Saturday, April 20, 2024
Homeविविध विषयअन्यऑर्डर श्रीमद्भगवद्गीता का, विश्व बुक्स ने स्पेशल गिफ्ट के नाम पर साथ भेजी 'भागवत...

ऑर्डर श्रीमद्भगवद्गीता का, विश्व बुक्स ने स्पेशल गिफ्ट के नाम पर साथ भेजी ‘भागवत पुराण कितना अप्रासंगिक’

अंजी बताते हैं कि ये पहली बार नहीं है, जब इस विक्रेता ने अमेजॉन के जरिए इस प्रकार की किताबें अपने कस्टमर को भेजने का काम किया। इससे पहले भी लोगों ने अमेजॉन पर रिव्यू लिखे हैं, जहाँ सत्यम एस नाम का यूजर लिखता है कि किताब विक्रेता ने उसे भी एक किताब फ्री भेजी थी। जिसमें हिंदुत्व औऱ श्रीमद्भगवद्गीता के ख़िलाफ़ विचार प्रस्तुत थे।

अमेजॉन (Amazon) पर ऑनलाइन डिलीवरी सर्विस के नाम पर हिंदू धर्मग्रंथों के बारे में घृणा फैलाने का वाकया एक बार फिर सामने आया है। इसका खुलासा ट्विटर यूजर अंजी (Anji) ने किया है।

अंजी ने बताया कि उन्होंने अमेजॉन के जरिए विश्व बुक्स से श्रीमद्भगवद्गीता मँगाने का ऑर्डर दिया। जब उनके ऑर्डर की डिलीवरी हुई, तो उसके साथ एक और बुक थी जिसका शीर्षक था- भागवत पुराण कितना अप्रासंगिक

अंजी ने ट्विटर पर बताया है कि उन्होंने यूपी गाजियाबाद स्थित विश्व बुक से श्रीमद्भगवद्गीता का ऑर्डर अमेजॉन के जरिए दिया था। लेकिन बुक विक्रेता ने उनके एक ऑर्डर की जगह दो आइटम डिस्पैच कर दिए।

जब उन्हें इस ऑर्डर की डिलीवरी हुई तो उसमें श्रीमद्भगवद्गीता महापुराण के अलावा एक किताब और थी। किताब के ऊपर विशेष उपहार लिखा था, जिसका शीर्षक भागवत पुराण कितना अप्रासंगिक था।

अंजी लिखते हैं कि विक्रेता द्वारा भेजी गई उक्त पुस्तक पुराण का प्रतिवाद है और पाठकों को पुराण पढ़ने से रोकने के लिए स्पष्ट रूप से लक्षित है। वे किताब की तस्वीर डालते हुए उसके अंदर मौजूद सर्वे कार्ड को भी ट्विटर पर साझा करते हैं, जिसमें किताब के बारे में राय और विश्व बुक्स की अन्य किताबें पढ़ने की इच्छा व प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया था।

इसके अलावा अंजी बताते हैं कि ये पहली बार नहीं है, जब इस विक्रेता ने अमेजॉन के जरिए इस प्रकार की किताबें अपने कस्टमर को भेजने का काम किया। इससे पहले भी लोगों ने अमेजॉन पर रिव्यू लिखे हैं, जहाँ सत्यम एस नाम का यूजर लिखता है कि किताब विक्रेता ने उसे भी एक किताब फ्री भेजी थी। जिसमें हिंदुत्व औऱ श्रीमद्भगवद्गीता के ख़िलाफ़ विचार प्रस्तुत थे।

हालाँकि अपने रिव्यू में कस्टमर ने उस किताब का नाम नहीं लिखा था और कहा था कि वह उस किताब को लिखने वाले लेखक का प्रचार नहीं करना चाहता। लेकिन विक्रेता से कहना चाहता है कि जब कोई पवित्र ग्रंथ पढ़ना चाहे, अपने विचारों को शुद्ध करना चाहे, शांत जीवन जीना चाहे, तो तुम होते कौन हो नकारात्मता फैलाने वाले? अपने रिव्यू में यूजर ने विक्रेता के ख़िलाफ़ एक्शन लेते हुए उसे ब्लॉक करने की माँग की थी।

अंजी ने भी अपने थ्रेड में आगे लिखा कि यदि पुराण मैंने ऑर्डर किया है, तो इसका मतलब मैं उसे पढ़ने चाहता हूँ, विक्रेता को कोई अधिकार नहीं है कि वह मेरे धर्मग्रंथ का प्रतिवाद भेजकर मेरे विश्वास का मजाक उड़ाए।

यहाँ बता दें कि ये वाकये एक दो संख्या तक सीमित नहीं हैं। साल 2017 में एक ऐसा ही मामला आया था। उस समय योगिनी देशपांडे नाम की एक महिला ने अपने मैसेज शेयर किए थे और बताया था कि उन्हें अमेजॉन द्वारा बाइबल भेजी गई थी, जबकि उन्होंने ‘जेएनयू में एक लड़की रहती थी’ नाम की किताब ऑर्डर की थी।

इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए उन्होंने कई प्रमाण भी साझा किए थे। इन प्रमाणों में टेक्स्ट मैसेज से लेकर किताब की तस्वीर, उसका प्रथम पृष्ठ आदि भी शेयर किए थे। इस मामले में हैरत की बात ये थी कि दोनों किताबों के विषय वस्तु बिलकुल अलग-अलग थी और दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं था।

बाद में पता चला कि इस तरह की घटना कई उपभोक्ताओं के साथ हो चुकी है। कई लोगों को ऐसी किताबें भेजी गई हैं। किसी ने सुपरहीरोज की किताब ऑर्डर की तो उन्हें ये मिला, किसी ने अंग्रेजी की किताब मँगाई तो उन्हें बाइबल पहुँची।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कॉन्ग्रेस का ध्यान भ्रष्टाचार पर’ : पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बोला जोरदार हमला, ‘टेक सिटी को टैंकर सिटी में बदल डाला’

पीएम मोदी ने कहा कि आपने मुझे सुरक्षा कवच दिया है, जिससे मैं सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हूँ।

ईंट-पत्थर, लाठी-डंडे, ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे… नेपाल में रामनवमी की शोभा यात्रा पर मुस्लिम भीड़ का हमला, मंदिर में घुस कर बच्चे के सिर पर...

मजहर आलम दर्जनों मुस्लिमों को ले कर खड़ा था। उसने हिन्दू संगठनों की रैली को रोक दिया और आगे न ले जाने की चेतावनी दी। पुलिस ने भी दिया उसका ही साथ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe