएक और 'कंथारा': सबरीमाला, भगवान अय्यप्पा और 8 साल की बच्ची... वामपंथियों को जिस...

एक और ‘कंथारा’: सबरीमाला, भगवान अय्यप्पा और 8 साल की बच्ची… वामपंथियों को जिस ‘Malikappuram’ ने हराया, उन्हीं की कहानी

साउथ की 'कंथारा' फिल्म के बाद दक्षिण सिनेमा की 'मलिकप्पुरम' फिल्म का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। ये फिल्म बड़े पर्दे पर 30 दिसंबर 2022 को रिलीज होने वाली है। फिल्म में भगवान अय्यपा के प्रति बच्ची की श्रद्धा और देवी 'मलिकप्पुरम' की कहानी दिखाई जाएगी।

साउथ की ‘कंथारा’ फिल्म के बाद दक्षिण सिनेमा की एक और फिल्म का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। इस फिल्म का नाम ‘मलिकप्पुरम’ है, जो बड़े पर्दे पर 30 दिसंबर 2022 को रिलीज होने वाली। इस फिल्म में भगवान अय्यपा के प्रति एक 8 साल की बच्ची की श्रद्धा को दिखाया गया है।

सबरीमाला में भगवान अय्यप्पा के समकक्ष देवता मलिकप्पुरथम्मा या मंजामाथा का लोगों पर उतना ही भावनात्मक प्रभाव है जितना अय्यप्पन का। मलयालम की नई आगामी फिल्म देवी मलिकप्पुरम की कहानी और अवधारणा पर आधारित है, जिसमें नए मलयालम नायक उन्नी मुकुंदन नजर आएँगे हैं। फिल्म दक्षिण से अगली ‘कंथारा’ हो सकती है लेकिन इस बार ये केरल से होगी।

जब आप सबरीमाला तीर्थयात्रा पर जाने के लिए अय्यप्पा की पवित्र मुद्रा (बैज चेन) पहनते हैं, उस क्षण से सभी महिलाएँ आपके लिए “मलिकप्पुरम” होती हैं। आप उन्हें देखते हैं, आप उन्हें पवित्र देवता की तरह देखते हैं और पवित्र मुद्रा की चेन बैज पहनने वाले सभी को “अयप्पा स्वामी” ही कहा जाता है। तो जब तक आप सबरीमाला तीर्थयात्रा पूरी नहीं कर लेते और मुद्रा चेन बैज को सरेंडर नहीं कर देते, तब तक आप सभी महिलाओं में माँ मलिकप्पुरम को देखती हैं। जहाँ तक ​​सबरीमाला का संबंध है, ‘मलिकप्पुरम’ की यही पवित्र अवधारणा है। माना जाता है कि भगवान अय्यप्पा भगवान शिव और भगवान विष्णु के मोहिनी (महिला) के रूप में पैदा हुए थे।

विश्वास और ऐतिहासिक संदर्भों के अनुसार, मलिकप्पुरम मदुरा, तमिलनाडु के श्री मधुरा मीनाक्षी अम्मन का अवतार है और पंथलम साम्राज्य के पारिवारिक देवता भी हैं। भगवान अय्यप्पा पंथला साम्राज्य के राजकुमार थे और उन्होंने सिंहासन और राज्य को छोड़ दिया और वन (सबरीमाला) में चले गए और हमेशा के लिए योगध्यान प्राप्त कर लिया। पंथलम राजा माना जाता है।

केरल के एक राजनीतिक स्पेक्ट्रम में भी, मलिकप्पुरम फिल्म का अपना महत्व है। केरल सरकार द्वारा मंदिर की प्रथा के विरुद्ध युवा महिलाओं को सबरीमाला जाने की अनुमति देने के फैसले के बाद, लाखों महिलाएँ अपनी आस्था और परंपराओं की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर आईं।

सबरीमाला को गिराने के लिए कुछ साल पहले हुई सरकार की साजिश के खिलाफ दुनिया ने केरल की सड़कों पर उन ‘मलिकप्पुरम’ की ताकत देखी है। केरल राज्य भर में उनकी, मलिकप्पुरम की प्रार्थना रैली (नामजप यात्रा) ने केरल सरकार को पैरों पर आने के लिए मजबूर कर दिया और उनका दृढ़ संकल्प टूट गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

9 नवंबर को उत्तराखंड का स्थापना दिवस, इसी दिन UCC लागू करने का ऐलान कर सकती है BJP सरकार: नियम-कानूनों का 500 पन्नों का...

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) जल्द ही लागू हो सकती है। राज्य के स्थापना दिवस (9 नवम्बर) को ही UCC लागू करने पर काम चल रहा है।

फूट गया ‘इंडिया आउट’ का बुलबुला, भारतीयों से राष्ट्रपति मुइज्जू ने लगाई मालदीव आने की गुहार: PM मोदी ने ₹3300 करोड़ का दिया ‘सहारा’

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के बाद मोदी सरकार ने मालदीव को 400 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -