चीन में कोरोना की विस्फोटक स्थिति से पूरी दुनिया चिंतित है। अस्पतालों में बेड नहीं है। अंतिम संस्कार के लिए कब्रिस्तानों में लाइन लगी है। ओमीक्रोन के सब वेरिएंट BF.7 और BA.5 से यह हालात पैदा हुए हैं। भारत में भी इसके कुछेक मामले सामने आ चुके हैं।
लेकिन आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का मानना है कि कोरोना की चौथी लहर की वजह से भारत में चीन जैसे हालात पैदा नहीं होंगे। उन्होंने बताया है कि करीब 2 प्रतिशत भारतीय खतरे में हैं, जबकि शेष 98 प्रतिशत भारतीयों में कोविड से लड़ने के लिए इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। प्रोफेसर अग्रवाल ने ट्विटर पर थ्रेड के जरिए अपने आकलन को शेयर किया है। उन्होंने अपने गणितीय मॉडल के जरिए पूर्व की लहरों का भी सटीक आकलन किया था।
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने ट्विटर थ्रेड के जरिए बताया है कि आने वाले समय में चीन के हालात और खराब होने वाले हैं। उनका मानना है चीन की 90 प्रतिशत जनसंख्या कोरोना संक्रमित हो सकती है। चीन में ओमिक्रॉन फैमिली का सब-वैरिएंट BF.7 फैला है, जो चीनी वैक्सीन के असर को निष्प्रभावी कर रहा है। यही वजह है कि चीन में स्थिति बेकाबू होती जा रही है।
6) Short-term future does not look good. The pandemic will hit the remaining population soon, and then the cases will rise further. It will continue until more than 90% population gets infected.
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) December 21, 2022
7) There is NO cause for alarm in India. [7/18]
प्रोफेसर अग्रवाल का मानना है कि नेचुरल इम्यूनिटी कोरोना के हर वेरिएंट को मात दे सकती है। उनका दावा है कि 98 प्रतिशत भारतीयों में नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है। इसलिए भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं है। करीब 2 प्रतिशत भारतीयों पर ही ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF.7 का ख़तरा है।
Coming to India, we continue to have > 98% population with natural immunity. So I do not see any reason for concern. Over time, some percentage will lose natural immunity, and it may cause a small ripple, but it is VERY UNLIKELY that a significant rise will occur. [18/18]
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) December 21, 2022
प्रोफेसर अग्रवाल ने यह भी बताया है कि भारतीयों के मुकाबले चीनी नागरिकों की इम्यूनिटी विकसित क्यों नहीं हो सकी। उनके मुताबिक चीन में जीरो कोविड पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी के तहत कोविड होने के बाद लोगों को बाहर आने की इजाजत नहीं दी गई। चीन की यही पॉलिसी उसके लिए खतरनाक साबित हो रही है। इसके उलट भारत में कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों पर बाहर निकलने के लिए प्रतिबंध नहीं लगाए गए। इसकी वजह से लोगों में तेजी के साथ नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हुई। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा है कि एक समय के बाद नेचुरल इम्यूनिटी भी कम होने लगती है।
प्रोफेसर अग्रवाल का कोविड को लेकर पहले भी आकलन सही साबित हो चुका है। प्रोफेसर अग्रवाल और उनकी टीम ने कोरोना संक्रमण की स्टडी के लिए अपना गणितीय मॉडल ‘सूत्र’ ईजाद किया है। संक्रमण को लेकर पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रोफेसर अग्रवाल की टीम कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर उसके चरम तक पहुँचने तक के आँकड़ों का गहन अध्ययन करती है। इसमें तकरीबन एक हफ्ते के केस पर अनुमान लगाते हुए एक मॉडल बनाया जाता है और अंत में परिणाम साझा किए जाते हैं।