Friday, April 19, 2024
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शाहरुख-कबीर खान को पटाया, रॉकस्टार से ‘फ्री तिब्बत’ का झंडा हटवाया: बॉलीवुड में चीन की घुसपैठ, अपने मन की करवा रहा

लॉ एंड सोसायटी एलायंस की तरफ से 3 सितंबर को जारी किए गए अध्य्यन के जरिए ये भी दावा किया गया है कि चीन अपने हितों को बखूबी साधने के लिए फिल्म रेगुलेटरीज बॉडी में प्रमुख लोगों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहा है।

विस्तारवादी नीति के साथ अपना हर कदम आगे बढ़ाने वाला चीन भारत के कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से घुसपैठ करके देश के लिए खतरा बन रहा है। भारतीय थिंक टैंक ‘Law and Society Alliance’ ने अपने एक अध्ययन में दावा किया है कि चीन अपने गुप्त एजेंडे के तहत भारत में कई क्षेत्रों में दखल बढ़ा रहा है। उनके निशाने पर भारत की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से लेकर विश्वविद्यालय, सामाजिक संस्थान, सोशल मीडिया, थिंक टैंक एवं तकनीकी उद्योग हैं। रिपोर्ट में तमाम उदाहरण देकर समझाया गया है कि कैसे चीन विभिन्न क्षेत्रों में घुसपैठ कर रहा है।

लॉ एंड सोसायटी एलायंस की तरफ से 3 सितंबर को जारी की गई 76 पृष्ठ की एक रिपोर्ट ‘मैपिंग चाइनीज फुटप्रिंट एंड इंफ्लूएंस ऑपरेशन इन इंडिया’ में दावा किया गया है कि रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के पीछे बीजिंग का गुप्त एजेंडा है। बॉलीवुड सेक्टर की बात करें तो चीनी कंपनियाँ ‘को-प्रोडक्शन’ के रूप में कार्य करके क्षेत्र में घुसी हुई हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2019 में देखने को मिला था जब बीजिंग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टविल आयोजित हुआ था। उस दौरान चीन ने कार्यक्रम में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता शाहरुख खान और निर्देशक कबीर खान की भागीदारी को भी सफलतापूर्वक प्रबंधित कर लिया था।

रिपोर्ट बताती है कि भारत की फिल्म इंडस्ट्री में बीजिंग का प्रभाव बढ़ाने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने एक लॉबी ग्रुप बनाया है। इसका प्रमुख भारतीय लाबियिस्ट है जो कि काम ही फिल्म क्षेत्र के लिए कर रहा है। रिपोर्ट बताती है बीजिंग के ऐसे प्रभाव बेहद सूक्ष्म हैं लेकिन साथ ही व्यवस्थित भी है। इसके अलावा इस अध्य्यन के जरिए ये भी दावा किया गया है कि चीन अपने हितों को बखूबी साधने के लिए फिल्म रेगुलेटरीज बॉडी में प्रमुख लोगों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहा है।

चीन का फिल्म इंडस्ट्री पर कितना गहरा प्रभाव है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2011 में रिलीज हुई रॉकस्टार फिल्म में जहाँ फ्री तिब्बत का झंडा था, उसके निर्माताओं को उसे सेंसर करना पड़ा। ऐसा क्यों हुआ? इसका जवाब चीन-तिब्बत विवाद है। तिब्बत लंबे समय से अपनी आजादी की माँग कर रहा है मगर चीन उस पर अपना अधिकार जमाता है। चीन का कहना है कि 13वीं शताब्दी में तिब्बत चीन का हिस्सा था तो आज भी उस पर उन्हीं का हक है। हालाँकि तिब्बती इस दावे को नहीं मानते इसलिए फ्री तिब्बत की आवाज वहाँ से अक्सर सुनने को मिलती है।

वीडियो साभार: tseries

साल 2011 में जब यही दृश्य फिल्म के गाने में दिखाया गया तो फिल्म रिलीज के लिए पास नहीं हुई। बाद में जानकारी आई कि विवादित सीन को काट दिया गया है। इसलिए फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट मिलता है। सेंसर बोर्ड की इस हस हरकत से कई तिब्बती नाराज हुए थे और सीन रिस्टोर करने की माँग की गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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