Tuesday, May 20, 2025
Homeविविध विषयअन्य119 जज और 1372 वकील... सब के सब हो गए फेल: जिला न्यायाधीश बनने...

119 जज और 1372 वकील… सब के सब हो गए फेल: जिला न्यायाधीश बनने के लिए दी थी परीक्षा

गुजरात में हाल ही में 40 जिला न्यायाधीश पदों के लिए परीक्षा हुई। जिसमें 119 जजों और 1,372 वकीलों ने हिस्सा लिया। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि इनमें से कोई भी जिला न्यायाधीश की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सका।

गुजरात में हाल ही में 40 जिला न्यायाधीश पदों के लिए परीक्षा हुई। जिसमें 119 जजों और 1,372 वकीलों ने हिस्सा लिया। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि इनमें से कोई भी जिला न्यायाधीश की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सका। खुद गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को लिखित परिणामों का ऐलान करते हुए इसकी पुष्टि की। कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर इस परीक्षा का परिणाम शून्य बताया।

गुजरात हाईकोर्ट के पोर्टल पर परीक्षा के परिणाम

गुजरात हाईकोर्ट के पोर्टल पर लगी लिस्ट के मुताबिक असफल अभ्यार्थियों में 119 जज हैं। इनमें से 51 जज गुजरात के किसी न किसी कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं, जो जून तक वहाँ की अदालतों में प्रिंसिपल जज या फिर चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे।

जानकारी के मुताबिक ये परीक्षा 35 प्रतिशत सीटों के लिए हुई थी। क्योंकि हाईकोर्ट ने नियमानुसार जिला जजों की रिक्त पड़ी 65 प्रतिशत सीटों पर सीनियर सिविल न्यायाधीशों का प्रमोशन किया था। जबकि शेष 25 प्रतिशत पदों पर वकीलों का और 10 प्रतिशत पर अडिशनल डिस्ट्रिक्‍ट जजों का चयन होना था। इनमें 40 खाली पदों को 26 प्रैक्टिस कर रहे वकीलों द्वारा भरा जाना था और 14 पद के लिए 119 न्यायधिकारी प्रतिस्पर्धा की पंक्ति में थे।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इस परीक्षा के लिए आवेदन मार्च माह में माँगे गए थे और जून में इसके मद्देनजर एक ऑनलाइन एलिमिनेशन एग्जाम हुआ था। इस परीक्षा में 1,372 वकीलों ने भाग लिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत नंबर लाने वाले सिर्फ़ 494 अभ्यार्थियों को लिखित परीक्षा के लिए उत्तीर्ण किया था।

इसके बाद लिखित परीक्षा 4 अगस्त को हुई, लेकिन जब परिणाम आया तो कोई भी अभ्यार्थी लिखित परीक्षा को पास करके साक्षात्कार के चरण तक नहीं पहुँच पाया। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल एचडी सुथार ने खुद इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 494 वकील में से एक भी उम्मीदवार लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम अंक नहीं ला सका। यहाँ तक जिन न्यायिक अधिकारियों ने वकीलों की ऑनलाइन परीक्षा ली थी, वे खुद भी लिखित परीक्षा में फेल हो गए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

60 JCB, 40 क्रेन, 3000 पुलिस… ‘मिनी बांग्लादेश’ में चला गुजरात सरकार का बुलडोजर, 2.5 लाख वर्ग मीटर जमीन होगा मुक्त: चंडोला तालाब को...

चंडोला तालाब के पास अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की इतनी तादाद है कि इस जगह को ‘मिनी बांग्लादेश’ के नाम से भी बुलाया जाने लगा है।

कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता जिनके लिए ₹588 करोड़ की प्रॉपर्टी छोड़कर गए हैं रतन टाटा: पहले वसीयत पर उठाया सवाल, अब किया स्वीकार

मोहिनी दत्ता को रतन की वसीयत में 588 करोड़ रुपए मिले। लोगों के मन में सवाल है कि परिवार के बाहर वसीयत में हिस्सा पाने वाले मोहिनी मोहन दत्ता आखिर कौन है।
- विज्ञापन -